Author Topic: Surrounding Peaks In Your Neighbourhood - उत्तराखंड के प्रसिद्ध ऊँचा नीचा डाना  (Read 15691 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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उत्तराखंड के प्रसिद्ध ऊँचा नीचा डाना -

दोस्तों,

उत्तराखंड के स्थानीय भाषा में ऊँची -२ चोटियों को डाना कहते है! जैसे कि इस राज्य का ९० % भाग पहाडी है और जगह जगह ऊँची -२ चोटियों कि किसी ना किसी देवी देवताओ का मंदिर है!  

उत्तराखंड के हर क्षेत्र मे लगभग डाने प्रसिद्ध डाने है ! जिसकी जानकारी हम यहाँ पर देंगे  ! We also expect that you would also share information about these hills which are in your surrouding and and religious importance.


Regards,

M S Mehta

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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बनकटिया का डाना
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उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में पिंडारी की तरफ एक चोटी है जिसका आकर कुल्हाडी की तरह है! बन्काट जिस  स्थानीय भाषा में लोग बन्काट (यानी कुल्हाडी)  कहते है !

लोगो मे आस्था है किस डाना में कई देवी देवता भी रहते है !

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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बुग्याल

उत्तराखंड के गढ़वाल हिमालय में हिमशिखरों की तलहटी में जहां टिंबर लाइन (यानी पेडों की पंक्तियाँ) समाप्त हो जाती हैं वहां से हरे मखमली घास के मैदान प्रारंभ होने लगते हैं। आम तौर पर ये ८ से १० हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित होते हैं। गढ़वाल हिमालय में इन मैदानों को बुग्याल कहा जाता है।


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औली बुग्याल।

औली से ही १५ किलोमीटर की दूरी पर एक और आकर्षक बुग्याल है क्वारी। यह भी अत्यंत दर्शनीय बुग्याल है।





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बेदनी बुग्याल

प्रसिद्ध बेदनी बुग्याल रुपकुंड जाने के रास्ते पर पडता है। ३,३५४ मीटर की ऊंचाई पर स्थित इस बुग्याल तक पहुंचने के लिए के लिए आपको ऋषिकेश से कर्णप्रयाग, ग्वालदम, मंदोली होते हुए वाण पहुंचना होगा। वाण से घने जंगलों के बीच गुजरते हुए लगभग १० किलोमीटर की चढा़ई के बाद आप बेदनी के सौंदर्य का आंनद ले सकते हैं। इस बुग्याल के बीचों-बीच फैली झील यहां के सौंदर्य में चार चांद लगी देती है।

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चोपता बुग्याल

गढ़वाल का स्विट्जरलैंड कहा जाने वाला चोपता बुग्याल २,९०० मीटर की ऊंचाई पर गोपेश्वर-ऊखीमठ-केदारनाथ मार्ग पर स्थित है। चोपता से हिमालय की चोटियों के समीपता से दर्शन किए जा सकते हैं।

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दुगलबिठ्ठा  बुग्याल
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चोपता से ही आठ किलोमीटर की दूरी पर दुगलबिठ्ठा नामक बुग्याल है। यहां कोई भी पर्यटक सुगमता से पहुंच सकता है।

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बगजी बुग्याल
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चमोली और बागेश्वर के सीमा से लगा बगजी बुग्याल भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। समुद्रतल से १२,००० फीट की ऊंचाई पर स्थित यह बुग्याल लगभग चार किलोमीटर क्षेत्र में फैला है। यहां से हिमालय की सतोपंथ, चौखंभा, नंदादेवी और त्रिशूली जैसी चोटी के समीपता से दर्शन होते हैं।

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पवालीकांठा बुग्याल
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टिहरी जिले में स्थित पवालीकांठा बुग्याल भी ट्रेकिंग के शौकीनों के बीच जाना जाता है। टिहरी से घनसाली और घुत्तू होते इस बुग्याल तक पहुंचा जा सकता है। ११,००० फीट की ऊंचाई पर स्थित यह बुग्याल संभवतया गढ़वाल का सबसे बडा़ बुग्याल है। यहां से केदारनाथ के लिए भी रास्ता जाता है।

कुछ ही दूरी पर मट्या बुग्याल है जो स्कीइंग के लिए बहुत उपयुक्त है। यहां पाई जाने वाली दुलर्भ प्रजाति की वनस्पतियां वैज्ञानिकों के लिए शोध का विषय बनी रहती हैं।


 

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दयारा बुग्याल।

उत्तरकाशी-गंगोत्री मार्ग पर भटवाडी से रैथल या बारसू गांव होते हुए आता है दयारा बुग्याल। १०,५०० फीट की ऊंचाईं पर स्थित यह बुग्याल भी धरती पर स्वर्ग की सैर करने जैसा ही है। ऐसे न जाने गढवाल में कितने ही बुग्याल हैं जिनके बारे में लोगों को अभी तक पता नहीं है। इनकी समूची सुंदरता को केवल वहां जाकर महसूस किया जा सकता है। हालांकि हजारों फीट की ऊंचाई पर स्थित इन स्थानों तक पहुंचना हर किसी के लिए संभव नहीं है।


कब व कैसे
 
औली बुग्याल।इन बुग्यालों तक पहुंचने के लिए आप देश के किसी भी कोने से बस या रेल से ऋषिकेश या कोटद्वार पहुंच सकते हैं। ऋषिकेश और कोटद्वार पहुंचकर आप बस या टैक्सी से चमोली, टिहरी और उत्तरकाशी पहुंच सकते हैं। आप हवाई मार्ग से भी ऋषिकेश के निकट जौली ग्रांट हवाई अड्डा उतर सकते हैं। इन छोटे पहाडी़ नगरों तक पहुंचने के लिए बस या टैक्सी सरलता से मिल जाती हैं। इन छोटे पहाडी़ नगरों पर पहुंचकर आप यहां के परिवेश के बारे में जानकारी ले सकते हैं। इन्हीं जगहों से ट्रैकिंग के द्वारा बुग्यालों की स्वप्निल दुनिया की सैर की जाती है। यह रोमांच की यात्रा है।

इन क्षेत्रो में बारिश के मौसम में जाना ठीक नहीं। हरियाली और फूलों का मजा़ लेना हो तो मई-जून का समय सबसे बढिया है। सितंबर-अक्टूबर में बारिश के बाद पूरी प्रकृति धुली-धुली सी लगती है। इस समय तक बुग्यालों का रंग बदल चुका होता है। उसके बाद बर्फ पडना आरंभ हो जाता है। कई रास्ते बंद हो जाते हैं तो कई बुग्याल स्कीइंग के द्वारा सर्दियों में भी अपनी रौनक बनाए रहते हैं। मौसम के अनुसार ही आपको भी अपनी तैयारी करनी होगी।


 

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