Author Topic: सहस्त्रधारा, द्रोणाचार्य गुफा ,Sahstrdhara Dehradun Uttarakhand  (Read 13357 times)

Devbhoomi,Uttarakhand

  • MeraPahad Team
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 13,048
  • Karma: +59/-1
देहरादून से मात्र 16 किलोमीटर की दूरी पर राजपुर गांव के पास स्थित  है। यहां स्थित गंधक झरना त्वचा की बीमारियों की चिकित्सा के लिए प्रसिद्ध  है। इसकी चिकित्सा संबंधी कुछ अन्य उपादेयताएं भी हैं।

खाने-पीने और अन्य  तरह की चीजें बेचने वाली दुकानों के होने से यह जगह पिकनिक के लिहाज से  बेहद उपयुक्त है। काफी परिवारो को यहां पर मौज-मस्ती करते हुए देखा जा  सकता है। अन्य लोगों की तरह यह जगह बच्चों के बीच भी समान रूप से लोकप्रिय  है।यह पूरी जगह अपने आप में एक अजूबा है।

पहाड़ी से गिरते हुए जल को  प्राकृतिक तरीके से संचित किया गया है। यहाँ से थोडी दूर एक पहाड़ी के  अंदर प्राकृतिक रूप से तराशी हुई कई छोटी छोटी गुफाएँ है, जो बाहर से तो  स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देती किंतु इन गुफा में जब प्रवेश करते है तो  देखते हैं कि गुफाओं की छत से अविरत रिमझिम हल्की बारिश की बौछारें टपकती  रहती है। बस यही सहस्त्रधारा है।



वहां कई लोग अपने पोलियो ग्रस्त बच्चों  को गंधक के पानी में नहलाते हुए नजर आते है। यह जगह छोटी सी है, जहाँ कुछ  घंटे जरूर रुक सकते है। चाय पानी नाश्ते का भी सुचारु इंतज़ाम है। कुछ  हस्तकला की चीजों की दूकाने भी है।

सहस्रधारा  जाने के लिए पक्‍की सड़क है। तीन पहाडि़यों को पार कर सहस्रधारा तक पहुँचा  जा सकता है। पहाड़ों की घुमावदार एवं ऊँची-नीची सड़कें और हरे-भरे  पेड़–पौधे शहर छोड़ते ही साथ हो लेते हैं। एक पहाड़ी नाले के ऊपर  सहस्रधारा की चट्टानें हैं।

 उसके नीचे गुफा है, जिसमें पानी झरता रहता है-  बहुत ही ठंडा, बूंद-बूंद, फुहारों की तरह और इसीसे छोटी-छोटी असंख्य  धाराएं बन जाती हैं। गरमी अधिक थी, अतः धाराएं कम थीं। शायद बरसाती दिनों  में सहस्र धाराएं अवश्य बन जाती होंगी।

यहां  आकर चारो ओर एकांत, शांत और स्‍वच्छ वातावरण की मेरी उम्‍मीदों पर मानों  पानी फिर गया। मोटर की आवाजों का शोर, चाय, पान, सिगरेट, पूरी मिठाइयों की  दुकानें और इनसे उपजी गंदगियां- जूठे पत्तल, दोने, कुल्‍हड़, प्‍लास्टिक  की बोतलें, गिलास, सिगरेट बीड़ी के टुकड़े, खाली डिब्‍बे, पान की पीक आदि  नाले के सड़े पानी की दुर्गंध के साथ चारो ओर बिखरे पड़े थे।

 ये सब हमारी  ही तो देन हैं। हम अपनी प्रकृति का आनन्द लेने के बहाने उसको नष्‍ट करने  का मजा लेते हैं। उसे अशोभन, अनाकर्षक और कुरूप बना देते हैं। सहस्रधारा  से अविरल झरता पानी प्रकृति के साथ हुए अत्‍याचार पर आंसू बहाता प्रतीत  हुआ।




M S JAKHI


Devbhoomi,Uttarakhand

  • MeraPahad Team
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 13,048
  • Karma: +59/-1
नगर से 14 किलोमीटर दूर प्राकृतिक सौंदर्य से संपन्न यह  मनोरम पर्यटन–स्थल गंधक वाले पानी के झरने के कारण अधिक प्रसिद्ध है।  घाटियों के बीच टोंस नदी के समीप स्थित इस स्थान पर पहाड़ की गुफा में  छतों से अनगिनत जगहों से जलधारा निरंतर बहती रहती है। इसीलिए इस स्थान का  नाम सहस्रधारा पड़ा। यहां पर डाक बंगला, विश्राम–गृह आदि भी है।



Devbhoomi,Uttarakhand

  • MeraPahad Team
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 13,048
  • Karma: +59/-1
सहस्रधारा यह पूरी जगह अपने आप में एक अजूबा है। पहाड़ी से  गिरते हुए जल को प्राकृतिक तरीके से संचित किया गया है। यहाँ से थोडी  दूर एक पहाड़ी के अंदर प्राकृतिक रूप से तराशी हुई कई छोटी छोटी  गुफाएँ है, जो बाहर से तो स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देती किंतु इन  गुफा में जब प्रवेश करते है तो देखते हैं कि गुफाओं की छत से अविरत  रिमझिम हल्की बारिश की बौछारें टपकती रहती है।

 बस यही सहस्त्रधारा है।  वहां कई लोग अपने पोलियो ग्रस्त बच्चों को गंधक के पानी में नहलाते  हुए नजर आते है। यह जगह छोटी सी है, जहाँ कुछ घंटे जरूर रुक सकते है।  चाय पानी नाश्ते का भी सुचारु इंतज़ाम है। कुछ हस्तकला की चीजों की  दूकाने भी है।



Devbhoomi,Uttarakhand

  • MeraPahad Team
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 13,048
  • Karma: +59/-1
सहस्त्रधारा का हजार गुना अर्थ वसंत होता है। सहस्त्रधारा देहरादून से आगे पहाड़ों में घने जंगलों के बीच स्थित है। देवभूमि उत्तराखंड की राजधानी व उत्तरी भा के पश्चिमोत्तर उत्तरांचल  राज्य में स्थित देहरादून से सहस्त्रधारा 11-12 किलोमीटर दूर है।

 यह एक  पिकनिक स्पॉट है लेकिन यहाँ का मुख्य आकर्षण वे ग़ुफाएँ हैं जिनमें लगातार  पानी टपकता रहता है। यह पानी गन्धक युक्त होता है, जिसके उपयोग से चमड़ी  के दर्द ठीक हो सकते है।

 पहाड़ी से गिरते हुए जल को प्राकृतिक तरीके से ही  संचित किया गया है। थोड़ी दूर पहाड़ी पर आगे चलने पर पहाड़ी के अन्दर  प्राकृतिक रूप से तराशी हुई कई छोटी छोटी ग़ुफा है जो बाहर से तो स्पष्ट  रूप से दिखाई नहीं देती किंतु इन ग़ुफा में जब प्रवेश करते है तो उनकी छत  अविरत रिमज़िम हलकी बारिश की बौछारों की तरह टपकती रहती है।

यहाँ स्थित  धाराओं के अनेक समूहों को सहस्त्रधारा के नाम से जाना जाता है। गर्मियों  में तपिश से बचने के लिए हर साल सैंकडों की संख्या में लोग यहाँ आते हैं।  यह स्थान प्रथम प्रधानमंत्री स्व.
जवाहर लाल नेहरू के प्रिय स्थानों में भी रहा है।



Devbhoomi,Uttarakhand

  • MeraPahad Team
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 13,048
  • Karma: +59/-1
सहस्त्रधारा देहरादून के मुख्य पर्यटन  स्थलों में से है। यहाँ बलदी नदी और गुफाएँ मनोहारी दृश्यों के लिए  विख्यात हैं। यहाँ औषधीय गुणों वाला झरना भी बहता है। मान्यता है कि यहाँ  स्नान करने से विभिन्न प्रकार के चर्म रोग दूर हो जाते हैं। यहाँ कई माता  पिता अपने पोलियो ग्रस्त बच्चों को गंधक के पानी में नहलाते हुए नजर आते  है।
 

वर्तमान में यहाँ सबसे आकर्षण का केन्द्र यहाँ का रोप वे है। जिसे  मणिदीप के नाम से जाना जाता है। मुख्य सहस्त्रधारा से लगभग तीन हजार मीटर  की ऊँचाई पर स्थित मणिदीप को जाने के लिए रोप वे का निर्माण किया गया है।  इस मणिदीप पर बड़ों व बच्चों के लिए मनोरंजन के कई साधन मौजूद हैं, जो इस  प्रकार है-




Devbhoomi,Uttarakhand

  • MeraPahad Team
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 13,048
  • Karma: +59/-1
सहस्त्रधारा ,हरिद्वार से हिमालय के चरणस्पर्श कर हम थोडा और आगे  चलते है. आगे राजाजी नेशनल पार्क पडता है. इस पार्क को राष्ट्रीय  अभ्यारण्य का गौरव प्राप्त है. यहाँ आप जीप में बैठकर सैर कर सकते है जो  वहीं किराये पर मिलती है. देहरादून की ओर चलते समय रास्ते पर आती है यह सहस्त्रधारा.

सहस्त्रधारा,  एक सुंदर और प्राकृतिक धारा है. एक बार तो आपको इस जगह कोई खूबी तुरंत नज़र  नहीं आएगी, पर यह पुरी जगह अपने आप में एक अजूबा है. एक पहाड़ी से गिरते  हुए जल को एक प्राकृतिक तरीके से ही संचित किया गया है. कहा जाता है की यह  जल गंधक मिश्रित होता है जिसके उपयोग से चमड़ी के दर्द ठीक हो सकते है. पर  असली अजूबा यहाँ नही है.

यहाँ से थोडी दूर एक पहाड़ी पर है असली अजूबा. इस  पहाड़ी के अंदर प्राकृतिक रूप से तराशी हुई कई छोटी छोटी गुफाएँ है, जो  बाहर से तो स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देती किंतु इन गुफा में जब प्रवेश  करते है तो देखते हैं कि गुफाओं की छत से अविरत रिमझिम हल्की बारिश की  बौछारें टपकती रहती है. बस यही सहस्त्रधारा है.

वहां कई लोग अपने पोलियो ग्रस्त बच्चों को गंधक के पानी  में नहलाते है  यह जगह छोटी सी है, जहाँ कुछ घंटे जरूर रुक सकते है. चाय  पानी नाश्ते का भी सुचारु इंतज़ाम है. कुछ हस्तकला की चीजों की दूकाने भी  है.
एक बात तो है कि हुनर और हस्तकला में हर राज्य की एक अपनी पहचान -विशेषता उभर कर सामने आती है.
 
यहां  से तकरीबन ग्यारह किलोमीटर की दूरी पर उत्तरांचल की राजधानी देहरादून बसी  हुई है. यहाँ कई महत्वपूर्ण संस्थाओं के मुख्यालय भी है. यहाँ का दून  स्कूल जगविख्यात है जहाँ हमारे कई महानुभाव पढे हुए है.


हिमालय की गोद में बसा हुआ ये स्थल पर्यावरण के सुचारु  रखरखाव की अच्छी मिसाल है. यह हरा भरा है, प्रदूषण से मुक्त है. यहाँ के  चावल उसकी अनोखी खुशबू के कारण जगमशहूर है. यहां से मसूरी जा सकते है.




Jasbeer Singh Bisht

  • Jr. Member
  • **
  • Posts: 55
  • Karma: +2/-0
Wow these pictures are making me crazy to jump and have a bath in these  pools. I have been in Doon for 4 years and I used to go frequently to  shastradhara with my friends. This is a very nice place to visit in  doon amongst robert cave (Gucchu pani) and Lacchiwala.

Devbhoomi,Uttarakhand

  • MeraPahad Team
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 13,048
  • Karma: +59/-1

Devbhoomi,Uttarakhand

  • MeraPahad Team
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 13,048
  • Karma: +59/-1

Devbhoomi,Uttarakhand

  • MeraPahad Team
  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 13,048
  • Karma: +59/-1

 

Sitemap 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22