चेली हगे घर में ,
पड़ी दाड़ा-डाड़.
सास कुने खड्ड हेलो तके,
सोओर कुनो बघे दियो गाड़,
चेली हगे घर में ................
चेली हगे घर में ,
आब क्येक दाव भात ,
मेस कुनो द्वी पैली छन,
आब ख्वार पड़ी गे रात .
चेली हगे घर में ,
हघे गों बखोई सुगबुकाट,
खिमु-खिमुलिक चेली हरे ,
लोगोंक हरो छट पताट.
चेली हगे जाड़ी के जै हगो
जाड़ी हगेओ अभिशाप ,
चेली के छू जरा सुहुंड ल्यो ,
किले कनेछा तुम य पाप .
चेली सानिया चेली सायना,
चेली कल्पना चौहान छू .
चेली लिवेर संसार चली रो ,
चेली कटु महान छू .
"जै भारत जै उत्तराखंड "
हरदा "राही"