कविता उत्तराखंड की बालकृष्ण डी ध्यानी with यशपाल सिंह पुण्डीर
June 1 at 9:01am ·
देक कण लुटणा छिन
देक कण लुटणा छिन … २
जन व्हालु ये व्हैगै मेरु उत्तरखंड चीन
अापदा का बी लोको थे नि छौडि
देक कन ये निर्भगी जीकोडी का छिन
क्द्गा टक्का को पौडि यख एक कमरा बल
बतावा क्द्गा किलो रुपया यख दूध
ग्यारा गुलाब जामुन कु च सवाल
बिरयानी, चिकन ,बिशलरी कु स्नान
कन तेरु जमा अब मोरीगे गे
बकासुर कया तेर पोट्गी मा जगीगै
उत्तरखंड अधिकारियो कु देक मेनू कार्ड
मेरु व्हैगे उत्तराखंड कु अब बुरु हालु
करोड़ों का तू करगे इन वार पार
वै बी मेरा कैलाश बाबा केदार को घार
भूख पियाश घैल लोक नि देके ते हाल
तेन लगे दे फर्जी बिलों की भरमारा
क्ख्क भोरिलो ये तू पाप
क्द्गा लीलू तू लोकों को सर्राफ
अब बाथ अब कया हुलु तेरु आच
तेरु नि रैगे अब भौल परबात
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http://balkrishna-dhyani.blogspot.in/search/में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षितकविता उत्तराखंड की बालकृष्ण डी ध्यानी with यशपाल सिंह पुण्डीर
June 1 at 9:01am ·
देक कण लुटणा छिन
देक कण लुटणा छिन … २
जन व्हालु ये व्हैगै मेरु उत्तरखंड चीन
अापदा का बी लोको थे नि छौडि
देक कन ये निर्भगी जीकोडी का छिन
क्द्गा टक्का को पौडि यख एक कमरा बल
बतावा क्द्गा किलो रुपया यख दूध
ग्यारा गुलाब जामुन कु च सवाल
बिरयानी, चिकन ,बिशलरी कु स्नान
कन तेरु जमा अब मोरीगे गे
बकासुर कया तेर पोट्गी मा जगीगै
उत्तरखंड अधिकारियो कु देक मेनू कार्ड
मेरु व्हैगे उत्तराखंड कु अब बुरु हालु
करोड़ों का तू करगे इन वार पार
वै बी मेरा कैलाश बाबा केदार को घार
भूख पियाश घैल लोक नि देके ते हाल
तेन लगे दे फर्जी बिलों की भरमारा
क्ख्क भोरिलो ये तू पाप
क्द्गा लीलू तू लोकों को सर्राफ
अब बाथ अब कया हुलु तेरु आच
तेरु नि रैगे अब भौल परबात
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
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