गैल्या गैल्याणी
गैल्या :त्यारा पिछने पिछने ,गैल्याणी नि आई मि
सच्ची मिल तिथे ,ये आँखि थे नि मारी च
त्यारा पिछने पिछने ......
गैल्याणी :गैल्या नि मिथे आँख मारी च
अद बाटों मा अड़े की मिथे छेड़ी च ......
गैल्याणी:देखि छे मिल तैथे,म्यारा अगने पिछने आंदि जांदी
यूँ परेली को बांटो दगडी ,मि परी अपरि माया झलकनी
झूठ झूठ ना बोल कया तेरो मन को बोल
गैल्या नि मिथे आँख मारी च
अद बाटों मा अड़े की मिथे छेड़ी च ......
गैल्या : मित अपरो बाटो,सिदा सादु जाणु छे
तेरी उजली मुखडी को ,झौल मे परी पौड़ी गे
मेरी आँखि तब ई नि झप झपकीगे
तू ही अब बता मिल कया बुरो कैर
त्यारा पिछने पिछने ,गैल्याणी नि आई मि
सच्ची मिल तिथे ,ये आँखि थे नि मारी च
त्यारा पिछने पिछने ......
गैल्याणी : कदग बेशर्म ,अब ये जमानु ऐग्याई
कैरी की बी गैल्या,बल अब साफ़ मुकरी गै
लाज का बाटा,अब वैका बिरडी गै
मेरो साफ साफ़ बोल छन कि
गैल्या नि मिथे आँख मारी च
अद बाटों मा अड़े की मिथे छेड़ी च ......
गैल्या : मि मा बी अब बी पहाड़े की लोक लाज च
मि त ना बिसरि ,ऊ तेरो रूप को अंगवालो छे
इन लिपटी तू मैं मा ,सूद बुध खो द्याई मिल वै बाटा मा मिल
गैल्याणी : सच्ची
गैल्या :त्यारा पिछने पिछने ,गैल्याणी नि आई मि
सच्ची मिल तिथे ,ये आँखि थे नि मारी च
त्यारा पिछने पिछने ......
गैल्याणी:गैल्या नि मिथे आँख मारी च
अद बाटों मा अड़े की मिथे छेड़ी च ......
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
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