Author Topic: Garhwali Poems by Balkrishan D Dhyani-बालकृष्ण डी ध्यानी की कवितायें  (Read 448174 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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मै उत्तराखंड आप को बुला रहा हूँ कब आओगे ?
हैरत है मुझ को आपने आप पर
दिल मै चुब रहे है हमारे नस्तर
कैसे हो रहे हम अपने गड़ से बेखबर
उत्तरखंड से क्यों फेरी अपनी नजर

मै उत्तराखंड आप को बुला रहा हूँ कब आओगे ?


कवी बालकृष्ण डी ध्यानी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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मै उत्तराखंड आप को बुला रहा हूँ कब आओगे ?
फिर हवा झूम ने लगी
फिर गीत गुजने लगे
फिर पहडूं की चौटियां
फिर मुझे बुलाने लगे
चले आओ
मै उत्तराखंड आप को बुला रहा हूँ कब आओगे ?


कवी बालकृष्ण डी ध्यानी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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मै उत्तराखंड आप को बुला रहा हूँ कब आओगे ?
पहली सुआगंध उत्तरखंड धाम की
दुसरे अपने गाम की
तीजी आपने कम की
च्वोथी अपने नाम की
पांचवी पंच बद्री केदार नाथ की
जय उत्तरखंड
मै उत्तराखंड आप को बुला रहा हूँ कब आओगे ?


कवी बालकृष्ण डी ध्यानी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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मै उत्तराखंड आप को बुला रहा हूँ कब आओगे ?
फिर से बहार आयी है
फिर से चमन खिला है
फिर से माँ नै पुकारा है
अब फैसला तुमहरा है

मै उत्तराखंड आप को बुला रहा हूँ कब आओगे ?

कवी बालकृष्ण डी ध्यानी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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मै उत्तराखंड आप को बुला रहा हूँ कब आओगे ?
गंगा की धार
हरीद्वार को घाट
बद्री केदार को धाम
माँ नंदा देवी को जात
सभी ध्ये लगाणी
कब अला बोई
अब फैशलू तुमरुचा

मै उत्तराखंड आप को बुला रहा हूँ कब आओगे ?

कवी बालकृष्ण डी ध्यानी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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मै उत्तराखंड आप को बुला रहा हूँ कब आओगे ?
रुसे होये को मनाना अच्छा लग ता है
भूले होये को याद दिलाना अच्छा लग ता है
उत्तराखंड अब हमारा विकास कर रहा है
रहा भूले को रहा दिखाना अच्छा लग ता है

मै उत्तराखंड आप को बुला रहा हूँ कब आओगे


कवी बालकृष्ण डी ध्यानी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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मै उत्तराखंड आप को बुला रहा हूँ कब आओगे ?
मुझ को तुम ने ना याद किया मै ने तुम्हे पल पल याद किया
जब आते थै बार-त्यौहार घुघुती के घु -घु मै आवाज दिया
पानी पीते कभी क्या याद आयी मेरी
इस लिय गंगा को तुम्हारे पार किया
पर्वतूं की चुआटियून से देखा तुम्हे
कभी गीध का सहारा लिया तुमने फिर मुझे याद किया

मै उत्तराखंड आप को बुला रहा हूँ कब आओगे ?

बालकृष्ण डी ध्यानी
कवी बालकृष्ण डी ध्यानी

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मै उत्तराखंड आप को बुला रहा हूँ कब आओगे ?
बरखा रीघ लगी होली
कोयाडी छायी होली
चाल चमकाना होला
डंडी बोटी हरी भरी होगयाली होली
बोई जेकुड़ी टप्करनी होली
बाबा तीस मनख्यूं खोजनू होलो
के बनी मील ये सब खेत बड़ी की वो खा व्हालू
मेरो लटो मेरो बेटा कब अनु व्हालो
बरखा रीघ लगी होली .................
मै उत्तराखंड आप को बुला रहा हूँ कब आओगे ?

कवी बालकृष्ण डी ध्यानी

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अब की बरसात में
बस अपने थे वो
जो सपने थे वो
देख ना पाये हम उन्हें साथ में
अब की बरसात में
क्या बात हुयी
ये भी ना जान पाये हम
अपनों के हाथों की अग्नि को भी
ना पार पाये हम
अब की बरसात में
क्या रात थी वो
क्या दिन था वो
ना जाने क्या वो बात थी
वो भी बोल ना पाये हम
अब की बरसात में
रोना ना ना कुछ खोना
जीवन तो एक सपन सलोना
उस सपन सलोने में
इस बार ना झूल पाये हम
अब की बरसात में
जागे हैं या सोये हम
हलचल हुयी सब खोये हम
अब ना हम मिल पाएंगे तुम से
इस अगली बरसात में
अब की बरसात में
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http://balkrishna-dhyani.blogspot.in/search/
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में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित

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ध्यानी प्रणाम
जय हिन्द जय उत्तराखंड
बादल फटने से मृत अपनों को श्रदांजलि
कविता बालकृष्ण डी ध्यानी को
आज मैंने खोयी मेरी पहचान है
उत्तराखंड मनोरंजन तुम थै कंण लग जी?
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ

अब की बरसात में

बस अपने थे वो
जो सपने थे वो
देख ना पाये हम उन्हें साथ में
अब की बरसात में

क्या बात हुयी
ये भी ना जान पाये हम
अपनों के हाथों की अग्नि को भी
ना पार पाये हम
अब की बरसात में

क्या रात थी वो
क्या दिन था वो
ना जाने क्या वो बात थी
वो भी बोल ना पाये हम
अब की बरसात में

रोना ना ना कुछ खोना
जीवन तो एक सपन सलोना
उस सपन सलोने में
इस बार ना झूल पाये हम
अब की बरसात में

जागे हैं या सोये हम
हलचल हुयी सब खोये हम
अब ना हम मिल पाएंगे तुम से
इस अगली बरसात में
अब की बरसात में

बालकृष्ण डी ध्यानी
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