राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी' shared a link.
Thursday near Noida
स्वर्गविभा फौरम पर मेरी कविता
मेरा बचपन
कब छोड़ चला वो बचपन मुझको,
मुझको कुछ भी याद नहीं
क्या मांगू अब किसे पुकारूँ,
सुनता कोई फरियाद नहीं
नादानी थी ऊपर मेरे,
चाँद की मै हठ कर बैठा
रूठ गया है बचपन मुझसे,
तब से खोया सा मै रहता l ............ रचना-राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी'