इन शब्दों के मतलब बताइये?
फट्यालो-
खेङि-
मुसोल या मुसौव-
जांतर-
पुंगङि-
फट्यालो- हल लगाने के बाद खेत को समतल करना (शायद )
हमरे यहाँ हल को ही लेटा कर खेत समतल करते है जिसे जौल लगना कहते है
खेङि- पता नही
मुसोल या मुसौव- मुसल उखाव में कूटने में प्रयोग मे आता है ( गंज्यलू कहते है हमारे यहाँ )
जांतर-पता नही
पुंगङि - खेत