दूर छों मी
बोई : हेरी हेरी की थकी की गैणी
चलद चलद दूर .... दूर बाटा लुकी गैणी ..२
सवेर ब्याखुंण रात रातामा बस बेटा तेरी सूद
तेर पिछणे पिछणे चली चली ऐ तेरी तेरी खुद
हेरी हेरी की थकी की गैणी
चलद चलद दूर .... दूर बाटा लुकी गैणी ..२
बेटा : पुअडी बरखा यख फिर याद आणी तेरी
ज्युन्यली रातमा मीथे ध्यै लगाणु तेरु
आंखी निंदी ऐगे मीठी मीठी तेरी छुंयीं
जाणु निंदी मा बोई तेरा सप्नीयु मा मी
हेरी हेरी की थकी की गैणी
चलद चलद दूर .... दूर बाटा लुकी गैणी ..२
बोई : मेरा बेटा ऐ मेरा लाटा गढ़देश थे ना भूली जैई
अपरू माटू आपरू छे रै मौको मीलू त परती ऐई
माया माया कैकी मेरु लदगु गढ़ माया थे ना भूली जैई
बाबा बोयी भूलीगे बेटा तू अपरी कुटम्बदरी ना भूली जैई
हेरी हेरी की थकी की गैणी
चलद चलद दूर .... दूर बाटा लुकी गैणी ..२
बेटा : आब भी आणी छे माँ तेरी याद अपरू वो गढ़वाल
बाबा भूली बच्चा गों गोठ्यार अब मेरा वो साथ
कंण कै की बिसरी जो मी बोई कापला मा फिरदा वो हाथ
मन मारीकी बैठ्युं छों मी म्यारा बेटों का ना हो हाल
हेरी हेरी की थकी की गैणी
चलद चलद दूर .... दूर बाटा लुकी गैणी ..२
बोई : हेरी हेरी की थकी की गैणी
चलद चलद दूर .... दूर बाटा लुकी गैणी ..२
सवेर ब्याखुंण रात रातामा बस बेटा तेरी सूद
तेर पिछणे पिछणे चली चली ऐ तेरी तेरी खुद
हेरी हेरी की थकी की गैणी
चलद चलद दूर .... दूर बाटा लुकी गैणी ..२
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत — with
Anoop Nautiyal and
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