Author Topic: Garhwali Poems by Balkrishan D Dhyani-बालकृष्ण डी ध्यानी की कवितायें  (Read 448268 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
ऊथल पुथल

ऊथल पुथल जब होगा
ना तुझको ना मुझको मौका होगा
गुजर जायेगा वो पल
वो ना तेरा था ना मेरा होगा
ऊथल पुथल जब होगा.............

ले जायेगा वो तुझको उड़ा
हवा का वो बवंडर होगा
ना सोचने देगा तुझको श्रणिक भी
उसका वेग अति भारी होगा
ऊथल पुथल जब होगा.............

तहस नहस कर देगा
खड़ा श्रण जब अकेला होगा
ना होगा संग कोई जब ऐ खेला होगा
तेरा रकीब ही संग बंदे बस तेरा होगा
ऊथल पुथल जब होगा.............

ऊथल पुथल जब होगा
ना तुझको ना मुझको मौका होगा
गुजर जायेगा वो पल
वो ना तेरा था ना मेरा होगा
ऊथल पुथल जब होगा.............

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
मै भी एक पागल हूँ

पागलों की नगरी में मै भी एक पागल हूँ
हँसते सब मुझ पे , मै भी खुद पे हंसता हूँ
देख मुझको वो अपने को ही देखते हैं
सुख दुःख क्या है अपने आप से कहते हैं
पागलों की नगरी में मै भी एक पागल हूँ .................

किसी को नशा इश्क का किसी को दौलत का
ना मीला मुझको खुदा,क्यों बना मै सबसे जुदा
पहचान मेरी मुझसे ही गुम है कैसा ऐ सितम
सितमगर राहों के रही हम में ही है कुछ कम है
पागलों की नगरी में मै भी एक पागल हूँ .................

लहराता ही फिरों बलखाता ही फिरों निकलों
निकलों जंहा से मै बस अब इतराता ही फिरों
देखा मेरा दम ख़म ना निकले तुम्हरा भी दम
ना कर गम ना आसूं गिरा पागल कहके तू भी बोला
पागलों की नगरी में मै भी एक पागल हूँ .................

अंदर झांक अपने तू भी तो अधूरा है
कीस बात का है घमंड तू तो बस भैजे से ही पूरा है
अलग थलग ही सही मै ना कोई मुझसा दूजा है
आंखें छलकती है मेरी दिल बस अपने पर हंसता है
पागलों की नगरी में मै भी एक पागल हूँ .................

पागलों की नगरी में मै भी एक पागल हूँ
हँसते सब मुझ पे , मै भी खुद पे हंसता हूँ
देख मुझको वो अपने को ही देखते हैं
सुख दुःख क्या है अपने आप से कहते हैं
पागलों की नगरी में मै भी एक पागल हूँ .................

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
बालकृष्ण डी ध्यानी
July 9
तस्वीरें

तस्वीरें तस्वीरें तस्वीरें ...... तस्वीरें
जीना सिखाती साथ ले जाती है तस्वीरें तस्वीरें तस्वीरें
याद छुपी है बात छुपी है
प्यार का वो अहसास छुपा है
तस्वीरें तस्वीरें तस्वीरें ...... तस्वीरें
जीना सिखाती साथ ले जाती है तस्वीरें तस्वीरें तस्वीरें ..............

नम हैं कभी तो कभी वो खुशी
जींदगी की छुटी होयी वो कड़ी है
टंगी रहती दिवारों पर , दिल के मकानो पर
उससे जुडी कई सपनों की लड़ी है
तस्वीरें तस्वीरें तस्वीरें ...... तस्वीरें
जीना सिखाती साथ ले जाती है तस्वीरें तस्वीरें तस्वीरें ..............

ले जाती मुझको वो आज कंहा पर
खींची जंहा मैने उसे उस गुलशन के गुलजारों पर
छत पर कभी, कभी मीनरों पर बाग़ ओर गलियारों पर
उस पल के हुस्नखारों पर अकेले इन आँखों पर
तस्वीरें तस्वीरें तस्वीरें ...... तस्वीरें
जीना सिखाती साथ ले जाती है तस्वीरें तस्वीरें तस्वीरें ..............

दबी दबी ही रही हमेशा अपने विचारों पर
देख उसे वो खिली धुप उस रोशनदानो पर
नजर पडी जब भी हमारी उन तस्वीरों पर
याद आयी तुम बहुँत हमें उस दीवारों पर
तस्वीरें तस्वीरें तस्वीरें ...... तस्वीरें
जीना सिखाती साथ ले जाती है तस्वीरें तस्वीरें तस्वीरें ..............

तस्वीरें तस्वीरें तस्वीरें ...... तस्वीरें
जीना सिखाती साथ ले जाती है तस्वीरें तस्वीरें तस्वीरें
याद छुपी है बात छुपी है
प्यार का वो अहसास छुपा है
तस्वीरें तस्वीरें तस्वीरें ...... तस्वीरें
जीना सिखाती साथ ले जाती है तस्वीरें तस्वीरें तस्वीरें ..............

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
आंखी खोज्णी चा

उत्तर काशी गढ़देश
खंड मा उत्तराखंड मा
दिदो मील क्या काई
कंन विपदा आयी ....२

पुट्गी काट कटेकी भूलों
यो संसारु उबा क्याई
कंन केकी ऐ सर बोग्याई
बस यूँ आंख्युं देख्दु राई
कंन विपदा आयी ....२

सरग दीदा किले रूठे
बादल भुल्हा तू किले फटे
उत्तरकाशी कैकी नजर लगे
समांण तिलन्जली मेर व्हाई
कंन विपदा आयी ....२

घरदार पुंगडा सारा
सड़की पुल तेडा मेडा उकाल उन्दारा
अपरा पराया सब हर्चीगेणी
ऐ माँ भागीरथी तेरा काठा
कंन विपदा आयी ....२

सरू मेरु सब छुटे
मेरी आंखी तू किथे खोजे
को होलो मेर बोई वख
जिकी बाण मील बाट हरे
कंन विपदा आयी ....२

उत्तर काशी गढ़देश
खंड मा उत्तराखंड मा
दिदो मील क्या काई
कंन विपदा आयी ....२

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
एक गर

गर वो कहता मुझसे तो
मै उनका साथ दे देता
अश्कों को ना बहने देता
मोती आँखों से चुन लेता
गर वो कहता मुझसे तो
एक गर .....................

दिल ना बदलता मेरा
मौसम संग कर लेता
हवाओं से जंग लड़ लेता
दिशा को अपने बस कर लेता
गर वो कहता मुझसे तो
एक गर .....................

गर उलझी ऐ मेरी मोहब्बत
गर था मेरा आज ओर कल
गर साथ मै चला पल पल पल
काश गर साथ वो आ जाता अगर
गर वो कहता मुझसे तो
एक गर .....................

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
हँसते हँसते

सवेरा आया
हँसते हँसते
रात गयी
आंखे बंद करके
मन तरसा
उस हर पल को
उठा जब में
बिस्तर से सो के
ब्रास झरा
दांतों से लड़के
पेस्ट नाचा
मुख में भरके
दांत खिले
हँसते हँसते

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
हँसते हँसते

सवेरा आया
हँसते हँसते
रात गयी
आंखे बंद करके
मन तरसा
उस हर पल को
उठा जब में
बिस्तर से सो के
ब्रास झरा
दांतों से लड़के
पेस्ट नाचा
मुख में भरके
दांत खिले
हँसते हँसते

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
देख दोपहरी को घाम

कापला मा चमकीगे गढ़ देश झलकीगे
कामा ब्रिरड़यूँ बोउडा मोडमा टोपला धरण बिसरेगे
घाम झट झलकीगे धर चुलीगे
देख दोपहरी को घाम

याद ऐगे मेर सुवा
बंसरी को धूण बुलाण तिथै
ऐजा डालियुं छेलू बैठ्युन्चा
साथ मेर निभैजा प्रीत मी दागडा लगेजा
देख दोपहरी को घाम

बखरा डैभरा चरण छिण
घसा को कुह्ला खाण छिण
बलदा गोउडा चरदा गाला घंड बजणी च
डंडा कंडा दोपहरी घामा घामा व्हागे
देख दोपहरी को घाम

यकुली घसैरी बैठी क्या सुचणी
केका की खुदा मा खुदेड गीत लगाणी
देहोंपैली आन्खुं को पाणी केले लुकाणी
सैर सैर की घाम गालो भातैक गलणी
देख दोपहरी को घाम

कापला मा चमकीगे गढ़ देश झलकीगे
कामा ब्रिरड़यूँ बोउडा मोडमा टोपला धरण बिसरेगे
घाम झट झलकीगे धर चुलीगे
देख दोपहरी को घाम

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
आज दिन है दोस्ती का 
 
 साथ तेरा चाहों
 हर पल पास तुझे पाऊं
 दूर ना रहा सकूँ तुझसे
 बस दीदार तेरा चाहों
 
 दो हस्ती की एक कश्ती में
 एक छोर  पतवार तेरा मै चाहों 
 रहूँ मै जुदा तुझसे पर
 वो अधिकार मै तुझसे पाऊं
 
 हल्की की सी एक डोर संग
 मै कंहा खींचा चला जाऊं
 साथ  दे दै ऐ दोस्त मेरे
 मै हाथ तेर बस इस  हाथ में चाहों
 
 आँखों अश्क  ना निकले
 काँटों रहित गुलशन सजाओं
 आज दिन है दोस्ती का ऐ दोस्त
 तुझे आपनी दिल की बात बताऊं
 
 बालकृष्ण डी ध्यानी
 देवभूमि बद्री-केदारनाथ
 मेरा ब्लोग्स
 http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
 मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
देव भूमि बद्री-केदार नाथ
Yesterday
On your profile · Remove

आंखी खोज्णी चा

उत्तर काशी गढ़देश
खंड मा उत्तराखंड मा
दिदो मील क्या काई
कंन विपदा आयी ....२

पुट्गी काट कटेकी भूलों
यो संसारु उबा क्याई
कंन केकी ऐ सर बोग्याई
बस यूँ आंख्युं देख्दु राई
कंन विपदा आयी ....२

सरग दीदा किले रूठे
बादल भुल्हा तू किले फटे
उत्तरकाशी कैकी नजर लगे
समांण तिलन्जली मेर व्हाई
कंन विपदा आयी ....२

घरदार पुंगडा सारा
सड़की पुल तेडा मेडा उकाल उन्दारा
अपरा पराया सब हर्चीगेणी
ऐ माँ भागीरथी तेरा काठा
कंन विपदा आयी ....२

सरू मेरु सब छुटे
मेरी आंखी तू किथे खोजे
को होलो मेर बोई वख
जिकी बाण मील बाट हरे
कंन विपदा आयी ....२

उत्तर काशी गढ़देश
खंड मा उत्तराखंड मा
दिदो मील क्या काई
कंन विपदा आयी ....२

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत

 

Sitemap 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22