पुरोला (उत्तरकाशी)। ग्रामीण क्षेत्रों के शत् प्रतिशत वृद्धों, विकलांगों तथा विधवाओं को पेंशन देने के दावे प्रदेश सरकार समय-समय पर करती रही है, पर जमीनी हकीकत कोसों दूर है। समाज कल्याण विभाग ने दो वर्ष पूर्व मोरी विकासखंड के सांकरी में आयोजित बहुउद्देशीय शिविर में विभिन्न गांवों के तीन दर्जन से अधिक वृद्धों, विधवाओं तथा विकलागों ने पेंशन के लिए आवेदन पत्र दिए थे, लेकिन दो साल बाद भी इन 28 लोगों को पेंशन नहीं मिल सकी है।
क्षेत्र के रघुवीर सिंह, कर्जू, पूर्णानंद पृथ्वी सिंह, आलमू, फते सिंह आदि वृद्धों का कहना है कि 2006 सांकरी में आयोजित बहुउद्देशीय शिविर में अकेले देवरा गांव के 45 लोगों में 11 विधवाओं, दो विकलांगों तथा 32 वृद्घों से पेंशन के आवेदन पत्र भराए गए थे तथा 45 लाभार्थियों में से केवल 9 आवेदन ही स्वीकृत हो पाए। शेष आवेदनों को विभिन्न कारणों से आज तक स्वीकृति नहीं मिल पाई। इसी विकासखंड के 52 अन्य गांवों के वृद्घों तथा विधवाओं ने भी आवेदन किया है। इनमें पवाणी के 7, गंगाड के 6, सटूडी के 4, ढाटमीर के 6, जखोल के 5, चिवां के 9 तथा ढडियार के 9 वृद्घों व विधवाओं ने भी करीब एक साल पहले पेंशन के लिए आवेदन किए थे। विभाग ने अब तक इस बारे में स्वीकृत या अस्वीकृत होने की जानकारी नहीं दी है। देवरा गांव की 65 वर्षीय विधवा रामकली, पालमू देई, सुरजी देवी, दशरथी देवी कहती है कि एक वर्ष पूर्व पेंशन के लिए आवेदन किया, पर अभी तक नहीं दी गई है। वृद्घा सालदेई, जमोत्रीदेवी, आगम दत्त, राम प्रसाद, जयवीर सिंह, चंदर दास का कहना है कि दो वर्ष पूर्व पेंशन के लिए आवेदन किया था, लेकिन अभी तक स्वीकृत नहीं हुई। सामाजिक कार्यकर्ता जगदीश रागड़ ने बताया कि क्षेत्र के एक युवक ने कई असहाय लोगों से उनकी पेंशन की स्वीकृति का पता लगाने के नाम पर दो दो सौ रूपये भी ठग लिए हैं। जिला अधिकारी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए उक्त युवक के खिलाफ एसडीएम पुरोला को मुकदमा दर्ज करने के आदेश भी दिए। मोरी क्षेत्र के पेंशन प्रकरणों के संबंध में समाज कल्याण विभाग का अतिरिक्त कार्य देख रहे ग्राम विकास अधिकारी चमनलाल वर्मा का कहना है कि तीन वर्षों में मोरी प्रखंड के आधा दर्जन से अधिक गांव के करीब 175 से भी अधिक महिला पुरूषों के द्वारा पेंशन के लिए फार्म भरेगए है। उनमें से कितने फार्म स्वीकृत हुए है इस संबंध में उन्हे कोई जानकारी नहीं है।