Author Topic: Poems Written by Shailendra Joshi- शैलेन्द्र जोशी की कवितायें  (Read 98966 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Shailendra Joshi
 
हर्ष पुरी न कविता को करी जखा श्री गणेश
सिंह नाद को सिंह जखा
नेगी जना गीतों संत जखा
तारादत्त का सदैयी जख
तोता कृष्णा प्रेम पथिक जख
घुमक्कड़ जीवानंद श्रीयाल जख
कवि अबोध का भुम्याल जखा
चातक जना लेखक जख
डंडरियाल जना कवि इखा
दुनिया मा चक्रवियु रचाण वाला डी आर पुरोहित जखा
नरेन्द्र कठैत का व्यंग बाण जखा
गणी जना एंकर छाली बाच जखा
वीरेन्द्र पंवार जगदम्बा चमोला जखा
ओम प्रकाश सेमवाल मदन डुकलान जखा
लोकेश नवानी गजल जखा

मधुसुधन थपलियाल जख
और नयी छवली भरिया कवि कतगा हजार इखा
वखा नयी पीडी शर्माणी गड्वाली बुन्न मा यार इखा
रचना शैलेन्द्र जोशी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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फेसबुक उत्तराखंड
 
त्येरी स्वाणी मुखडी की सौ
घुमी दुन्या का कतगा गौ
नि द्यखी त्येरी सी मुखडी
त्येरी स्वाणी मुखडी की सौ
चल लि चल मिथे बि अपणा गौ
वखी रौला त्येरी ठौ
मि बि त देखु कुच वा मयाली मौ
जखा जल्मी इनी स्वाणी मुखडी
सच बोनु छोऊ
त्येरी स्वाणी मुखडी की सौ
रचना शैलेन्द्र जोशी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Shailendra Joshi
May 22
सुख गया प्रेम का गुलाब
डायरी के पन्नों मे
मुझे विश्वास है
एक दिन ये खिल
जायेगा फिर
प्रेम के बसंत मे
सिर्फ तुम डायरी के
पन्ने पलटते रहना
क्युकी कोई हवा का झोंका
उड़ा ना ले जाये
गुलाब को डायरी के पन्नों से
रचना शैलेन्द्र जोशी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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फेसबुक उत्तराखंड
May 24
हर्ष पुरी न कविता को करी जखा श्री गणेश
सिंह नाद को सिंह जखा
नेगी जना गीतों संत जखा
तारादत्त का सदैयी जख
तोता कृष्णा प्रेम पथिक जख
घुमक्कड़ जीवानंद श्रीयाल जख
कवि अबोध का भुम्याल जखा
चातक जना लेखक जख
डंडरियाल जना कवि इखा
दुनिया मा चक्रवियु रचाण वाला डी आर पुरोहित जखा
नरेन्द्र कठैत का व्यंग बाण जखा
गणी जना एंकर छाली बाच जखा
वीरेन्द्र पंवार जगदम्बा चमोला जखा
ओम प्रकाश सेमवाल मदन डुकलान जखा
लोकेश नवानी गजल जखा

मधुसुधन थपलियाल जख
और नयी छवली भरिया कवि कतगा हजार इखा
वखा नयी पीडी शर्माणी गड्वाली बुन्न मा यार इखा
रचना शैलेन्द्र जोशी

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फेसबुक उत्तराखंड
May 23
त्येरी स्वाणी मुखडी की सौ
घुमी दुन्या का कतगा गौ
नि द्यखी त्येरी सी मुखडी
त्येरी स्वाणी मुखडी की सौ
चल लि चल मिथे बि अपणा गौ
वखी रौला त्येरी ठौ
मि बि त देखु कुच वा मयाली मौ
जखा जल्मी इनी स्वाणी मुखडी
सच बोनु छोऊ
त्येरी स्वाणी मुखडी की सौ
रचना शैलेन्द्र जोशी

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टोपली

टोपली बन बनिकी
हर देस की
अपणी पहचाण चा
अपणी शान चा
मुंड एक चा
जखा जा टोपली पैणा
टोपली पैनावा लुगो तै
टोपली मा राज चा
टोपली मा काज चा
टोपली मा राजनीती का रंग छन अनेक
टोपली बिना मुंड नांगु चा
टोपली की टोप जन्दा ज्यू
उही मातबरो का मुंड
टोपली कु ताज चा
रचना ......... शैलेन्द्र जोशी

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Shailendra Joshi
23 hours ago
एक चाँद
और एक सुरज
छिन
द्वि झणा
कुटुम्दरी का
पहिया छिन
द्वि झणा
गंगा का द्वि
छाला छिन
द्वि झणा
द्वि गात
एक साँस
छिन
द्वि झणा
सुख दुख का
साथी छिन
द्वि झणा
मंगलमय रहुँन
सदानी
द्वि झणा
रचना। …शैलेन्द्र जोशी

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हे गुरु सिखे दे मितै बि
कनुक्वे बणदु
द्वि का चार
कण आंदी इंन्न करी
जीबन मा बसंत बहार
कखी टिक फिर बिक
फिर दिखोऊ दुन्या तै
अपणी बसंत बहार
इमान मा मुनाफु नि
बेमानी का बाटा चिफला भारी
ये मा छोरा रड्दी जै
धन धन जपती जै
ये चा छोरा
धन कु प्रबंध
तुम कन्ना गुरु छा
चेला तै देणा गलत ज्ञान
तू बि त उलटू चेला चा
द्वि का चार पुछणु सिदा
ये देस छोरा जीरो कु आविष्कारक चा
जीरो से लोग हिरो बणदन
समझग्यों गुरु जी
तुमरी ज्ञान कु सार
तुम तै शिस नवैकी की म्येरू नमस्कार
रचना शैलेन्द्र जोशी

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Shailendra Joshi
May 29
कुछ काम था जो देर हुयी
ऐसा रूठना ठीक नहीं
पर रूठ के ओं चाँद
तुम पे चार चाँद लग जाते है
ऊफ ये तुम्हारे तारिफे
मुझको और गुस्स्सा दिलाते है
जाओ जी जाओ
ऐसी बातो से किसी दूसरी हसीना को फंसाओ
मेरी जान दिल जब गधी पर आ गया
तो फिर परी क्या चीज़ है
तुमने मुझे गधी कहा
ओ माय फुट गेट आउट
मेरे शब्दो मे ना जाओ
उनका भावअर्थ जानो जानम
ऐसी बाते ना बनाओ मंजनू आशिक
मान भी जाओ रूठ के ना जाओ
रचना शैलेन्द्र जोशी

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Shailendra Joshi
May 29
निरोगी रोगी बन फिरे
वैध के डेरे डेरे
रोगी रोग छुपाये दर्द का
रोग क्या जोग मे
ये नफ्ज टटोलने वाला
ही जाने रोग का सच है क्या
रचना शैलेन्द्र जोशी

 

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