देहरादून, जागरण संवाददाता: यदि आप लोकभाषा के प्रति अनुराग रखते हैं तो एक अच्छी खबर। गढ़वाली भाषा व्याकरण पुस्तकालयों में जल्द ही नजर आयेगा। इसकी पांडुलिपि गुरुवार को अखिल गढ़वाल सभा को सौंपी गई। गढ़वाली भाषा अर साहित्य समिति की राजधानी में आयोजित बैठक में बताया गया कि समिति और अखिल गढ़वाल सभा गढ़वाली-हिंदी-अंग्रेजी कोश एवं गढ़वाली भाषा व्याकरण के निर्माण के लिए संकल्पबद्ध है। शब्दकोष का कार्य प्रगति पर है, जबकि व्याकरण का कार्य पूर्ण हो चुका है। बताया गया कि इस गढ़वाली भाषा के व्याकरण के निर्माण में पाणिनीय सूत्रों का प्रयोग कर उसे अध्येताओं, आचार्यो एवं सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों के लिए अत्यधिक उपयोगी बनाने का प्रयास किया गया है। बैठक में आशा व्यक्त की गई कि यह व्याकरण गढ़वाली भाषा के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगी। गढ़वाल सभा के अध्यक्ष रोशन धस्माना ने विश्वास दिलाया कि संस्था कुछेक महीनों में इसका प्रकाशन करेगी और इसकी उपयोगिता को स्कूल-कालेजों में प्रचारित किया जाएगा। सभा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रेमबल्लभ बहुगुणा की अध्यक्षता में हुई बैठक में साहित्यकार डा.आरके शर्मा, भगवती प्रसाद नौटियाल, शिवराज सिंह रावत नि:संग, हेमंत जुयाल, डा.कुसुम नौटियाल, डा.आरएस असवाल आदि मौजूद थे। सभी ने व्याकरणाचार्य, संस्कृत-हिंदी एवं गढ़वाली के विद्वान डा.आरके शर्मा को व्याकरण के निर्माण हेतु साधुवाद दिया और उनके अथक परिश्रम की सराहना की।