याद ऐगै जी .....
गुअलाँण लागी छा
मी आगुलयाण लाग्युंचा
आंख्युं का अंशुं बरखाण लगी
कब आला जी मेरा, मेरे जी
सरू गढ़वाल बुगाणा लगी जी ....२
मन की गुअलाँण लागी छा ......
परबत बरखा आयी
भग्या हमरा बोगी लेग्याई
कद्ग दिण बीती यख
हाल अब बी यख बेहांल
अब बी बरखा को रूद्र अव्तार
बरकारर जी मेरा .मेरा जी
सरू गढ़वाल बुगाणा लगी जी ....२
मन की गुअलाँण लागी छा ......
डरी डरी जाँणूद सरग गडगाड़णद
चाल चमकी जीकोडी झुरीजाँद
मनखी का बादल झट फाट जांद
उमली उमाल दँणमँण बोगी जांद
ब्याली की छुंयी जी मेरा , मेरा जी
सरू गढ़वाल बुगाणा लगी जी ....२
मन की गुअलाँण लागी छा ......
गुअलाँण लागी छा
मी आगुलयाण लाग्युंचा
आंख्युं का अंशुं बरखाण लगी
कब आला जी मेरा, मेरे जी
सरू गढ़वाल बुगाणा लगी जी ....२
मन की गुअलाँण लागी छा ......
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
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