गाब वृक्ष वनीकरण से स्वास्थ्य पर्यटन विकास
Indian Persimmon Tree Plantation for Medical Tourism Development
औषधि पादप वनीकरण -44
Medicinal Plant Community Forestation -44
उत्तराखंड में चिकत्सा पर्यटन रणनीति -148
Medical Tourism Development Strategies - 148
उत्तराखंड पर्यटन प्रबंधन परिकल्पना - 251
Uttarakhand Tourism and Hospitality Management -251
आलेख : विपणन आचार्य
भीष्म कुकरेती
लैटिन नाम - Garcinia malabarica , Syn - Diospyros malabarica
संस्कृत - तेंदुका
सामान्य नाम - गाब , , काला तेन्दु
आर्थिक उपयोग ---
गोंद
नाव जैसी वस्तु निर्माण हेतु किन्तु बहुत कम प्रयोग
कीमती फर्नीचर हेतु उपयोगी
गाब पर बहुत कम अनवेषण हुए हैं
फल खाये जा सकते हैं किन्तु पसंद नहीं किये जाते
-----औषधि उपयोग ---
रोग व पादप अंग जो औषधि में उपयोग होते हैं
पत्तियां
छाल
फूल
फल
बीज से तेल
रोग जिनके निदान में पादप उपयोगी है
दस्त
बुखार
घाव भरान
ट्यूमर रोकथाम या नाशक
बाजार में उपलब्ध औषधि
पादप वर्णन
समुद्र तल से भूमि ऊंचाई मीटर - 500 तक , भिलंगना , पौखाल , बालगंगा टिहरी गढ़वाल में पाया गया है , नदी किनारे जहां धूप व छाया भी हो और जल हो , छाया वा धूप दोनों को सहन कर लेता है
तापमान अंश सेल्सियस - २५ -३५ किन्तु ४० को शान कर सकता है
वांछित जलवायु वर्णन - गदन किनारे
वांछित वर्षा mm- १५०० -२५०० किन्तु १००० -३००० सहन कर लेता है
वृक्ष ऊंचाई मीटर - सामन्य २५ तक किन्तु ३७ तक भी बढ़ सकता है
तना गोलाई मीटर - १ तक जा सकता है
छाल -सिलेटी या काली
पत्तियां आकार , लम्बाई X चौड़ाई cm और विशेषता - अंडाकार , ह्री मोम लगे जैसे , ७ से १५ x ३ से ७ . ५
फूल आकार व विशेषता - लघु पुष्प वृन्तक पर गुच्छों में कुछ कुछ घंटी जैसे
फूल रंग - सफेद
फल आकार व विशेषता - गुठली /बेरी ५ cm , एक बेरी में ४ -५ बीज , पहले हरे पककर पीले
बीज/गुठली कितने समय तक अंकुरण हेतु क्रियाशील हो सकते हैं - तुरंत - बीजों को गुठली से बाहर निकालना आवश्यक
मानसून में बोये जाने चाहिए
संक्षिप्त कृषिकरण विधि -
बांछित मिट्टी प्रकार pH आदि - ६ -७ किन्तु ५- ७ को भी सहन कर लेता है , तकरीबन उपजाऊ मिट्टी
बीज बोन का समय - मानसून
मिटटी में बीज कितने गहरे डालने चाहिए - cm गहराई - बीज का डेढ़ गुना गहराई
नरसरी में बालू के साथ मिट्टी , खाद में , ३ - ५ cm के अंतर् पर बोये जाने चाहिए , एक हफ्ते में अंकुर आ जाते हैं , इस समय बरोबर सिचाई आवश्यक , नए बीजों का अंकुरण प्रतिशत ८५ जा सकता है , दो महीने में रोपण किया जा सकता है
क्या वनों में सीधे बीज या पके फल छिड़के जा सकते हैं ? फल को नहीं बोना चाहिए। केवल बीजों को गोबर गोलों में भरकर अधिक उत्पादक हो सकते हैं / बीजों को नदी या गदनों में बहा देना श्रेयकर
वयस्कता समय वर्ष -
यह लेख औषधि पादप कृषिकरण /वनीकरण हेतु जागरण हेतु लिखा गया है अतः विशषज्ञों , कृषि विद्यालय व कृषि विभाग की राय अवश्य लें
कृपया इस लेख का प्रिंट आउट ग्राम प्रधान व पंचायत को अवश्य दें
Copyright@ Bhishma Kukreti , 2018 , kukretibhishma@gmail.com
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