Author Topic: Different Categories words in Garhwali Langugae- विभिन्न श्रेणी के गढ़वाली शब्द  (Read 4960 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Dosto,

We are providing different categories of Garhwali Words vocabulary in this topic which has been taken from Ramakant Benjwal Book.

श्रमशील जीवन एवं प्रकृति का सान्निध्य पहाड़ के निवासियों को भावप्रवण बना देता है। यही कारण है कि माटी से जुड़े इस जन-मन की अपनी लोकभाषा भी भावपरक शब्दावली से लकदक है। गढ़वाली में मन की विभिन्न दशाओं, आवेगों एवं अनुभूतियों को अभिव्यक्त करने वाले अनेकानेक शब्द हैं। इस शब्द भण्डार में से विविध मनोभावों को ध्वनित करने वाले कछ शब्द इस प्रकार हैंः-

अमोखो- घुटन, दम घुटने की स्थिति

उकताट- अवुफलाहट, बेचैनी

उचाट, उच्चाट- उद्विग्नता

उचामुचि-देखिए ‘उचाट’

उपास- जी न लगने की स्थिति.

एवुफलांस- अवेफलापन

कबजाळ-दुविधा

कळकळी-किसी की दीन-हीन दशा अथवा कष्ट की स्थिति को देखकर
मन में उत्पन्न होने वाली दया, करुणा और कष्ट की मिली-जुली अनुभूति.
क्याप- अजीब-सा. खुद-किसी प्रियजन या अपनों से दूर रहने पर होने वाली उदासी भरी व्यावुफलता.

खुरखुरि- प्रतिशोध की भावना.

खेद्द- ईर्ष्या, जलन.

खोप- अनकहा दर्द जिसका शरीर और मन पर बुरा असर पड़े.

घबळाट- शरीर पर किसी छोटे कीट जैसे पिस्सू, खटमल आदि के चलने का एहसास


M S Mehta

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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घांटु- भूख ;विशेषकर किसी बीमार व्यक्ति के संदर्भ में प्रयुक्त.

घुतघुति- किसी अपूर्ण इच्छा को निरंतर स्मरण करने की दशा.

घुमताळ- गुप्त कष्ट, वेदनाचचड़ ाट- शरीर वेफ किसी भाग में अचानक उठने वाली तीव्र पीड़ा

चड़क- पीड़ा की लहर

चण्ाचणी- पफोडे़ वेफ सूजने पर होने वाली पीड़ा

चमराट/चिरी- कटे या जले स्थान पर होने वाली जलन

चमळाट-शरीर वेफ पफोडे़ वाले स्थानपर होने वाली हल्की मीठी खुजली

चसक/चड़क- शरीर वेफ किसी अंग मेंरह-रह कर होने वाली पीड़ा

चळकण्ा- चौंकने की स्थितिचांट-बदलने की भावना

चाख्ाू- चस्का

चिड़ंग- झल्लाहट 

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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चिरड़- नाराजगी.

छपछपी- तृप्ति, पूर्ण संतुष्टि का भाव

जळ्त- जलन.

झणझणि- त्वचा पर होने वाली

घृणाजनित सरसराहट.

झमज्याट- बिच्छू घास आदि वेफ लगने से शरीर पर होने वाली सरसराहट.

झसाक- किसी अंग वेफ मुड़ने या मोच आने की चुभन-सी पीड़ा

झिंगराट, झिंगरी,

झिड़बिड़ि- घृणा.

झुर्याट- आंतरिक कष्ट, इच्छा वेफ विपरीत किसी कार्य को करने वेफ लिए कहे जाने पर होने वाली चिंता.

झूरण- दुखी महसूस करना.

टणक- उत्तेजना.

ट{णि- अंग विशेष पर ठंड से होने वाली पीड़ा

टिटक,टिटखि- किसी हृदय विदारक दृश्य या दीन-हीन व्यक्ति को देखकर
उमड़ने वाली दया की भावना

तीस-प्यास

द{न- चिंता

दौंकार-ईर्ष्याजनित क्रोध
धुकधुकि-निरंतर बनी रहने वाली चिंता

धगद्याट- किसी कारणवश मन में उत्पन्न होने वाली चिंता या भय.
निसेद्द- घुटन, दम घुटने की स्थिति

पराज-पैर वेफ तलुवों में होने वाली हल्की-सी सरसराहट जिससे यहनिष्कर्ष निकाला जाता है कि कोई
याद कर रहा है



पुळ्याट- प्रसन्नता, आल्हाद

पिफपफड़ाट- दूसरे वेफ कष्ट से होने वाली वेदना

बगछट-अत्यधिक उल्लास की स्थिति

बबराट-वेदना,

पीड़ाबाडुळी- किसी वेफ स्मरण किए जाने पर आने वाली हिचकी

बिकळ्वाण- किसी खाद्य पदार्थ से जी भर जाना.

भणमणि- किसी पदार्थ की तीव्र इच्छा

भिरंगि-छोटी-सी बात पर अचानक आने वाला क्रोध

ममराट,मिमराट- किसी नुकसान याहानि पर होने वाला उत्तेजनायुक्त कष्ट

रंपफण्ााट- प्रियजन की अत्यधिक याद आने पर होने वाली बेचैनी

रण्ामणि- विरह की वेदना एवं मिलन की कल्पना के साथ आने वाली
प्रियजन की याद

रौंस-कार्य करते समय होने वाली सुखानुभूति, आनंदस

बळाट-जूँ वेफ शरीर पर रंेगने से होनेवाली सरसराहट

सेळी-दर्द की तीव्रता में आने वालीकमी

हुबलास-उल्लास, उमंग

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ध्वनि संबधी शब्द

सौंदर्यपरक शब्द गढ़वाली भाषा की शक्ति हैं। इनमें भी ध्वन्यात्मक शब्दों की प्रचुरता है इसकी विशिष्ट संपदा। रमणीय प्रकृति एवं जन-जीवन से आकर लोकभाषा गढ़वाली में रची-बसी ये शब्दावली ‘आट’ प्रत्यय वेफ योग से बनी है। जैसे- झर-झर झरते झरने का स्वर ‘छछड़ाट’, उन्मुक्त हँसने का स्वर ‘खिकताट’।

अड़ाट- भयभीत पशुओं की चिल्लाहट

ककड़ाट- लगातार की जाने वाली व्यर्थकी बड़बड़ाहट

कण्ााट- कराहने की आवाज

कवारोळी-बहुत सारे कौओं की एकसाथ कांव-कांव करने की आवाज

किकलाट-जोर-जोर से बोलने पर होने वाला शोर

किड़कताळ- आकाश में बिजली कड़कने की आवाज

किबलाट-शोर, हल्ला

किराट-शिशु के जोर-जोर से रोने की आवाज

किल्कताळ-जोर की चीख.

खकड़ाट- किसी वस्तु को घसीटने का शब्द.

खबड़ाट- दरवाजे या बर्तनों वेफ बजने की ध्वनि.

खमणांट- बर्तनों वेफ टकराने की ध्वनि.

खलाट- तेजी से चलने वाली साँस की आवाज.


खबताट- आधा भरे बर्तन में द्रव वेफ हिलने की ध्वनि

ख्िाकचाट- व्यर्थ की हँसी

ख्िाकताट- उन्मुक्त हँसीख्

िाबच्याट- पक्षियों का कलरव
ख्िाबळाट- पानी वेफ खौलने की ध्वनि.

खुबसाट- पुफसपुफसाहट

गगड़ाट- बादलों वेफ गरजने की ध्वनि

गगदाट-पेट में वायु वेफ कारण उत्पन्न ध्वनि

गगराट-गले से निकलने वाली हल्की घर्र-घर्र की ध्वनि

गबदाट-बहुत से लोगों की एक- साथ बोलने की ध्वनि

गबळाट-अस्पष्ट ध्वनिगमग्य

ाट- पानी वेफ बहने की ध्वनि

गिड़कताळ- आकाश में बिजली चमकने वेफ बाद होने वाली गड़गड़ाहट

गुंगनाट-नाक से बोलने की आवाज

गुगड़ाट- हुक्वेफ की गुड़गुड़ाहट

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गुमणाट- भौंरों एवं मधुमक्खियों की आवाज, धीमी और अस्पष्ट आवाज.

घगसाट- श्वास अवरोध वेफ कारण गले में होने वाला शब्द.

घगराट, घघराट- गले से निकलने वाली

घर्र-घर्र की आवाज़ ;‘घगराट’ में घर्र-घर्र की हल्की और स्पष्ट ध्वनि होती है जबकि ‘घगसाट’ में घर्र-घर्र
की ध्वनि स्पष्ट नहीं होती है बजने की ध्वनि


घमणाट- बैलों वेफ गले में बँधी घंटियों का स्वर.

घुंग्याट- मोटर या वायुयान की ध्वनि.

घुघराट- गुर्राहट.

घुस्याट- नाराजगी में की गई बड़बड़ाहट

चचड़ाट- पेड़ या पेड़ की शाखा वेफ टूटने से उत्पन्न ध्वनि

चचराट-तेजी से तीखा बोलने की आवाज

चटकताळ-थप्पड़ अथवा बेंत वेफ प्रहार
से उत्पन्न ध्वनिचटाक-देखिए ‘चटकताळ’; चटाक और ‘चटकताळ’ में समय का अंतर होता है ‘चटाक’ से कम समय का बोध तथा ‘चटकताळ’ से अधिक समय का बोध होता है

.
चिबड़ाट- गर्म तेल में पानी की बँूदें पड़ने पर उत्पन्न ध्वनि.

च्युंच्याट- पक्षियों अथवा चूहों की ध्वनि.

च्वींच्याट- दरवाजे या चारपाई वेफ हिलने पर उत्पन्न होने वाली ध्वनि.

छछड़ाट- झरने का स्वर.

छणमण- गहनों वेफ बजने की ध्वनि.

छबताट- पानी भरे बर्तन में पानी वेफ छलकने वेफ लिए प्रयुक्त शब्द.

छमणाट- चूड़ियों, सिक्कों या गहनों वेफ


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छिंछ्याट- ऊँचाई से पानी गिरने का स्वर

छिबड़ाट- झाड़ी या सूखे पत्तों में चलने से उत्पन्न ध्वनि.

झमणाट- पहने हुए गहनों की ध्वनि.

ठकट्याट- किसी बर्तन को खाली करने वेफ लिए जमीन पर ठक-ठक कर बजाने की ध्वनि, पत्थर तोड़ने एवंलकड़ी पर कील ठोकने से उत्पन्नहोने वाली ध्वनि.

ठकठकि- खाँसी की आवाज

डिमड्याट- कच्चे पफर्श में की गई उछल-वूफद से उत्पन्न ध्वनि.
डुकरताळ- गुर्राहट, गर्जना

ततड़ाट- कम ऊँचाई से थोड़ा पानी गिरने की आवाज

तबड़ाट- अनाज भूनते हुए तड़-तड़ की आवाज.

थचाक- किसी भारी वस्तु वेफ जमीन पर गिरने की ध्वनि

दमड़ाट- ओलों, बारिश की बँूदों तथा पेड़ से पफलों वेफ गिरने की ध्वनि

धड़ाक- कपड़ा पफटने की आवाज

धड़ाम- वस्तु वेफ गिरने की ध्वनि

धाद/धै- किसी को बुलाने के लिए जोर से दी गई आवाज

धिधराट-पशुओं द्वारा उछल-वूफद से उत्पन्न ध्वनि

धौंतर्याट- मनुष्यों द्वारा उछल-वूफद से उत्पन्न ध्वनि

निकन्याट- अनावश्यक रूप से हँसना

पटासुल्कि-उंगलियांे को मुँह में रखकर जोर से सीटी बजाने की आवाज

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पिपड़ाट- सूखी पफलियों से दाना निकालते समय उत्पन्न होने वाली ध्वनि.

प्वां{- बस वेफ हॉर्न की आवाज.

प्वींप्याट- छोटे बच्चों वेफ रोने की आवाज

पफचाक-आटे वेफ थैले या पानी भरे गुब्बारे वेफ जमीन पर गिरकर
पफटने/पूफटने की आवाज

पफपफड़ाट- पक्षी वेफ पंख पफड़पफड़ाने की ध्वनि

पफपफराट-तेज हवा चलने पर कपड़ों से उत्पन्न ध्वनि

पुंफकरापुंफकरि-गहरी नींद में सोये व्यक्ति वेफ नाक से आने वाली आवाज

बबड़ाट- बड़बड़ाना.

भचाक- किसी धातु वाली वस्तु पर जोर से किसी चीज के लगने की आवाज.

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भणाक- दूर से कान में पड़ती ध्वनि.

भबड़ाट- चूल्हे में जलती लकड़ियों से निकलने वाली भर्र-भर्र की आवाज

भिचोळाभिचोळि- किसी दरवाजे को जोर-जोर से धक्का देने की आवाज

भिमण्ााट- मक्खियों की भिनभिनाह

टलुल्याट- जोर-जोर से रोने की आवाज.

ल्यराट- बकरियों की मिमियाहट

ससराट,सिंस्याट- हवा की सरसराहट

सिमण्ााट- जुकाम वेफ कारण नाक बंद होने पर साँस लेते समय नाक से
उत्पन्न ध्वनि

सुबड़ाट- किसी तरल पदार्थ वेफ बड़े-बड़े घँूट लेते हुए निकलने वाली सुड़-सुड़ की आवाज

हैंसारोळी-समूह में हँसने का स्वर.

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शरीर की ध्वनियाँ या क्रियाएँ

आँखा- झपकण, बबलाण

उंगळी-पटकण

कंदूड़-सुण्ण, बयाण.

क्वीनी- खबचण.

खुट्टा- धंगद्यण, अछाड़्ण, पटाण

गात-झझराण

गिच्ची- बुलाण.

घुंडि- खबचण

जिवुफड़ी - धकद्यण

जिभड़ी- लपल्यण

दाँत- किटकण

नाक-सुणकण, सूंघण

पोटगी-गगदाट

मौण्ा- मड़कण

हथगुळि-खजणहाथ-

रगर्यण, थथरण, कांपण

सरील-गगडाण

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गंध बोधक शब्द

गंध वेफ विभिन्न प्रकारों वेफ लिए गढ़वाली में अनूठी शब्दावली है। ये शब्द संपदा गढ़वाली की अपनी महत्वपूर्ण निधि है।

कचाण- कच्चे या अधपवेफ खाने से आने वाली गंध

किकराण्ा- ऊनी वस्त्रा जलने की गंध

किड़ाण- बालों वेफ जलने या बाघ से आने वाली गंध

वुफकराण्ा- कुत्तों वेफ शरीर से आने वाली दुर्गंध

वुफतराण् ा- सूती कपडे़ जलने की गंध

वुफमराण्ा- ताजा घी बनाने की गंध

कौंख्ााण- अनाज से आने वाली गंध.

खटाण- छाँछ या दही से आने वाली खट्टेपन की गंध

ख्िाकराण- मिर्च या कोई तीखी चीज जलने की गंध.

खुड़क्याण- छौंक की गंध.

खुमसाण- पुराने अनाज से आने वाली गंध.

खौंकाण- सड़े या बहुत दिनों तक सीलन में रखे अनाज से आने वाली गंध

गुवाण्ा- मल से आने वाली दुर्गंध

गौंताण्ा- गो मूत्रा से आने वाली गंध

घ्िायाण- घी की गंध

चिलख्ााण- कच्चे तेल की गंध

 

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