Author Topic: Garhwali Poem by Sudesh Bhatt- फौजी सुदेश भट्ट की गढ़वाली कवितायें  (Read 15864 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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हपार स्यु गौं बस्युं
दीदों द्याखो धार मा
लोग चलीगेन द्वार ढकी
सडक यैग्या चौक मा
देवी द्ययवता भीतर उगडयां
सुनिंद छन परदेश मा
कुछ दिल्ली बंबई बसगेन
कुछ हपार बिदेश मा
बंठों पर सी जंक लग्या
बिसलरी धरीं सिरंण्यु मा
फ्रिजु की तिबासी भुजी
सवदी हुंणी परदेश मा
मेरी दीदी भुली दीदों
हिटी नी सकदन गांव मा
घस्यर लखड्यल बी जमा अलगसी
ह्वेगेन जैकी परदेश मा
धै लगांण मा हुयीं शरम
रैबार जंदिन फोन मा
गांणा सुणदन अंगरेजी भग्यान
लीड कुचीं च कान मा
हपार स्यु गांव बस्युं
दीदों द्याखो......
सर्वाधिकार सुरक्षित@सुदेश भटट(दगडया)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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माटु मा खत्यां दिन
कुई लौटे द्या म्यार
बौडी बौडी की जौं दिनु की
याद आंणी आज
खंदवार कुडी भीतर दबेगेन
द्याखो पाटी बुखल्या
कख गे ह्वाल कम्यडु क
उ बिंटा वाल डुखल्या
हरके फरके की छौं खुजणु
फांग्यु मा खत्युं बचपन
आंख्युं मा छुवाया सी आज
उदसी अयीं गिचपन
खुजणु छौं माटु मा
अपण कांच की गोली
पतनी कैं छानी दब्यां छन
दुवी गल्यों की दौंली
माटु मा खत्यां दिन
कुई लौटे .......
सर्वाधिकार सुरक्षित@सुदेश भटट(दगडया)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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बुड बुडया यखुली घरम
नाती नतणों कुन रगर्यांणा छन
लीडक ब्वारी कुटुमदरी लेकी
सैरबसी बण्यां छन
कांणी ह्वेग्या बुये घरम
फिर भी सार लगीं च
म्वाल पर ककडी जुगयीं
घीय की गुंदकी धरीं च
धारु पंद्यारु मा बुये
लाठी टेकी की जांणी च
ब्वारी बिचरी भग्यानी की
बंबई मा राणी बणी च
बाबा जी भी यखुली यखुली
त्यार सार लग्यां छन
तेरी स्कुल्या डरेश देखी
घुट घुटी दिन कटणा छन
बौडी जा रे कभी त यैजा
तेरी कन मुखडी लुकयीं च
गौं गुठ्यार कन बिसरी
तेरी जिकुडी गल्डी हुयीं च
बुड बुड्या यखुली घरम
नाती नतणो कुन......
सर्वाधिकार सुरक्षित@सुदेश भटट(दगडया)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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यैजा दीदों दौडी दौडी
त्याडों की रौडी मा
पुरणी याद आली तुमतै
त्याडों की रौडी मा
जलेब्युं की दुकनी
सरा सजीं रैली
चुडी कांडी चुंटी बिंदी
मेरी दीदी भुली मुलेली
कखी रस्साकसी की
खिंचमखींच मचीं राल
चुगलेर बगोट जी हैंसै हैंसै की
अंदड पलटांणा राल
बडु दा बी कबी ना कबी
बौ तै लेकी आल
पंजाब बिटी दा न बौ कुन
फोन भी कैर्याल
ख्याल म्यालों क पुरण दिन
फिर बौडी क यै जाल
जब दगड्या ब्योंली दिखंण
ख्याल म्यालों मा जाल
मेरी कबेलदारी की भी
राड घलीं दिन रात मा
पापा हमें भी जाना है
त्याडों गिंदी क म्याल मा
यैजा दीदों दौडी दौडी
त्याडों की रौडी मा
पुरणी याद......
सर्वाधिकार@सुदेश भटट(दगडया)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Sudesh Bhatt with Ajay Kukreti.
January 6 at 8:29am ·
थकी ग्यों भै दौडी दौडी
यी नरबै दिल्ली मां
जख द्याखो कुरच्याट मच्युं
यीं नरबै दिल्ली मा
ओडी नम्बर बी जारी कैनी
केजरी सरकार न
फिर भी जाम लग्युं दीदों
यी नरबै दिल्ली मा
जन बुल्यां भडयांणा ऊमी
यन धुंवा हुयुं दिल्ली मा
बस अड्डों मा मैट्रो रेलों मा
कुरच्याट मच्युं दिल्ली मा
थकी ग्यों भै दौडी दौडी
यी नरबै दि.......

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Sudesh Bhatt 

आज फिर खैरी
पहाड की लगोणा छौंऊ
खुद लगीं गौं की
ब्यथा सुणाणा छौंऊ
जनि दस पास कैरी
मी दिल्ली क्या औऊं
नौकरी क्या लगी की
मी गौं कभी नी ग्योंऊ
मैट्रो की सीढीयुं मा मी
रुल्दी खुजणा छौंऊ
बहुमंजिला लिप्टु तै
ग्युड चितांणा छौंऊ
जगजगा प्रदर्शनियुं मा
क्वादु झंग्वरु खुजणा छौंऊ
जख जांदु यी दिल्ली मा
वखी पतड्याणा छौंऊ
गैल्या दगडयों तै ब्हाटसप
फेसबुक मा खुजणा छौंऊ
बांजी तिबारी डिंडयाली रोज
मोबेल मा दिखणा छौंऊ
खंद्वार हुंयीं कुडी तै हम
लाईक करना छ्याऊ
घर जांण क जु नी बुदु
कमेंट मा दुख जतांणा छ्याऊ
आज फिर खैरी
पहाड की.......
सर्वाधिकार सुरक्षित@सुदेश भटट(दगडया)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Sudesh Bhatt 

January 5 at 8:24am ·
माटु मा खत्यां दिन
कुई लौटे द्या म्यार
बौडी बौडी की जौं दिनु की
याद आंणी आज
खंदवार कुडी भीतर दबेगेन
द्याखो पाटी बुखल्या
कख गे ह्वाल कम्यडु क
उ बिंटा वाल डुखल्या
हरके फरके की छौं खुजणु
फांग्यु मा खत्युं बचपन
आंख्युं मा छुवाया सी आज
उदसी अयीं गिचपन
खुजणु छौं माटु मा
अपण कांच की गोली
पतनी कैं छानी दब्यां छन
दुवी गल्यों की दौंली
माटु मा खत्यां दिन
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बुड बुडया यखुली घरम
नाती नतणों कुन रगर्यांणा छन
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सैरबसी बण्यां छन
कांणी ह्वेग्या बुये घरम
फिर भी सार लगीं च
म्वाल पर ककडी जुगयीं
घीय की गुंदकी धरीं च
धारु पंद्यारु मा बुये
लाठी टेकी की जांणी च
ब्वारी बिचरी भग्यानी की
बंबई मा राणी बणी च
बाबा जी भी यखुली यखुली
त्यार सार लग्यां छन
तेरी स्कुल्या डरेश देखी
घुट घुटी दिन कटणा छन
बौडी जा रे कभी त यैजा
तेरी कन मुखडी लुकयीं च
गौं गुठ्यार कन बिसरी
तेरी जिकुडी गल्डी हुयीं च
बुड बुड्या यखुली घरम
नाती नतणो कुन......
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आज फिर खैरी
पहाड की लगोणा छौंऊ
खुद लगीं गौं की
ब्यथा सुणाणा छौंऊ
जनि दस पास कैरी
मी दिल्ली क्या औऊं
नौकरी क्या लगी की
मी गौं कभी नी ग्योंऊ
मैट्रो की सीढीयुं मा मी
रुल्दी खुजणा छौंऊ
बहुमंजिला लिप्टु तै
ग्युड चितांणा छौंऊ
जगजगा प्रदर्शनियुं मा
क्वादु झंग्वरु खुजणा छौंऊ
जख जांदु यी दिल्ली मा
वखी पतड्याणा छौंऊ
गैल्या दगडयों तै ब्हाटसप
फेसबुक मा खुजणा छौंऊ
बांजी तिबारी डिंडयाली रोज
मोबेल मा दिखणा छौंऊ
खंद्वार हुंयीं कुडी तै हम
लाईक करना छ्याऊ
घर जांण क जु नी बुदु
कमेंट मा दुख जतांणा छ्याऊ
आज फिर खैरी
पहाड की.......
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कन निर्मोही ह्वे तु
हे बिधाता आज
राही जी तै लीगी तु
रुवाणा छन साज बाज
अब सौली जगजगा
कनमा घुराली
कौथिग क बाना बौ
सतपुली कनमा आली
अब देखेन लुणन दुण
कनमा भर्याल
भागा बे पंचमी भागा
गीत कु सुणालु
ठंडु मठु कैकी अब
चदरी कु हिरालु
पारभीड की बसंती तै
छोरी कु बतालु
भाना तै बांज कटण
दुर कु बुलाल
रुप की खज्यनी तै
भग्यनी कु बतालु
नथुली घंघाल कु
गीत कु लगालु
माया कु जंजाल तै
अब बुरु कु बतालु
देवी दयवतों तै हुडकी मा
अब कु नचालु
नौ खोली क सीयुं नाग
अब कनमा बिजले जालु
तिलै धारु बोला गीत
अब कु लगालु
समदंण्यु तै रीक अब
खुजणा ही रै जालु
त्यार बाना भाना
जोगी भेष कु धरालु
छुमा बौ बसंती छुमा
गीत कु लगालु
ईमारतु क जंगल मा
आदीम कु हर्चालु
प्रदुषण बढी ब्वाली तुमन
बसंत कनमा आलु
कन निर्मोही ह्वे तु
हे बिधाता.......
सर्वाधिकार सुरक्षित@सुदेश भटट(दगडया)सुर सम्राट चंद्र सिंह राही जी तै समर्पित श्रद्धांजली

 

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