Author Topic: Here We will Talk Only in our Language-याँ होलि सिर्फ अपणी भाषा-बोलि में बात  (Read 50628 times)

Rajen

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भौत बढ़िया बात करि कोठियारी ज्यू ले.  ये बात को प्रचार आपना उत्तराखंडी सर्कल में जरूर करना च.

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Bhaut Bhal Likh Rachho mahraj..

हमार दगड़िया श्री धनेश कोठारिज्यु का तरफ़ बटि एक जरूरी जुवाब ऐरो... ध्यानले पढिया..

पहाड़ का सब्बि आम अर खास लोखूं से एक आग्रह

२०११ कि जनगणना शुरू ह्‍वेगे। ईं जनगणना मा आर्थिक, सामाजिक आधारूं का दगड़ नया सन्दर्भ मा तकनीकी का स्तर पर भी गणना ह्‍वेली। निश्चित ही गणना कि बग्त कई जानकारी आपसे मांगे जाली।
आप थैं जानकारी होली कि जनगणना का प्रपत्र मा एक कालम भाषा कू बि होन्दू। आमतौर पर जनगणना कर्ता ही हमारी भाषा हिन्दी अंकित कर देंदन्‌।

जबकि हमारी मूल भाषा (दूदबोली) गढ़वाली या कुमाऊंनी च।

स्यू एक आग्रह यूं कि

भाषा का ये कालम मा अपणी भाषा गढ़वाली या कुमाऊंनी अंकित करावा। ताकि हम देश मा भाषा का स्तर पर अपणी पृथक पहचान कायम कर सकां अर अपणी भाषा थैं संविधान कि आठवीं अनुसूची मा स्थान दिलै सकां।
किलै कि आज भी भाषायी आधार पर हमरि पछाण देश मा नगण्य च।
ये रैबार थैं अपणा इष्टमित्रूं, परिचितूं, प्रवासियों तक बि पौछैल्या यन्न बि आग्रह च।
ये भाषा आन्दोलन मा आपकी भागीदारी अपेक्षित च।

धनेश कोठारी

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मेरे रैबार को फोरम में शामिल करने के लिए धन्यवाद मेहता जी!!

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Humi Chha Uttarakhand. Kee Kumaoni, Kee Garwali or Kee Jaunsari. Sab chha ek Maati ka or yo Uttarakhand ki dharti sab sab ki Boyee chha.




Lalit Mohan Pandey

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बहुत बढ़िया बात क्यों कोठारी ज्यू ले, मेहता ज्यू कोशिश कर बेरी अगर यो message उत्तराखंड भटे पर्कासित हुन्या समाचार पत्रू मै छपाई जा सकती त बहुत बढ़िया हुन.
दूसरो निवेदन छ सबे भाई लोगु थेय, जतुकन ले तुम जन्छा, सभै लोगन फ़ोन करी बेरी यो बात बोल. यो बहुत बढ़िया मौको छ, अपुन भाषा को अहसास करूनकी.     


Bhaut Bhal Likh Rachho mahraj..

हमार दगड़िया श्री धनेश कोठारिज्यु का तरफ़ बटि एक जरूरी जुवाब ऐरो... ध्यानले पढिया..

पहाड़ का सब्बि आम अर खास लोखूं से एक आग्रह

२०११ कि जनगणना शुरू ह्‍वेगे। ईं जनगणना मा आर्थिक, सामाजिक आधारूं का दगड़ नया सन्दर्भ मा तकनीकी का स्तर पर भी गणना ह्‍वेली। निश्चित ही गणना कि बग्त कई जानकारी आपसे मांगे जाली।
आप थैं जानकारी होली कि जनगणना का प्रपत्र मा एक कालम भाषा कू बि होन्दू। आमतौर पर जनगणना कर्ता ही हमारी भाषा हिन्दी अंकित कर देंदन्‌।

जबकि हमारी मूल भाषा (दूदबोली) गढ़वाली या कुमाऊंनी च।

स्यू एक आग्रह यूं कि

भाषा का ये कालम मा अपणी भाषा गढ़वाली या कुमाऊंनी अंकित करावा। ताकि हम देश मा भाषा का स्तर पर अपणी पृथक पहचान कायम कर सकां अर अपणी भाषा थैं संविधान कि आठवीं अनुसूची मा स्थान दिलै सकां।
किलै कि आज भी भाषायी आधार पर हमरि पछाण देश मा नगण्य च।
ये रैबार थैं अपणा इष्टमित्रूं, परिचितूं, प्रवासियों तक बि पौछैल्या यन्न बि आग्रह च।
ये भाषा आन्दोलन मा आपकी भागीदारी अपेक्षित च।

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Mahraj,

Bahut Garmi padi giyo ho.. Hito pahad k taraf.

mohanbahuguna

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क्ये करण भय द्वि रोटि सवाल नी हुंची तो यां गरमी में सड़ण खातिर को यां आंछी। अपण घर अपण मां याद तब एंछ जब हमन कें क्वे कष्ट हुंच, क्वे दुख तकलीफ हुंछ, गरमी - सरदी हुंछ, हम हजारों लाखों की भीड़ में भी यकल रहनूं, अपण मुलुक याद तब एंछ जब हमूकें याद आनी वांकी ठंडी हवा, ठंडो पाणी, लाल-काल काफल, हिसालू, किलमोड़ा, काचा आम और काचा तिमिला। अपण घर याद तब ऐंछ जब ए.सी. कूलर होते हुए भी अचानक लाइट नहै जें और सब बेकार। तब याद आनी ऊं आम अखरोट पेड़ जनर छाया मुंण हमुल तमाम गर्मी काटिछ।
तो मेहता ज्यू हिटो तुम लै हिटो और हमल हिटनू
आखिर द्वि दिन त ठंड पाणी और ठंड काफल खाणक मिलिल।


आपक
 डा . मोहन बहुगुणा.

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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दाजू नमस्कार हो.

कख छे हाल चाल ?  सही बात बोल्दी छा!

दाज्यू बहुत दिन है गयी तुमार दगे बात नि हैई! 

क्ये करण भय द्वि रोटि सवाल नी हुंची तो यां गरमी में सड़ण खातिर को यां आंछी। अपण घर अपण मां याद तब एंछ जब हमन कें क्वे कष्ट हुंच, क्वे दुख तकलीफ हुंछ, गरमी - सरदी हुंछ, हम हजारों लाखों की भीड़ में भी यकल रहनूं, अपण मुलुक याद तब एंछ जब हमूकें याद आनी वांकी ठंडी हवा, ठंडो पाणी, लाल-काल काफल, हिसालू, किलमोड़ा, काचा आम और काचा तिमिला। अपण घर याद तब ऐंछ जब ए.सी. कूलर होते हुए भी अचानक लाइट नहै जें और सब बेकार। तब याद आनी ऊं आम अखरोट पेड़ जनर छाया मुंण हमुल तमाम गर्मी काटिछ।
तो मेहता ज्यू हिटो तुम लै हिटो और हमल हिटनू
आखिर द्वि दिन त ठंड पाणी और ठंड काफल खाणक मिलिल।


आपक
 डा . मोहन बहुगुणा.

Sunder Singh Negi/कुमाऊंनी

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पिजा म्यर पहाड क ठण्ड पाणी,
हिसालु खै जा किलमोडी खैजा,
खै जा रसीला काफल(कांफो)।

म्येरी इज (माँ) कैछी परदेश मेजै क्ये मिलाल च्याला तकै यु घरै चीज,

Sunder Singh Negi/कुमाऊंनी

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घरै धनक भात खै जा (जो धान लाल होता है)
निमुवै की झोई दगाड़ (बडे निबु की कडी)
मडुवै की रोटी खैजा पिनाउ (अरबी) क साग दगाड।

 

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