Pardeep Singh Rawat
पहाड़ तो अब केवल साइबर मिडिया में आबाद च,
सच त यो च दगड़यों पहाड़ अब पहाड़ में ही बर्बाद च ।
कुछ नुकसान पहुंचे पहाड़ तै सुआर और बन्दरू न,
बकि जू बचि वू उज्याड़ी डाम का थोकदरू न।
जब बटी की गाजर घास न पहाड़ मा पसारी पौ ,
तब बटी बंजर का बंजर व्हेन पहाड़ा का गौ ।
गोड़ी भैंसी छै नीन,पुंगडियों मा अब कख खाद च,
सच त यो च दगड़यों पहाड़ अब पहाड़ में ही बर्बाद च ।
कुछ माटू रेत हडपी पहाड़ो कू खनन माफियों न,
बकि जू बचि छो वु बोगायी बस्ग्याई आपदो न।
कुछ हैरा भैरा जंगळ स्वा कैन रूडियों की आग न,
बकि जू बची छा वू कटे देन बन बिभाग न।
अपड़ी सरकार मा न क्वी जवाब च
सच त यो च दगड़यों पहाड़ अब पहाड़ में ही बर्बाद च ।
क्वी नारी खूनै कमी न मोरि, कै तै मारी शराबी मर्द न,
कैते इकुलांसा बोझ न मारी,क्वी मोरी बिचरि स्वीली दर्द न।
कुछ बच्चों कू भबिष्य अन्धकार कै हलधर मास्टर न,
बकि जू बचि छा उन्ते मारी गलत इलाज क़ा डाक्टर न ।
बेटी ब्वारी करदन काम धाण इख बैख बण्यूँ नवाब च
सच त यो च दगड़यों पहाड़ अब पहाड़ में ही बर्बाद च ।
मुख्यमन्त्री जी दिल्ली मा ज्यादा मंत्री बिदेशू की सैर मा ,
खूब लूटेणू दगड़यों उत्तराखंड हमरू दिन दोहपहर मा ।
कनमा कन बिकास न नीति च न नीयत च साफ,
जन प्रशासनच दगड़यों उनि हम और आप।
अब ये पहाड़ो कू रक्षक बस यू बद्रीनाथ च
सच त यो च दगड़यों पहाड़ अब पहाड़ में ही बर्बाद च ।
प्रदीप सिंह रावत " खुदेड"