प्रिय संपादकजी सृजन से का जुलाय अंक मिला। इस अंक में सभी लेख बहुत अच्छे लगे।इसके लिए आपको बधाई। मेरा सु़झाव है कि यहां के पुरातत्व एवं विकास के ऊपर भी कुछ लेख होने चाहिये। आज ही गिरदा का देहान्त हो गया है। अब अगला अंक आप शायद उनको समर्पित करना चाहें। मुझे विश्वास है कि आपके नेतृत्व में सृजन से का उत्तरोत्तर विकास होता जाएगा।
शुभकामनाओं सहित डा. धर्मपाल अग्रवाल