मलारी (चमोली ) मे राशन दुकान भवन की निमदारी में काष्ठ कला अलंकरण , नक्कासी
गढ़वाल, कुमाऊँ , उत्तराखंड , हिमालय की भवन (तिबारी, निमदारी , जंगलादार मकान , बाखली , खोली , मोरी , कोटि बनाल ) काष्ठ कला अलंकरण अंकन, नक्काशी- 248
House Wood Carving Art from Malari, Niti , Chamoli
(अलंकरण व कला पर केंद्रित )
संकलन - भीष्म कुकरेती -
मलारी , गमशाली के कुछ भवनों के मिल्कियत की जानकारी न होने से इन्हें संख्या नाम दिया गया है जैसे प्रस्तुत मकान का नाम मलारी भवन संख्या 2 या सरकारी राशन गल्ले की दुकान भवन I
राशन दुकान भवन दुखंड (तिभित्या-एक कमरा अन्दर व एक भर ) , व ढाईपुर शैली का है Iमलारी का राशन दुकान भवन हर सूरत में कुछ साल पहले ही सीमेंट से निर्मित हुआ या पुन: निर्मित हुआ या मरोम्मत हुआ हैI भवन के तल मंजिल में लकड़ी का बड़ा दरवाजा है जिस पर आयताकार आकृति कटान (ज्यामितीय कला /अलंकरण ) हुआ है I तल मंजिल के उपर पहली मंजिल पर छज्जा बंधा है व छज्जे के उपर टिन की छत है जो इस भवन की अधुन्किता को प्रकट करता हैI .छत आधार कड़ी पर धातु की बेल बूटेदार खुदाई की लम्बी पट्टी चिपकी हुयी है I मकान में धातु की कलायुक्त पट्टी उपयोग भी नव युग मकान की सूचना दे देता है I
छज्जे की आधार कड़ी के उपर सामने की ओर 9 व बगल की ओर (सीढ़ी की ओर ) एक स्तम्भ स्थापित हैं I सामने के 9 स्तम्भ आठ ख्वाळ/खोली बनाते हैंI स्तम्भों के आधार में दो ढाई फिट ऊँचाई तक स्तम्भ के दोनों काष्ठ पट्टिका लगी हैं जो स्तम्भ को मोटा होने का आभास देते हैं I इस ऊँचाई के बाद स्तम्भ सीधे सपाट और छतकी कड़ी से मिल जाते हैं I स्तम्भ व छत की कड़ी में कोई कलाकृति उभर कर नही आई है I
स्तम्भ आधार से एक फूट उपर तक एक रेलिंग कड़ी है जिसके ख्वाळ में नीचे लकड़ी के बेलन नुमा 9 आकृति स्थापित है याने निमदारी के जंगले में इस भाग में कुल 72 बेलन नुमा आकृति स्थापित हैंजो भवन की सुन्दरता वृद्धि अकरने में बहुत योगदान देते हैं I . बेलन नुमा आकृति का निचला भाग उल्टी लौकी फल जैसा है जिसके नीचे छोड़ा व बड़ा ड्यूलहैं I बेलन नुमा आकृति के निह्क्ले भाग के उपर ड्यूल है जहाँ से सीधी लौकी आकार है व उपर ड्यूल हैं I याने बेलन आकृति में दो लौकी फल विरोधी दिशा में है जो हुश्न बढ़ाने का काम करते हैं . निचले रेलिंग की कड़ी के उपर धातु के जंगले हैं जिसके एक फूट में उपर लकड़ी की रेलिंग है व इन कड़ीयों के बीच में धातु जाली है I स्तम्भ के बीच ख्वाळओं में नीचे लकड़ी की बेलननुमा आकृति व उपरी रेलिंग /जंगले में धातु जाली भवन सुन्दरता में चार चाँद लगाने में सफल हुए हैंI
पहली मंजिल की खिडकियों व कमरे के दरवाजे में व ढाईपुर की खडकी में ज्यामितीय कटान ही हुआ है . ढाईपुर की छत . ढलवां है व छत के आधार नीचे लकड़ी की सपाट पट्टी है उस पर कोई नक्कासी नही हुयी है .
निष्कर्ष निकलता है कि मलारी (चमोली गढवाल ) में राशन दूकान भवन में ज्यामितीय कटान अलंकरण हुआ है व यही कटान मकान की सुन्दरता कायम रखने को सफल हुए हैं I बेलन आक्रति ने तो आशियाना हुश्न (मकान की सुन्दरता ) बढ़ाने में बहुत कामयाबी हासिल की है I गमशाली में भवन संख्या 3 या पंच नाग भक्त की निमदारी की रेलिंग में 100 हुक्के की नै आकृतियों ने ‘आशियाना –ए- हुश्न ‘ बढ़ाने में कामयाबी की तो मलारी के राशन दुकान भवन की निमदारी म की रेलिंग में 72बेलन नुमा आकृतियों ने ‘ आशियाना –ए –हुश्न ‘ बढाई है I
सूचना व फोटो आभार:
यह लेख भवन कला संबंधित है न कि मिल्कियत संबंधी . मालिकाना जानकारी श्रुति से मिलती है अत: वस्तु स्थिति में अंतर हो सकता है जिसके लिए सूचना दाता व संकलन कर्ता उत्तरदायी नही हैं .
Copyright @ Bhishma Kukreti, 2020
गढ़वाल, कुमाऊँ , उत्तराखंड , हिमालय की भवन (तिबारी, निमदारी , जंगलादार मकान , बाखली , मोरी , खोली, कोटि बनाल ) काष्ठ कला अंकन , लकड़ी नक्काशी श्रंखला जारी
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