पैनी की पेंट को सुलारा
पैनी की पेंट को सुलारा
कन लगणु त्वेथे दूर बाटिक ऐ अप्डू पहाड़ा
झीलमील झीलमील ये पौड़ी बजारा
कन लगणु त्वेथे दूर बाटिक ऐ अप्डू नजारा
चल झट चुलै की तू गै ऐ अप्डू कुर्ता सुलारा
कन लगणु दूर रैकी त्वेथे दूर बाटिक ऐ अप्डू दुलारा
खुद औरि रैबार को च बल अब ऐ तेरु सहारा
कन लगणु त्वेथे दूर बाटिक ऐ अप्डू सारु पहाड़ा
टेहरी डैम को अब व्हैगे बल ऐ टेहरी गढ़वाल
कन लगणु दूर रैकी त्वेथे दूर बाटिक ऐ अप्डू डुबो पहाड़ा
आपदा विपदा को गढ़ व्हैगे ये गदनी का बगदा धारा
कन लगणु त्वेथे दूर बाटिक ऐ अप्डू धारू पहाड़ा
जिलों की लगी गै उत्तरखंड मा बल इन बहार
कन लगणु दूर रैकी त्वेथे दूर बाटिक ऐ अप्डू रूखा पहाड़
बरस पिछणे बस बरस ही बोगणा छन यख बल अब
कन लगणु त्वेथे दूर बाटिक ऐ अप्डू बोगणु पहाड़ा
पैनी की पेंट को सुलारा
कन लगणु त्वेथे दूर बाटिक ऐ अप्डू पहाड़ा
लैपटॉप स्मार्ट फोन को च ऐ तेरु बल जमाना
बता दे मिथे तेरु मन मा मेरु क्या च ठिखणा
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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