कृषि भूमि में गैस लाइन बिछाने का विरोध
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काशीपुर: गैस व खनिज पाइप लाइन कृषि भूमि पर बिछाने के निर्णय पर आपत्ति जताते हुए काश्तकारों ने तहसील में प्रदर्शन किया। साथ ही गैल (गैस आथॉरिटी ऑफ इंडिया लि.) के अधिकारियों के समक्ष आपत्ति दर्ज कराकर कृषि योग्य भूमि को छोड़कर अन्य भूमि में बिछाने की मांग की।
बुधवार को ग्राम बरखेडा पांडे, गिरध्याई मुंशी, खाईखेडा, बांसखेड़ी, कटैया, बरखेड़ी आदि के दर्जनों किसान तहसील परिसर में एकत्र हुए। काश्तकारों ने मुरादाबाद से रुद्रपुर तक बिछाई जा रही 145 किमी लंबी पाइप लाइन कृषि भूमि के बीच से बिछाए जाने पर आपत्ति जताई। साथ ही प्रदर्शन किया।
काश्तकारों ने गैल के सक्षम प्राधिकारी द्वारा भूमि के प्रयोग के अधिकार का अर्जन अधिनियम के तहत भेजे नोटिस के जवाब में सक्षम प्राधिकारी बीएस ओझा के समक्ष विरोध जताया। काश्तकारों ने कहा कि यहां भूमि की सिचाई बोरिंग के माध्यम से होती है, लेकिन उनकी जो भूमि गैस पाइप लाइन के अर्न्तगत आ रही है, उस भूमि पर कुआं, ट्यूबवेल, बोरिंग आदि नहीं किया जा सकता, जिससे भूमि बंजर हो जायेगी। साथ ही उपयोगिता भी शून्य हो जायेगी। उन्होंने पाइप लाइन सड़क किनारे, रेल पटरी या नदी के किनारे से बिछाने की मांग की है। गेल से सक्षम प्राधिकारी श्री ओझा ने बताया कि इसके लिये क्षेत्र के 15 गांवों में पहले सर्वे किया जा चुका है। काश्तकारों की आपत्तियों को कंपनी के अधिकारियों के समक्ष रखा जायेगा। यदि आवश्यकता हुई तो पुन: सर्वे किया जा सकता है।
इस मौके पर गुरमेल सिंह, लाजपत सेतिया, रघुवीर सिंह, सलीम, रईस अहमद, अशरफ अली, रमेश चंद्र, महेश चंद्र, सुभाष चौधरी, राजीव ठाकुर, वीरेंद्र सिंह, हरजीत सिंह आदि मौजूद थे।
Source dainik jagran