Shailendra Joshi
January 29
दिल्ली की हाट मा
झ़ंगोरा कि खीर
सब्ब खांदा
अंग्लो कि चटा चटी
गिच्चा लगांदा
पर कब तक
किल्है क्वी बि
बडू आदिम
झ़ंगोरा का झ़ंगरेङा
नि जाणा चांदा
दिल्ली कि हाट मा
सिल कु पिस्यु लुण
सब्बी लेणा
पर आखिर कब तक
किल्है क्वी बि
बडू आदिम
सिल मा लुण
नि पीसणा चाणा
दिल्ली की हाट मा
कोदा की रोटी
सब्बी खांदा
पर आखिर कब तक
कोदा का कादेड़ा
किल्है क्वी बि
बडू आदिम
नि जांदा
जब क्वी जालू
नि पहाड़ मा
धाण खुणि
भोल तुम बि
कनुक्वे जाला
कोदा झ़ंगोरा
खाण दिल्ली
हाट मा
रचना। …… शैलेन्द्र जोशी