चिरड़- नाराजगी.
छपछपी- तृप्ति, पूर्ण संतुष्टि का भाव
जळ्त- जलन.
झणझणि- त्वचा पर होने वाली
घृणाजनित सरसराहट.
झमज्याट- बिच्छू घास आदि वेफ लगने से शरीर पर होने वाली सरसराहट.
झसाक- किसी अंग वेफ मुड़ने या मोच आने की चुभन-सी पीड़ा
झिंगराट, झिंगरी,
झिड़बिड़ि- घृणा.
झुर्याट- आंतरिक कष्ट, इच्छा वेफ विपरीत किसी कार्य को करने वेफ लिए कहे जाने पर होने वाली चिंता.
झूरण- दुखी महसूस करना.
टणक- उत्तेजना.
ट{णि- अंग विशेष पर ठंड से होने वाली पीड़ा
टिटक,टिटखि- किसी हृदय विदारक दृश्य या दीन-हीन व्यक्ति को देखकर
उमड़ने वाली दया की भावना
तीस-प्यास
द{न- चिंता
दौंकार-ईर्ष्याजनित क्रोध
धुकधुकि-निरंतर बनी रहने वाली चिंता
धगद्याट- किसी कारणवश मन में उत्पन्न होने वाली चिंता या भय.
निसेद्द- घुटन, दम घुटने की स्थिति
पराज-पैर वेफ तलुवों में होने वाली हल्की-सी सरसराहट जिससे यहनिष्कर्ष निकाला जाता है कि कोई
याद कर रहा है
पुळ्याट- प्रसन्नता, आल्हाद
पिफपफड़ाट- दूसरे वेफ कष्ट से होने वाली वेदना
बगछट-अत्यधिक उल्लास की स्थिति
बबराट-वेदना,
पीड़ाबाडुळी- किसी वेफ स्मरण किए जाने पर आने वाली हिचकी
बिकळ्वाण- किसी खाद्य पदार्थ से जी भर जाना.
भणमणि- किसी पदार्थ की तीव्र इच्छा
भिरंगि-छोटी-सी बात पर अचानक आने वाला क्रोध
ममराट,मिमराट- किसी नुकसान याहानि पर होने वाला उत्तेजनायुक्त कष्ट
रंपफण्ााट- प्रियजन की अत्यधिक याद आने पर होने वाली बेचैनी
रण्ामणि- विरह की वेदना एवं मिलन की कल्पना के साथ आने वाली
प्रियजन की याद
रौंस-कार्य करते समय होने वाली सुखानुभूति, आनंदस
बळाट-जूँ वेफ शरीर पर रंेगने से होनेवाली सरसराहट
सेळी-दर्द की तीव्रता में आने वालीकमी
हुबलास-उल्लास, उमंग