अहा! आज भौ दिन बाद तुमर तरफ देखनाक मौक मिलो.. तुम सब नाति-नातिन ठीक-ठाकै हुनैला.. और तुमार घर पनि लगै सब ठीक होला...
कि करूं नाति बुढि परानि भै, ठण्डॊ भौत है रयो ये पहाड़ पनि.. बारिश हुनि नै रे,,, मैं त भौत बिमार भयुं... 8-10 दिन तक बिस्तर बटि ठाड़ ने उठि सक्युं.. सब काम धन्धा चौपट है ग्यो,, आब मणी सही छु मेरि तब्यत...
तुम सबन कें नय्या साल कि भौत-भौत बधाई होवो... खूब फल्या-फुल्या और अपन पहाड़ोक नाम रोशन करिया.....