Author Topic: Garhwali Poems by Balkrishan D Dhyani-बालकृष्ण डी ध्यानी की कवितायें  (Read 448341 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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गढ़ घ्यालू

रात पौडी ग्याई अंधारु
कै बाटा कै घरु
मनखी मन्यार मायालु
झोलाह पडयो घ्यालू
रात पौडी ग्याई अंधारु
कै बाटा कै घरु ................

बात्ती ब्याला बल्या
झुरमुट झरला झ्याला
सुरु ऐगैयाई ऐ स्याल
गुपचुप तेरु खाणु ख्याला
रात पौडी ग्याई अंधारु
कै बाटा कै घरु ................

विपदा विपडी विपरा
भाग्युं को पडयु छिप्ररा
फाटायाँ गद्नी कु खिप्ररा
सर्प छातियों मा सिप्ररा
रात पौडी ग्याई अंधारु
कै बाटा कै घरु ................

रात पौडी ग्याई अंधारु
कै बाटा कै घरु
मनखी मन्यार मायालु
झोलाह पडयो घ्यालू
रात पौडी ग्याई अंधारु
कै बाटा कै घरु ................

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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देख दोपहरी को घाम

कापला मा चमकीगे गढ़ देश झलकीगे
कामा ब्रिरड़यूँ बोउडा मोडमा टोपला धरण बिसरेगे
घाम झट झलकीगे धर चुलीगे
देख दोपहरी को घाम

याद ऐगे मेर सुवा
बंसरी को धूण बुलाण तिथै
ऐजा डालियुं छेलू बैठ्युन्चा
साथ मेर निभैजा प्रीत मी दागडा लगेजा
देख दोपहरी को घाम

बखरा डैभरा चरण छिण
घसा को कुह्ला खाण छिण
बलदा गोउडा चरदा गाला घंड बजणी च
डंडा कंडा दोपहरी घामा घामा व्हागे
देख दोपहरी को घाम

यकुली घसैरी बैठी क्या सुचणी
केका की खुदा मा खुदेड गीत लगाणी
देहोंपैली आन्खुं को पाणी केले लुकाणी
सैर सैर की घाम गालो भातैक गलणी
देख दोपहरी को घाम

कापला मा चमकीगे गढ़ देश झलकीगे
कामा ब्रिरड़यूँ बोउडा मोडमा टोपला धरण बिसरेगे
घाम झट झलकीगे धर चुलीगे
देख दोपहरी को घाम

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
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एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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मूक

देखा ना देखा कुछा
सब यंहा पर श्रुब्द
देख कर ऐसा लगा
हर जन यंहा पर मूक
देखा ना देखा कुछा.......................

शांत है शुद्द है शोक है
कंही दूर गुंजा शोर है
दूजा कोई नहीं यंहा पर
मन भीतर बैठा चोर है
देखा ना देखा कुछा.......................

मूकता गुपचुप रही
उजाला अँधेरे बन छुपा रहा
कानो वाला बहरा बना
आँखों वाला बना अंधा
देखा ना देखा कुछा.......................

अब ऐ यूँ ही दौडाता रहा
लहू तप्त बन शीतल रहा
उष्ण शुस्क सा जमा रहा
मूक मंद मंद मुस्कुरात रहा
देखा ना देखा कुछा.......................

देखा ना देखा कुछा
सब यंहा पर श्रुब्द
देख कर ऐसा लगा
हर जन यंहा पर मूक
देखा ना देखा कुछा.......................

बालकृष्ण डी ध्यानी
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Nishit Pathak
4 hours ago
ये तो प्रेम की बात ..............
ये तो प्रेम की बात है उधो,बंदगी तेरे बस की नही है
यहाँ सर देके होते है सौदे,आशिकी कोई सस्ती नही है
ये तो प्रेम की .......................................................
तेरे प्रेमियों ने कब वक़्त पूछा ,तेर
े द्वारे पे आने को भगवन
यहाँ दम दम पे होती है पूजा,सर झुकाने की फुरसत नही है
ये तो प्रेम की ...........................................................
जिनके दिल में बसे श्याम प्यारे,वो तो होते है जग से न्यारे
जिनकी नजरो में प्रीतम बसे है,वो नज़र फिर तरसती नही है
ये तो प्रेम की बात है ...................................................
जो असल में है मस्ती में डूबे ,उनको परवाह नही है किसी की
जो उतरती और चढ़ती है मस्ती,वो हकीक़त में मस्ती नही है
ये तो प्रेम की बात
— with Deep Sharma and 27 others.
Photo: ये तो प्रेम की बात .............. ये तो प्रेम की बात है उधो,बंदगी तेरे बस की नही है यहाँ सर देके होते है सौदे,आशिकी कोई सस्ती नही है ये तो प्रेम की ....................................................... तेरे प्रेमियों ने कब वक़्त पूछा ,तेरे द्वारे पे आने को भगवन यहाँ दम दम पे होती है पूजा,सर झुकाने की फुरसत नही है ये तो प्रेम की ........................................................... जिनके दिल में बसे श्याम प्यारे,वो तो होते है जग से न्यारे जिनकी नजरो में प्रीतम बसे है,वो नज़र फिर तरसती नही है ये तो प्रेम की बात है ................................................... जो असल में है मस्ती में डूबे ,उनको परवाह नही है किसी की जो उतरती और चढ़ती है मस्ती,वो हकीक़त में मस्ती नही है ये तो प्रेम की बात
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    24 people like this.
        Nitin Verma Jai Ho.
        58 minutes ago · Like
        Sunita Rai Jai nandlala deendayala.
        22 minutes ago · Like
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9 hours ago
Photo
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    Rajveer Chauhan, Harish Joshi and 66 others like this.
        Ravi Kaloni Hare krishna hare krishna,krishna krishna hare hare.Hare ram hare ram,ram ram hare hare..
        8 hours ago · Like
        Sandeep Painuli Jai ho nand lal ki
        8 hours ago · Like
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देव भूमि बद्री-केदार नाथ
11 hours ago
मूक

देखा ना देखा कुछा
सब यंहा पर श्रुब्द
देख कर ऐसा लगा
हर जन यंहा पर मूक
देखा ना देखा कुछा.......................

शांत है शुद्द है शोक है
कंही दूर गुंजा शोर है
दूजा कोई नहीं यंहा पर
मन भीतर बैठा चोर है
देखा ना देखा कुछा.......................

मूकता गुपचुप रही
उजाला अँधेरे बन छुपा रहा
कानो वाला बहरा बना
आँखों वाला बना अंधा
देखा ना देखा कुछा.......................

अब ऐ यूँ ही दौडाता रहा
लहू तप्त बन शीतल रहा
उष्ण शुस्क सा जमा रहा
मूक मंद मंद मुस्कुरात रहा
देखा ना देखा कुछा.......................

देखा ना देखा कुछा
सब यंहा पर श्रुब्द
देख कर ऐसा लगा
हर जन यंहा पर मूक
देखा ना देखा कुछा.......................

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
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Photo: मूक देखा ना देखा कुछा सब यंहा पर श्रुब्द देख कर ऐसा लगा हर जन यंहा पर मूक देखा ना देखा कुछा....................... शांत है शुद्द है शोक है कंही दूर गुंजा शोर है दूजा कोई नहीं यंहा पर मन भीतर बैठा चोर है देखा ना देखा कुछा....................... मूकता गुपचुप रही उजाला अँधेरे बन छुपा रहा कानो वाला बहरा बना आँखों वाला बना अंधा देखा ना देखा कुछा....................... अब ऐ यूँ ही दौडाता रहा लहू तप्त बन शीतल रहा उष्ण शुस्क सा जमा रहा मूक मंद मंद मुस्कुरात रहा देखा ना देखा कुछा....................... देखा ना देखा कुछा सब यंहा पर श्रुब्द देख कर ऐसा लगा हर जन यंहा पर मूक देखा ना देखा कुछा....................... बालकृष्ण डी ध्यानी देवभूमि बद्री-केदारनाथ मेरा ब्लोग्स http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
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    Pooran Pandey, Rawat Anoop and 33 others like this.
        Sandeep Kaintura Samrat nice dada.
        jai ho.
        6 hours ago · Like
        Dharmendra Mamgain gud nyt bhai jii
        5 hours ago · Like
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देव भूमि बद्री-केदार नाथ
13 hours ago
ओलंपिक में मैरीकॉम हारी !!
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    हरीश त्रिपाठी and 12 others like this.
        Ajay Bhatt Maricom ko chorkar ; gagan narang n vijay kumar ka lappa (tukka) laga nehwal kismat ke saharay geet gayi
        10 hours ago via mobile · Like
        Ajay Bhatt Olympic kabbdi n gulli danda hota to shayad gold jeet jaatay
        9 hours ago via mobile · Like
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देव भूमि बद्री-केदार नाथ
17 hours ago
भारत गुमराह

रुखी सुखी खाते हैं
कभी भूखे रह जाते है
पानी पीकर जीते
कभी प्यासे सो जाते हैं

हरबार १५ अगस्त को
हम भी तिरंगा लहलहते हैं
माँ का गुणगान गाते हैं
दर्द अपना भूल जाते हैं

आजादी की 66वीं वर्ष गांठ
हमारे घर नहीं अनाज
बलिदानों,बलिदानी पर
हमारा भी सीना तानता आज

भ्रष्ट तन्त्र भ्रष्ट राज
गुलाम तो भारत है आज
कंहा से लाओं मै वो खून
गांधी भगत क्रांती आज

जैसा भी है देना होगा साथ
बरबाद जवानी हो रही आज
कूड़े में शराब में आवारगी के साथ
मेरा भारत गुमराह आज

रुखी सुखी खाते हैं
कभी भूखे रह जाते है
पानी पीकर जीते
कभी प्यासे सो जाते हैं

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
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एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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शहादत व्यर्थ गयाई ,भुल ग्याई मेरु गढ़
याद कैन कैका बाण
गैर सैण चन्द्र नगर
म्यार दगडी हर्ची गैण
मी बाबा मोहन उत्तराखंडी
कैक बाण लड्युं मी
कैक बाण मरोयुं मी
मेरु बलिदान व्यर्थ गैण

१३ बार अनशन क्याई
दिद्यों भुल्हों माट ही वहई
सिया रैगेनी सरकार अपरा
भूखी रै जग छोड़ दयाई
कैक बाण लड्युं मी
कैक बाण मरोयुं मी
मेरु बलिदान व्यर्थ गैण

याद आणू बस मी
८ अगस्त मयारू शहदत दिण
म्यार सुप्निया सभी बल गैनी
यु पी उतरांचल उत्तराखंड व्हैनी
कैक बाण लड्युं मी
कैक बाण मरोयुं मी
मेरु बलिदान व्यर्थ गैण

अंदोलनकरी जो भी लाग्यां
दर दर बाट बिरडाया दिख्याँ
जोश आणू बस एक दिन मा
फुंडा व्है जाणु दोई घड़ी मा
कैक बाण लड्युं मी
कैक बाण मरोयुं मी
मेरु बलिदान व्यर्थ गैण

याद कैन कैका बाण
गैर सैण चन्द्र नगर
म्यार दगडी हर्ची गैण
मी बाबा मोहन भंडरी
कैक बाण लड्युं मी
कैक बाण मरोयुं मी
मेरु बलिदान व्यर्थ गैण

बालकृष्ण डी ध्यानी
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गढ़ घ्यालू

रात पौडी ग्याई अंधारु
कै बाटा कै घरु
मनखी मन्यार मायालु
झोलाह पडयो घ्यालू
रात पौडी ग्याई अंधारु
कै बाटा कै घरु ................

बात्ती ब्याला बल्या
झुरमुट झरला झ्याला
सुरु ऐगैयाई ऐ स्याल
गुपचुप तेरु खाणु ख्याला
रात पौडी ग्याई अंधारु
कै बाटा कै घरु ................

विपदा विपडी विपरा
भाग्युं को पडयु छिप्ररा
फाटायाँ गद्नी कु खिप्ररा
सर्प छातियों मा सिप्ररा
रात पौडी ग्याई अंधारु
कै बाटा कै घरु ................

रात पौडी ग्याई अंधारु
कै बाटा कै घरु
मनखी मन्यार मायालु
झोलाह पडयो घ्यालू
रात पौडी ग्याई अंधारु
कै बाटा कै घरु ................

बालकृष्ण डी ध्यानी
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सचेत कर रही है धरती

बहुँत होआ अब संभल जा
देखले ऐ विनाश लीला
देवी आपदा प्राकृतिक आपदा
सुख के लिये तुने ही तो बुना

जंगल कटे खेती के लिये
खेती बंजा होयी प्रगती के लिये
बंधा बांधे बिजली के लिये
नदी दूषित होई मल के लिये

जंगल रिक्त खेती बांज
नदी लुप्त गँवा होआ वीरान
पेट्रोल ऑयल रेत व्यापार
खनन धरती किया कंगाल

ऐ तो सब तेरा ही काम
ऊँचे ऊँचे ईमारत अब तेरा स्थान
हो जायेगा मकबरा वो तेरा धाम
सचेत कर रही है अब भी धरती

बहुँत होआ अब संभल जा
देखले ऐ विनाश लीला
देवी आपदा प्राकृतिक आपदा
सुख के लिये तुने ही तो बुना

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
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आजादी तू किस ओर ?
 
 आजादी ६६ वी आजादी
 मेरी आजादी तेरी आजादी
 सारे देश की है आजदी
 भारत माँ की आजादी
 
 शहीदों की शहादत की आजादी
 वीरों क्रांतीकारीयुं की आजादी
 विधाओं माता बहनों की आजादी
 भारत माँ की आजादी
 
 आँखों के नीर की आजादी
 सुखद संदेश की आजादी
 कुर्बानी वादों की है ऐ आजादी
 भारत माँ की आजादी
 
 आजादी कंहा जा रही है
 कंहा शरू  कंहा थी कंहा की ओर
 झूठे वादों में अब खो जा रही जा रही
 भारत माँ की आजादी
 
 बालकृष्ण डी ध्यानी
 देवभूमि बद्री-केदारनाथ
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 मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत —  Photo: आजादी तू किस ओर ? आजादी ६६ वी आजादी मेरी आजादी तेरी आजादी सारे देश की है आजदी भारत माँ की आजादी शहीदों की शहादत की आजादी वीरों क्रांतीकारीयुं की आजादी विधाओं माता बहनों की आजादी भारत माँ की आजादी आँखों के नीर की आजादी सुखद संदेश की आजादी कुर्बानी वादों की है ऐ आजादी भारत माँ की आजादी आजादी कंहा जा रही है कंहा शरू  कंहा थी कंहा की ओर झूठे वादों में अब खो जा रही जा रही भारत माँ की आजादी बालकृष्ण डी ध्यानी देवभूमि बद्री-केदारनाथ मेरा ब्लोग्स http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत height=403Like ·  · Share


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मूक
 
 देखा ना देखा कुछा
 सब यंहा पर श्रुब्द
 देख कर ऐसा लगा
 हर जन यंहा पर मूक
 देखा ना देखा कुछा.......................
 
 शांत है शुद्द है शोक है
 कंही दूर गुंजा शोर है
 दूजा कोई नहीं यंहा पर
 मन भीतर बैठा चोर है
 देखा ना देखा कुछा.......................
 
 मूकता गुपचुप रही
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 कानो वाला बहरा बना
 आँखों वाला बना अंधा
 देखा ना देखा कुछा.......................
 
 अब ऐ यूँ ही दौडाता  रहा
 लहू तप्त बन शीतल रहा
 उष्ण शुस्क सा जमा रहा
 मूक मंद मंद मुस्कुरात रहा   
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