हर्बल व फूलों की खेती से समृद्ध होंगे काश्तकार
परंपरागत खेती से हटकर हर्बल व फूलों की खेती आदि के समग्र विकास के लिए विशेष कार्य योजना बनाने में प्राथमिकता देनी होगी। ताकि काश्तकारों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके। यह बात जिलाधिकारी सुवर्द्धन ने कही। वह विकासखण्ड हवालबाग मुख्यालय में जड़ी-बूटी शोध संस्थान गोपेश्वर व उद्यान विभाग के संयुक्त जनपद स्तरीय गोष्ठी में बोल रहे थे।
जिलाधिकारी ने जिले के सभी विकासखण्डों में कम से कम 3 कलस्टर बनाए जाने पर जोर देते हुए कहा कि हर्बल की खेती को बढ़ावा देने के लिए इनमें डिमोस्ट्रेशन कर काश्तकारों को जागरूक करना होगा। जिले में कुल 38 कलस्टर बनाए जाने की सहमति जिलाधिकारी ने दी। औषधीय व सगंध पादकों के समग्र विकास की दिशा में कार्य करने की बात कही। गोष्ठी में आए विशेषज्ञों से जिलाधिकारी ने कहा कि काश्तकारों को उन्नत तकनीक जानकारी ग्राम स्तर तक मिले, इसके लिए विशेष प्रयास करने होंगे। जड़ी-बूटी शोध संस्थान गोपेश्वर के निदेशक आरसी सुंदरियाल ने उत्तराखण्ड राज्य औषधि एवं सगंध पादकों की विविधता, विभिन्नता के लिए उत्तराखण्ड को विख्यात बताया।
इस मौके पर जिला पंचायत अध्यक्ष मोहन राम आर्या, ब्लाक प्रमुख श्रीमती आशा आर्या, एसएसजे परिसर के वनस्पति विज्ञान के प्रो.पीसी पांडे, वनाधिकारी सिविल सोयम प्रेम कुमार, सुरेश उप्रेती, मुख्य विकास अधिकारी हरगोविन्द भट्ट, डीसी गुणवंत, जिला उद्यान अधिकारी डा.आरके सिंह, खण्ड विकास अधिकारी कैलाश चन्द्र जोशी, आनंद डंगवाल, गीता देवी, संजीव कुमार, डा.विजय भट्ट सहित अनेक काश्तकार व विभिन्न विभागों के अधिकारी कर्मचारी मौजूद थे।