Author Topic: Tourism Related News - पर्यटन से संबंधित समाचार  (Read 61558 times)

पंकज सिंह महर

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मां पूर्णागिरि धाम में श्रद्धालु उमड़े

टनकपुर (चंपावत)। उत्तर भारत के सुप्रसिद्ध मां पूर्णागिरि धाम में भारी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने का क्रम जारी है। रविवार को सरकारी अवकाश होने के कारण शनिवार को भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे।

सरकारी मेला शुरू हुए 12 दिन बाद भी मेले में कई समस्यायें बनी हुई है। पूर्णागिरि मार्ग की यातायात व्यवस्था अभी तक पटरी में नही आ पाई है। टनकपुर, ठूलीगाड़ व भैरव मंदिर क्षेत्र में वाहनों के आड़े- तिरछे खड़े होने से श्रद्धालुओं को भारी दिक्कतें उठानी पड़ रही है। पूर्णागिरि मार्ग में वाहनों में हो रही ओवर लोडिंग में प्रशासन का अभी तक अंकुश नहीं लग पाया है। पूर्णागिरि मेले में विभिन्न देवी-देवताओं के रूप में पूर्णागिरि क्षेत्र में जगह-जगह भीख मंागने को खड़े लोग आकर्षण का केन्द्र बने है।

पंकज सिंह महर

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ठूलीगाड़-पूर्णागिरि रज्जू मार्ग को स्वीकृति मिलने से पुजारी भड़के

टनकपुर(चंपावत)। शासन द्वारा ठूलीगाड़- पूर्णागिरि रज्जाू मार्ग (रोपवे) को स्वीकृति मिलने से मां पूर्णागिरि धाम के पुजारी भड़क उठे है। पुजारियों ने रज्जाू मार्ग का रास्ता न बदलने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है। उधर हिन्दू जागरण मंच ने शासन के इस फैसले का स्वागत किया है।

मालूम हो कि ठूलीगाड़ से कालिका मंदिर तक दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए रोपवे लगाये जाने की मांग लम्बे समय से उठाई जा रही है। रोपवे लगाये जाने को लेकर पूर्व कृषि मंत्री महेन्द्र सिंह माहरा ने भी अपने शासन काल में जोरदार ढंग से पैरवी की थी। पूर्णागिरि क्षेत्र में सरकार द्वारा रोपवे लगाये जाने की स्वीकृति से मंदिर के पुजारी भड़क उठे है। धाम के मुख्य पुजारी व बीडीसी सदस्य भुवन चन्द्र पान्डेय ने रोपवे का स्थान बदलकर ठूलीगाड़ से भैरव मंदिर तक किये जाने की मांग की है। ऐसा न होने पर धाम के पुजारियों ने उग्र आंदोलन का ऐलान किया है। श्री पान्डेय ने बताया कि इस मसले को लेकर 16 अप्रैल को भैरव मंदिर में पुजारियों की बैठक आहूत की गई है।

इधर हिजामं ने शासन के इस फैसले का स्वागत किया है। इस बावत हिजामं की बैठक में वक्ताओं ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा तीर्थ स्थलों का विकास करने व पर्यटन को बढ़ावा देने से राज्य का चहुंमुखी विकास होगा। वक्ताओं ने पूर्णागिरि मेले में नवरात्रों के दौरान मांस की दुकानों को पूर्णतया बन्द कराने की मांग को लेकर एसडीएम जीवन सिंह नगन्याल को ज्ञापन भी दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता हिजामं के जिलाध्यक्ष कमल पन्त व संचालन जिला मंत्री रमेश बाल्मीकि ने किया।

पंकज सिंह महर

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पर्यटन विकास में महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण

फाटा (रुद्रप्रयाग)। सीमांत ग्राम पंचायत व पर्यटक गांव त्रियुगीनारायण में समर फाउंडेशन ट्रस्ट नई दिल्ली ने उत्तराखंड में ग्रामीण पर्यटन विकास पर चार दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए महिलाओं की भूमिका पर जोर दिया गया।

उत्तराखंड के गांवों में महिलाओं को पर्यटन संबंधी जानकारियां देते हुए पर्यटन विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के उद्देश्य से समर फाउंडेशन ट्रस्ट नई दिल्ली ने त्रियुगीनारायण में शुरू किए गए चार दिवसीय कार्यशाला में महिलाओं को ग्रामीण क्षेत्र में पर्यटन का लाभ विशेष रूप से दिए जाने जोर दिया। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी एमएस कुटियाल ने कहा कि इस क्षेत्र में पर्यटन विकास की अपार संभावनाएं है तथा इस कार्य में फाउंडेशन की पहल मील का पत्थर साबित होगी। महिलाओं को ऐसे कार्यक्रमों में अधिकाधिक प्रतिभाग करना चाहिए ताकि वह जागरूक होने के साथ अधिक से अधिक जानकारी हासिल कर सकें। पर्यटन अधिकारी सीमा नौटियाल व होली हिमालय संस्था की श्रीमती लता बिष्ट ने प्रशिक्षणार्थियों को समर फाउंडेशन के इस प्रशिक्षण पर ध्यान देते हुए उसे पूर्ण सहयोग देने का आह्वान किया। कार्यक्रम परियोजना निदेशक फारुख अहमद व ट्रस्ट शोध अधिकारी अवनीत कुमार ने कहा कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन विकास को बढ़ावा देने के साथ ही महिलाओं को रोजगार के साधन उपलब्ध कराना है। साथ ही परियोजना में स्वयं सहायता समूह को वरीयता दिए जाने का प्रस्ताव रखा गया है। इस मौके पर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि व कई महिलाएं उपस्थित थी।

पंकज सिंह महर

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नवरात्रों की तैयारियां जारी, मंदिरों में आकर्षक सजावट

सितारगंज(ऊधमसिंहनगर)। नवरात्रि के चलते नगर के सभी मंदिर आकर्षक तरीके से सजाये गये है। नवरात्रि के उपलक्ष्य में मंदिरों में भजन-कीर्तन कर प्रभु का गुणगान किया जायेगा। कार्यक्रमों की तैयारी के चलते रविवार को भी मंदिरों में काफी चहल-पहल रही।

यूं तो मंदिरों में श्रद्घालु पूजा अर्चना के लिए जाते ही रहते है लेकिन नवरात्र में पूजा का विशेष महत्व है। तराई में नवरात्र पर विशेष तौर से पूजा अर्चना की जाती है। सोमवार से नवरात्रि प्रारंभ होने के चलते वैसे तो सभी मंदिरों में धार्मिक कार्यक्रम रखे गये है लेकिन देवी मां के मंदिरों को खास तौर से सजाया है। नगर के श्री सनातन धर्म मंदिर, दुर्गा ज्योतिपीठ, गणेश मंदिर, रामेश्वरम शिव शक्ति मंदिर, भूमियादेवी मंदिर, मौनी बाबा मंदिर, शिव मंदिर चिन्तीमजरा आदि में धार्मिक कार्यक्रम होने है।

मान्यता है कि जो नवरात्रि के व्रत रखकर देवी मां की पूजा करता है उससे देवी प्रसन्न रहती है और वह भक्तों को हमेशा खुश रखती है। माना जाता है कि विधि विधान से नवरात्रि की पूजा करने वालों के घर में सुख समृद्घि आती है व आपदायें दूर रहती है। नवरात्र के दौरान मंदिरों में भजन-कीर्तन, यज्ञ, श्रीमद भागवत कथा आदि का आयोजन किया जाता है। नवरात्रि पर भक्त भगवान शिव की पूजा-अर्चना कर जलाभिषेक भी करते है। इस दौरान नौ दिन तक उपवास रख कन्याओं को भोजन करा यथोचित भेंट देकर व्रत का उद्यापन किया जाता है।

हलिया

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पहाड़ की लोक संस्कृति से जुड़ी कहानी है ड्राईविंग लेशनApr 08, 02:10 am

बेरीनाग(पिथौरागढ़)। प्रसिद्ध पर्यटन स्थल चौकोड़ी में इन दिनों बेला फिल्म प्रोडक्शन की फिल्म ड्राईविंग लेशन की शूटिंग चल रही है। पहाड़ी संस्कृति पर आधारित इस फिल्म की शूटिंग को लेकर क्षेत्र के लोगों में खासा उत्साह है। फिल्म में दर्जनों स्थानीय कलाकारों को भी अवसर दिया जा रहा है।

फिल्म की निर्देशक बेला नेगी ने फिल्म के कथानक की जानकारी देते हुए बताया कि पहाड़ से पलायन कर चुका एक युवक रूपये कमाने के बाद पहाड़ लौटता है तथा यहां आकर एक गाड़ी खरीद कर खूब शौक करता है। अपने यहां के लोगों को भरभर कर घूमाता है और गाड़ी के शौक में वह विशेष कुछ नहीं कर पाता है। उन्होंने बताया कि फिल्म पूरी तरह पहाड़ी संस्कृति पर आधारित है। फिल्म के माध्यम से युवाओं की समस्याओं को उकेरने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि फिल्म में चार दर्जन लोग काम कर रहे है। उन्होंने बताया कि फिल्म का निर्माण जल्द से जल्द पूरा करने के प्रयास किये जा रहे है। उन्होंने कहा है कि फिल्म इस वर्ष रिलीज हो जायेगी। यह फिल्म अब तक बनी फिल्मों से अलग होगी।

almoraboy

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hmm..waiting for it

पंकज सिंह महर

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पिथौरागढ़। जहां एक ओर विश्व भर में सैकड़ों व हजारों वर्ष पुरानी धरोहरों को संरक्षित करने के प्रयास किये जा रहे है वहीं उत्तराखण्ड राज्य में ऐतिहासिक महत्व की धरोहरों का कोई सुधलेवा नहीं है। इसके चलते सैकड़ों वर्ष पूर्व कैलाश मानसरोवर यात्रा पथ पर बनी सैकड़ों धर्मशालाएं खण्डहरों में तब्दील हो चुकी है।

मालूम हो कि जनपद के सीमान्त क्षेत्र धारचूला की एक दानी महिला जसुली दताल द्वारा लगभग 180 वर्ष पूर्व दारमा घाटी से लेकर हल्द्वानी तक कई धर्मशालाओं का निर्माण किया गया था। जिसमें दारमा से पिथौरागढ़, पिथौरागढ़ से अल्मोड़ा, अल्मोड़ा से बागेश्वर और हल्द्वानी को जाने वाले पैदल मार्गो पर अनेक धर्मशालाओं का निर्माण किया गया था। इनमें से अधिकांश धर्मशालाओं के अब अवशेष भी शेष नहीं बचे है वहीं शेष बची धर्मशालाएं जमींदोज होने के कगार पर पहुंच चुकी है। जिसमें पिथौरागढ़ व धारचूला के बीच सतगढ़ नामक स्थान पर बनी धर्मशाला है। उपेक्षा के कारण दानवीर महिला की स्मृति के रूप में बची यह धर्मशाला भी जमींदोज हो चुकी है। इन मार्गो पर धर्मशालाएं होने का उल्लेख लगभग 1870 में अल्मोड़ा के तत्कालीन कमिश्रन्र शेरिंग द्वारा लिखे यात्रा वृतान्त में भी मिलता है। सीमान्त की दानी महिला जसुली देवी के अलावा उस समय के अन्य दानवीर धनाडयों ने भी कई धर्मशालाओं का निर्माण किया था जिनके अब खण्डहर ही शेष मिलते है। जसुली दताल सहित अन्य दानवीरों ने धर्मशालाओं का निर्माण उन मार्गो पर किया था जहां से कैलाश यात्री, भेड़ पालक और व्यापार के लिये मैदानी क्षेत्रों में जाने वाले व्यापारी समय-समय पर आवाजाही करते थे। पैदल यात्री उचित दूरी पर बनी इन्हीं धर्मशालाओं में विश्राम करते थे। ऐतिहासिक विवरणों और स्थानीय जानकारों के अनुसार इन धर्मशालाओं का उपयोग निर्माण के डेढ़ सौ वर्षो तक होता रहा। बाद में मोटर मार्ग बनने से इन धर्मशालाओं का उपयोग बंद हो गया। उपेक्षित रहने से इन धर्मशालाओं में झाड़ व कंटीली झाड़ियां उगने लगी। पृथक राज्य गठन के बाद इन धर्मशालाओं के महत्व को देखते हुये ऐतिहासिक धरोहरों में दिलचस्पी रखने वाले व्यक्तियों द्वारा शासन से संरक्षण की मांग की गई। बावजूद इसके कोई ठोस पहल नहीं होने से अब कुछ स्थानों पर बचे खुचे अवशेष भी मिटने की स्थिति में पहुंच चुके है। अल्मोड़ा के क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी आशीष कुमार के अनुसार यह धर्मशालाएं पुरातत्व विभाग के संरक्षण में नहीं है।

पंकज सिंह महर

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मंदिरों की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम होंगे: भट्ट Apr 09, 02:47 am

ऊखीमठ (रुद्रप्रयाग)। श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अनुसूया प्रसाद भट्ट ने कहा कि आतंकवादी गतिविधियों के मद्देनजर मंदिरों की सुरक्षा व्यवस्था और पुख्ता की जाएगी। इसके लिए पुलिस के साथ ही मंदिर कर्मचारियों का भी सहयोग लिया जाएगा।

गढ़वाल मंडल विकास निगम के आवास गृह में पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि आतंकवाद की दृष्टि से अति संवेदनशील मंदिरों की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। केदारनाथ मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा पुलिस के पास है, लेकिन मंदिर के भीतर की व्यवस्था मंदिर कर्मचारियों के कंधों पर है। उन्होंने मंदिर कर्मियों को यात्रियों के साथ सौम्य व्यवहार करने व कर्तव्यों का सख्ती से पालन करने को कहा। समिति के अध्यक्ष ने कहा कि वरिष्ठता सूची व कर्मियों के कार्यार्ें के मूल्यांकन के बाद शासन से पद सृजन करने की मांग की जाएगी। मंदिर समिति के प्रत्येक कर्मी को यूनीफार्म प्रदान की जाएगी। मदमहेश्वर, तुंगनाथ, कालीमठ, ओमकारेश्वर समेत अन्य तीर्थ स्थलों में यात्रियों की सुविधाओं में वृद्धि करेंगे। ताकि तीर्थ यात्रियों को किसी भी परेशानी का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता यात्रियों को सुविधाएं व यात्रा मार्गाेँ पर स्थित मंदिर धर्मशालाओं को विकसित करने की हैं। इसके लिए ठोस प्रयास किए जा रहे है। इस अवसर पर उपमुख्य कार्याधिकारी जेपी नंबूरी, धर्माधिकारी उमा दत्त सेमवाल, ममता नौटियाल, चंडी प्रसाद भट्ट, सुभाष नेगी, सुभाष रावत, आशीष बमोला, कुशाल सिंह नेगी भी उपस्थित रहे।

पंकज सिंह महर

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जाख मेले की तैयारियां अंतिम चरण में

गुप्तकाशी (रुद्रप्रयाग)। चौदह अप्रैल को तहसील ऊखीमठ के अन्तर्गत जाख देवस्थली देवसाल में होने वाले प्रसिद्ध जाख मेले की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। मेले को लेकर क्षेत्रीय लोगों में भारी उत्साह है।

चौदह गांवों के ग्रामीणों के सहयोग से प्रति वर्ष इस मेले का आयोजन किया जाता है। जाख देवता समिति के अध्यक्ष भगत सिंह चौहान ने बताया कि मेले की तैयारियों को लेकर क्षेत्रीय लोगों में उत्साह है। इस मेले की प्रमुख विशेषता यह है कि जाख देवता जिस व्यक्ति पर अवतरित होता है, वह दहकते अग्निकुंड में कूदकर नृत्य करता है। यह दृश्य काफी रोमांचित होता है। मेले के प्रति लोगों की भारी आस्था है, जिससे बड़ी संख्या में क्षेत्रीय गांव के लोग इस अवसर पर मेले में शामिल होकर जाख देवता के दर्शन करते है। उन्होंने बताया कि इस बार मेले के मुख्य अतिथि काबीना मंत्री मातबर सिंह कंडारी, विशिष्ट अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती शैलारानी रावत, ब्लाक प्रमुख ममता नौटियाल होंगी। कार्यक्रम अध्यक्ष विधायक केदारनाथ श्रीमती आशा नौटियाल होंगी।

पंकज सिंह महर

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प्रदेश में देशी व विदेशी पर्यटकों की आमद में वृद्धि जारी: पंत

नैनीताल। पर्यटन मंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि प्रदेश के अधिकतर शहर पर्यटक स्थल के रुप में विकसित हो रहे है। पिछले एक वर्ष में प्रदेश में 15-20 प्रतिशत देशी व घरेलू पर्यटकों की आमद में वृद्धि हुई है। उन्होंने निकाय चुनाव में आम जनता के भाजपा के दृष्टिकोण को स्वीकार करने व बहुत सोच समझकर बेहत्तर प्रत्याशियों को उतारने से बीजेपी के परचम लहराने की बात कही।

पयर्टन मंत्री श्री पंत ने निकाय चुनाव में परचम लहराने व अध्यक्ष पद के प्रत्याशी किशन पांडे के समर्थन में कार्यकर्ताओं को जुटने का आह्वान किया। उन्होंने बैठक में परचम लहराने को जुटने का आह्वान किया। इस दौरान एंबेसडर होटल में आयोजित पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश के अधिकतर शहर बेहत्तर पर्यटक स्थल के रुप में विकसित हो रहे है। इनमें विशेष रुप से एडवेंचर टूरिज्म पर पिछले एक वर्ष में सफलता मिली है। एक वर्ष में ही घरेलू पर्यटकों की आमद 2.22 करोड़ हुई है। जो पिछले वर्षाें की तुलना में अधिक है। विदेशी पर्यटक भी खासे आए है। आगामी वर्ष में 20 प्रतिशत वृद्धि होने की संभावना है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में कुछ पालिकाओं को छोड़ दिया जाए तो शेष निकायों में पिछले 5 वर्ष में राज्य से प्राप्त धनराशि व अपने संसाधनों से हुए विकास कार्यो में व्यापक अनियमितताओं की शिकायतें मिली है। उन्होंने भूगर्भीय जल में गिरावट पर अकुंश को लेकर सभी पालिकाओं में इंटर लाकिंग टाइल्स बिछाने के कार्य के बारे में कहा कि वैचारिक आधार न होने के कारण नगरीय क्षेत्र के पक्के रास्तों के ऊपर टाइल्स बिछाने की बात सामने आ रही है। उन्होंने नगरीय निकायों को स्वावलंबी बनाने के लिए संविधान के अनुच्छेद 243 के आधार पर अनेक विभागों में जनता की भागीदारी को लेकर कहा कि पिछले पांच वर्षो में ऐसा विजन नहीं बन पाया।

 

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