Author Topic: Garhwali Poems by Balkrishan D Dhyani-बालकृष्ण डी ध्यानी की कवितायें  (Read 237570 times)

devbhumi

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 805
  • Karma: +0/-0
जुन्याली रात की जुन बनी

जुन्याली रात की जुन बनी
ऐेई तू मेरा जिबन मा .... २ आह ..
आकस जनि मेरो रंग बद्ल्यू
तुमि सुबेर को ये परकास मा ..... २
जुन्याली रात मा जुन जनी

फ्योंली जनि मेर ब्योली तू
बुराँस जनि तेर गलोडि लाल या .... २ आह ..
घुंगटु बल उठा दे तेरो अब
खुल जाला मेर बिगड्यां भाग या ..... २
जुन्याली रात मा जुन जनी

हैरी भैरी तेर चूड़ी जनि
गलों मा गलोबंद को हारा या .... २ आह ..
खुठ्यूं की चांदी पैजनी बल बोल्दि अब
तेर गोल सोनो नथुली की बात कया ..... २
जुन्याली रात मा जुन जनी

धिंगतालो जियु बल करनू लग्युं
मास्कों बाजों दे डाली अब साथ या .... २ आह ..
ढोल दामों बी बल कख चुप बैठला
तेर अब कुच और्री च बात या ..... २
जुन्याली रात मा जुन जनी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http://balkrishna-dhyani.blogspot.in/search/
http://www.merapahadforum.com/
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित

devbhumi

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 805
  • Karma: +0/-0
झट बोलि देऊ

(जियूं की छुईं थे बंधी ना रखा) ... २
गेड़ी पौडी जाली झट बोलि देऊ
(जियूं की छुईं थे बंधी ना रखा) ... २
गेड़ी पौडी जाली (झट बोलि देऊ ) ... २

(झिरिमिरी ब्योखोंन यो सम्झे मनमा
घाम छैलु यख वख रैलू मनमा ) हो ... २
आँखा तुमरि माया दगडी अल्झेला
सुकी जाला आंसूं झट बोलि देऊ ... २

जियूं की छुईं थे बंधी ना रखा
गेड़ी पौडी जाली (झट बोलि देऊ ) ... २

जिंदगानी अपरू यो द्विवि दिनी की
पिरती को कथा अपरि रैंदी सदा यख ही ... २
एक्लो एक्लो रुनु पडलु अंधरु रातमा
ढली जालो जोबन झट बोलि देऊ

जियूं की छुईं थे बंधी ना रखा
गेड़ी पौडी जाली (झट बोलि देऊ) ... २

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http://balkrishna-dhyani.blogspot.in/search/
http://www.merapahadforum.com/
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित

devbhumi

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 805
  • Karma: +0/-0
मेर गैल्याणी

मिथे माया करनु हे आन्दु निछू रे ... २
तुमि ऐकि सिके देउ ना ...... गैल्याणी
(की मिथे छोड़ी जै ना .... मेसे भांड्या दूर ) ... २
मेरो तुम जनि .... क्वी साथी ना हुलु
तुमि बनि जैवा अब मेरा दगड्या जी
(की मिथे छोड़ी जै ना .... मेसे भांड्या दूर ) ... २

सबै छुईं बल तेरी और्री छुईं कैकि सुणदू ना ... २
जबै मिल देकि तिथे मिन समंण और्री कैथे अब खोजदू ना
मिथे खुसी दिना आन्दु निछू रे ...
तुमि ऐकि सिके देउ ना ...... गैल्याणी
(की मिथे छोड़ी जै ना .... मेसे भांड्या दूर ) ... २

चूक हुन च ये मायो का बाटा मा माफ़ बि करनु पड छ ... २
बगत जब ऐेई अपरू बिरनो मन को मित चुननू पड छ
मिथे चुननि को हे आन्दु निछू रे ...
तुमि ऐकि तुम थे चुन देउ ना ...... गैल्याणी
(की मिथे छोड़ी जै ना .... मेसे भांड्या दूर ) ... ४

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http://balkrishna-dhyani.blogspot.in/search/
http://www.merapahadforum.com/
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित

devbhumi

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 805
  • Karma: +0/-0
मिसेनु छों रे गीत अपरा

मिसेनु छों रे गीत अपरा
सुक दुक लेकि की ऊ अपरा ....
मिसेनु छों रे गीत अपरा

बांजा पौड़ी गैनी पुंगडा
भाग मा ऐेई सुकु रोवटु को टुकड़ा
जौड जौड की अबै बी जोड्नु छों रे
मिसेनु छों रे गीत अपरा

एक खुटु भैर मेरो एक खुटा भित्र पड्युं छा
द्विवि पाटों फंसे मि गेयुं दगडी जन घुन पिसन्यूँ छा
एक बाद एक पीड़ा आंणा जणा छन रे
मिसेनु छों रे गीत अपरा

मेरा मनै की कैल नि जाणी
कैका मनै की मिल बी नि जाणी
रैग्युं इन घंघतोळ मि सदनि अपरा मा रे
मिसेनु छों रे गीत अपरा

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित

devbhumi

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 805
  • Karma: +0/-0
और्री कया च मिथे चैनू

तेर आंख्युं को ऊ जादू
तुमरि द्विवि नजर मां
खोज दे मिथे तू उ माँ ..... २
और्री कया च मिथे चैनू

(खुश नशीब छों मि तुमरो यो हात पकड़ी ) ..... २
छू दा ही मि थे तू अर्थ ऐगे मेर जिंदगी मा और्री कया च मिथे चैनू
सुंदर मुखडी तेर देखे की जुन्याली बि लजानि लगे छे
एक बेल बि तै बिगर रै नि सकु और्री कया च मिथे चैनू

(तै दगड़ वै बेल मा पानी कसेरा ईनि लमडी ग्याई)..... २
तांसी मेर तिसलु रैगे बडुली लगि तेरी और्री कया च मिथे चैनू
काला बादल भादों का ऊं तेरा घना लटुला
छैलु बनिगे अब दा मेरो और्री कया च मिथे चैनू

तेर आंख्युं को ऊ जादू ....................

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित

devbhumi

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 805
  • Karma: +0/-0
दुक छे दीधो

ऐ मेरो जिकुड़ी को
दुक छे दीधो
लगै गै ऐ उकाली
ऐ मेरो गीत छे दीधो

आंख्युं को पाणी छ
ऐ मेर जिंदगाणी छ
बोग दी रैंदी वा
(लगौंदी मेर कानी छ दीधो )..... २
ऐ मेरो गीत छे दीधो

थ्गलयों को गेड़ा छ
सिल सिली को ऊ फेरा छ
अपरो बाण मोरिकि
(गुजारी मिल यख दीस छे दीधो )..... २
ऐ मेरो गीत छे दीधो

कथा मेरी अपुरी रै जाली
कैथे खुद अब मेर आली
काम बनिगे अब ऊँको
(अब उंकी बारी बी आली दीधो )..... २
ऐ मेरो गीत छे दीधो

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http://balkrishna-dhyani.blogspot.in/search/
http://www.merapahadforum.com/
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित

devbhumi

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 805
  • Karma: +0/-0
ऐजादि मेरा मुल्क

ऐजादि ऐजादि ऐजादि
धरों मन्दरों को पानी पि जादी
ठंडू मिठू हुना कुन
एक बारी अपरि मुल्क मुल्की ऐजादि
तिम्ला को डालों थे भेट कैजादी
अपरा उकला मा ऐ भाना ही ऐजादि
धरों मन्दरों को पानी पि जादी

नि रयुंच मि अब पैल जनि
छोड़ी कि गयुं छे मि थे जबै तू ऊनि
खूब फेर बदल बी मेर दगडी अबै व्हैग्याई
चल मेर फेर बदल देखणा कुन त ऐजादि
धरों मन्दरों को पानी पि जादी

विपदा आपदा बि खूब मि परी ऐई ग्याई
मेरो अपरोंं न खूब कस्ट मि दगडी खाई
फिर बी मिल वैल देक हिकमत नि हारी
देक मेर इन हिकमत देखना कुन त ऐजादि
धरों मन्दरों को पानी पि जादी

नीला आकस छे अब सारो मेरो दगड्या
देक कन बगनी च मेर भूली गदनी
देब दब्तों को घार पहाड़ ये मेरो हिमाल
देक मेर यु सोँसार देखना कुन त ऐजादि
धरों मन्दरों को पानी पि जादी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http://balkrishna-dhyani.blogspot.in/search/
http://www.merapahadforum.com/
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार

devbhumi

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 805
  • Karma: +0/-0
रे मन मेरो

कख कख जाणु रे
रे मन मेरो ..... २

कन तेरो चबलहट
कया तेरो इन ब्यापर
तेथे किलै ऊ अब सम्झनु रे
रे मन मेरो
कख कख जाणु रे

द्विवी घडी ऐ यख बैठी जा
ऐकि मेसे भेटि जा
ऐ हात नि अब आनु रे
रे मन मेरो
कख कख जाणु रे

कै घारा अब अटकीगै
कै बाण बल ऐ भटकीगे
कैथे अब ऐ मनानु रे
रे मन मेरो
कख कख जाणु रे

माया को ऐ खेल छन
मायाल सब खिंडी खेली
तिल ऐ खेल खेल नि जणी रे
रे मन मेरो
कख कख जाणु रे

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http://balkrishna-dhyani.blogspot.in/search/
http://www.merapahadforum.com/
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार

devbhumi

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 805
  • Karma: +0/-0
मेर अख्युं थे.

मेर अख्युं थे तु किलै रुलांदी । .. २
किलै तु रोज मेरा इन सपनियु मा आंदी ।
सब धनी छोडी कि ऐजा आज मेर पास , (हे मेरी मायालु)…२।
अख्युं थे तु किलै रुलांदी ।

कन मि जिन्दु यख , जो तेर माया नि हुन्दि । ... २
मेर जिकोदी थे , तू इन माया ना छुअनदी
सब धनी छोडी कि ऐजा आज मेर पास , (हे मेरी मायालु)…२।
अख्युं थे तु किलै रुलांदी ।

मिथे भी पता च वख बी, तेरो मेर जनी हाल हुलो । ... २
सम्झे मिथे यक्लो मा तुम बि यक्लो मा हुली रुँदि हो।
सब धनी छोडी कि ऐजा आज मेर पास , (हे मेरी मायालु)…२।
अख्युं थे तु किलै रुलांदी ।

मेर अख्युं थे तु किलै रुलांदी । .. २
किलै तु रोज मेरा इन सपनियु मा आंदी ।
सब धनी छोडी कि ऐजा आज मेर पास , (हे मेरी मायालु)…२।
अख्युं थे तु किलै रुलांदी ।

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http://balkrishna-dhyani.blogspot.in/search/
http://www.merapahadforum.com/
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार

devbhumi

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 805
  • Karma: +0/-0
ऐजा मेरो साथि

कदगा कदगा बोलो मि तैथे
ऐजा मेरो साथि
जेठ बैसाख बीती गैनी
बल अब आषाढ़ की बाती
कदगा कदगा ........

मन मेरो नि लगदो साथी
बल ऐकि दबाई तू कैजै
बुरांस फूली काफल पाकि यख
हिंसोल यूँ हाथों न खैजै
कदगा कदगा ........

तेर मेर प्रित ईनि च
जनि मि उकाली तू उंदारी
बारी बारी ऐगे सबी रितू यख
तैर ही बस अब ऐने की बारी
कदगा कदगा ........

ऐ फूलों की घाटी च तै बना
ये उजाड़ पहाड़े की ऐ दाती
बूढरि व्हैजण सै पैली साथी
ऐजा तू मिथे भेंटि
कदगा कदगा ........

ऐ जुनेली राता थे अब तू
बल इतगा ऐकि अब समजा दे
आँख्युमा थे आंसू भूले की
ईनकी ऊ निंदी तू पैठे दे
कदगा कदगा ........

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http://balkrishna-dhyani.blogspot.in/search/
http://www.merapahadforum.com/
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार

 

Sitemap 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22