ऐ मेरु बौल्या जियु तू इनि ही ये कागद परी लिक दा जा
ऐ मेरु बौल्या जियु तू इनि ही ये कागद परी लिक दा जा
इक दिन क्वी तर पढ़िलु तेर जिकोड़ी की पीड़ थे समझी लू
ऐ मेरु बौल्या जियु तू इनि ही ये कागद परी लिक दा जा
ईछा भोरी ईं जिकोड़ी मा पीड़ा थे बी तू जगा दे दे
आग लगे इन फिनकों थे जरा तू बथों की ब्यार दे दे
होँदी छे त होण दे ये तेरु जिंदोगी को तमसा
ऐ मेरु बौल्या जियु तू इनि ही ये कागद परी लिक दा जा
इक दिन क्वी तर पढ़िलु तेर जिकोड़ी की पीड़ थे समझी लू
ऐ मेरु बौल्या जियु तू इनि ही ये कागद परी लिक दा जा
शिकेत से काय च हसील यख रुनु से नतीजो कया
बेकर च ये सबी छँवि इन छँवि से अब यख हुन कया
अपरा बी अब थोड़ा टैम बाद बण जांद छन बिराना
ऐ मेरु बौल्या जियु तू इनि ही ये कागद परी लिक दा जा
इक दिन क्वी तर पढ़िलु तेर जिकोड़ी की पीड़ थे समझी लू
ऐ मेरु बौल्या जियु तू इनि ही ये कागद परी लिक दा जा
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
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