Author Topic: Poems Written by Shailendra Joshi- शैलेन्द्र जोशी की कवितायें  (Read 44094 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
जगमोहन सिंह जयाड़ा जिज्ञासु
posted toShailendra Joshi जोशी जी,
 
 आप सृजन करते रहो,
 अनुभूति व्यक्त करते रहो,
 कलम से मन की बात कहते रहो,
 पर्वतों से अतीत पूछते रहो,
 देवताओं की धरती उत्तराखंड,
 जन्मभूमि है तुम्हारी,
 गर्व करते रहो......
 
 लिख दो काल के कपाल पर,
 जो देखते हो, कल्पना करते हो,
 शैलपुत्र सोचना क्या,
 रचना संसार अंतहीन है......
 
 बद्रीविशाल की आप पर,
 कृपा रहे,
 मिलता रहे माँ सरस्वती का,
 आशीर्वाद आपको,
 मेरा कविमन तो यही कहे....
 
  -जगमोहन सिंह जयाड़ा "जिज्ञासु"
 18.42013
 jjayara@yahoo.com

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
Surendra Bisht
posted toShailendra Joshi Shailendra Joshi ji आपकी बेहतरीन रचना शेली, सोच के लिए शुभ कामना ! बेहतरीन कवितायें ! आपके सफल भविष्य की शुभकामनाये

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
 · Bhuwan Upreti wrote on Shailendra Joshi's timeline.April 18 at 1:20pmShailendra ji, aap ki rachna kavita ho ya lekh bahut sunder hain. Meri aap ko bahut bahut badhai aur shubhkamna.

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
Jayprakash Panwarposted toShailendra Joshi21 hours agoShailendar is a budding poet....experementing with so many ideas.....wish you all the best for your creative endevours....

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
बहुत सुन्दर सृजन आपका जोशी जी,

बदल्युं छ मन तुमारु,
नयुं पहाड़ नयीं नथुलि,
रंग रूप भलु छ,
भलि गौला की हंसुलि....
23.4.2013
--जगमोहन सिंह जयाड़ा "जिज्ञासु"

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
Rajiv Lochan Sah
posted toShailendra Joshi7 hours agofb पर यों कविताओं का मजा नहीं रहता. मैं देख भी कम पाता हूँ. लेकिन जितनी पढ़ पाया, अच्छी लगीं. आप लिखते रहें बिना थके. मैंने पहले भी कहा था कि गिर्दा जिन्दा होता तो आपका मार्गदर्शन कर सकता था. मेरी गति काव्य में नहीं

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
Shailendra Joshi मेरा गरीबी का पठालो मा
 कब तक खैरी चुली
 कब पड़लू भै  अमीरी कू लैंटर
 देखदा देखदा कना कना
 लोला बण गैनी मोटा ठेकेदार
 कब तक मी युकू कुली कबाड़ी रालू
 कब म्यरा किस्सों मा भी माल होलू
 मै दनकुलू यू चमकदा मॉलो मा
 या किस्मत मा फुटपाथ की ठेली लिखी चा
 भाग मा मेरी भी होली क्या क्वी बांद
 या फ़िल्मी पोस्टर देखी ज्यू बैलालू
 रचना शैलेन्द्र जोशी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
Shailendra Joshi जब हो मायादार साथ
 कब कटे जांद ज़िन्दगी कू सफर नी पता चलद
 क्या दिन क्या रात
 जब हो मायादार साथ
 रसीली छवीयों की बकीबात
 जब हो मायादार साथ
 सडक्यों का घूम
 कांधा बणीय़ा छिन सिराणा
 भली नींद मा छवीयों कू  ठुगार
 भग्यानो तै मिल्द यनु प्यार
 उ भी कन्न  भलू चा
 जैन रचींन मायादार
 रचना शैलेन्द्र जोशी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
By Shailendra Joshi  
  • दिदा दागी भी चा
     
     दिदा बागी भी चा
     
     और बणय़ू चा सबसे भलु
     
     आज बीजेपी मा भोल  बणगी कांग्रेसी
     
     पर्सी नितर्सी बितैनी सपा बसपा मा
     
     आज बणगी दिदा निर्दलीय
     
     सुधारक बणयू समाज कू
     
     उठायू बिड़ा नेतागिरी कू
     
     छैच दिदा बडू आली जाली
     
     भैर ईमानो झूटू स्वांग
     
     भीतर से चा कपटी बेमान
     
     रचना शैलेन्द्र जोशी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

  • Core Team
  • Hero Member
  • *******
  • Posts: 40,912
  • Karma: +76/-0
Shailendra Joshi हाथ हथोड़ा पसीने की गंद
 
 सुख चैन है मुझ से दूर
 
 मै हू मजदूर मै हू मजदूर
 
 कभी मालिक ने पैसे मारे मेरे
 
 कभी ठेकेदार ने दी कम ध्याड़ी
 
 पेट की आग के खातिर
 
 मेरी गरीबी किया मुझे मजबूर है
 
 मै मजदूर हू
 
 चैन की नींद मुझको मीठी भुख है
 
 काम ही मेरा धाम है
 
 काम ही मेरा आराम है
 
 भाग मे लिखी गरीबी मेरे नाम है
 
 मै मजदूर हू
 
 रचना शैलेन्द्र जोशी

 

Sitemap 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22