कट कटे की
जंगलात कट कटे की
क्ख्क रॉड़ी बॉड़ी गैण
ढ़ौगा रड रडीकी आज
क्ख्क रॉड़ी बॉड़ी गैण .....
रॉड़ी बॉड़ी गैण ऐ बाटा
रीटा व्हागै मेरु गढ़ आजा
बार मैण बार मैंण ग्याई
बैडो की दाणी पाकी राई .......
लाला माटा की सीडी
लाल बाजार को गजारा
बिता दीण बिता रैण
सब लुकी गै पर्दा आडा .......
बिरडी गै मेरु रीती रिवाज
हर्ची गैनी संस्क्रती आज
तोडी की देब्तों का मंदिर
कंण झोमेली ऐ गढ़ न्य़ार.........
क्ख्क छुपी मेरु भगा
कंण रूठी गै मेरु बाबा
बोई मेरी तेरु ही आशा
हे मेरु जग को विधाता............
जंगलात कट कटे की
क्ख्क रॉड़ी बॉड़ी गैण
ढ़ौगा रड रडीकी आज
क्ख्क रॉड़ी बॉड़ी गैण .....
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत — with
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