Shailendra Joshi
February 16
तेरा गीत की लैन चा
आलु घाम छिरकि मुठ बोटीक रख
कर ले भै वादा
आज नेगी दा
देलू हम तै विकल्प राजनीती कु
अन्ना की लड़े मा
तिन भी लड़े लड़ी सदनी भ्रस्टाचार बीटी
गै नि गीत यना
कभि गै नौचामी कभि गै मछु पाणी
अब क्त्गा खैलियो जना गीत सुणि
देहरादून क्या दिल्ली वालों का भी पसीना छुट दा
उक़ा पसीना छुटा दी रै
अब गीत यना बनई
जू विकल्पों की हो नामा वाली
पंच बदरी पंच केदार की धरती मा पंच ऍमपि दी इना जो हो साचा
रचना शैलेन्द्र जोशी