Bhagwan Singh Jayara
#कुछ त बोला #
चुप नि रा बैठ्याँ ,कुछ त बोला |
घिच्यु ज़रा ,अपुरु कबरी त खोला ||
चुप राइ की नि चलण अब काम |
कमौंण चांदा जू यख अपुरु नाम ||
कबरी तक तुम चुप बैठ्या रैल्या |
जुल्म यनि सदानी सौन्या रैल्या ||
गांउ का बिकाश मा साथ देवा |
चुप नि रा बैठ्याँ,कुछ ध्यान देवा ||
गांउ मुल्क सी अपरा करा प्यार |
यनि सोच सभी मन मा धार ||
गांउ मुल्क कु जब बिकाश होलू |
औण वाली पीढ़ी कु भलू होलू ||
सायद हमारी तरै ठोकर नि खाला |
काम मिललू त वखी रुकी जाला ||
पलायन भी पहाड़ कु रुकी जालू |
मनखी पहाड़ कु पहाड़ मा ही रालू ||
चुप नि रा बैठ्याँ ,कुछ त बोला |
घिच्यु ज़रा ,अपुरु कबरी त खोला ||
द्वारा रचित >भगवान सिंह जयरा
अबुधाबी (यु.ए.इ .)
दिनांक >२०/०४/२०१२