Author Topic: Poems Written by Shailendra Joshi- शैलेन्द्र जोशी की कवितायें  (Read 98966 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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ilendra Joshi
May 25 · 

सुरज चाचू तुम जेठ मे
गरम ना होते तो
हमारा स्कूल बंद न होता
सुरज चाचू तुम गरम न होते तो
स्कूल समर वेकेशन ना होता
सुरज चाचू तुम पुरे साल गरम क्यों नहीं होते
अगर काश ऐसा होता
रोज होती छुटटी छुटटी
सुरज चाचू जो भी हो तुम बहुत अच्छे हो
कुछ दिन तो स्कूल बैग के बोझ मुझे आराम देते हो
रचना शैलेन्द्र जोशी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Shailendra Joshi shared a link.
June 10
http://youtu.be/9oZIaycaHmQ
गैरसैण दूंन सैण
जखा रैण मौज मा रैण
मैंगा टेंट मा लमलैट
दारू पैण हवा खाण
फिर देरादूण जाण
हवे क्या वि ज्यू सदानी हवे
गैर सैण का नोऊ पर
बस भै बस राजनीती हवे
रचना ...... शैलेन्द्र जोशी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Shailendra Joshi
June 9
गैरसैण दूंन सैण
जखा रैण मौज मा रैण
मैंगा टेंट मा लमलैट
दारू पैण हवा खाण
फिर देरादूण जाण
हवे क्या वि ज्यू सदानी हवे
गैर सैण का नोऊ पर
बस भै बस राजनीती हवे
रचना ...... शैलेन्द्र जोशी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Shailendra Joshi
June 1 · Edited
नरेन्द्र सिंह नेगी जी का लोकप्रिय गीत नयु नयु ब्यो चा हिंदी रूपांतर
अनुवादक :शैलेन्द्र जोशी

नयी नयी ब्यही हु तुम से प्रिये
सुनते हो जी तुम को इतनी जल्दी भी क्या
धीरे धीरे चलो न दो प्यार भरी बाते करो प्रिय
इन पेड़ो की छाव के तले
अरे जो भी बतियाना है तुमको
घर जाके कहना
वैसे तुम इतने कंजूस हो
पैदल चला रहे हो
गर्मी के दिन है
सामने गाड़ी खड़ी है
उसमे चलते है ना
वैसे इतनी खड़ी चडायी है ससुराल की
चला जा रहा है नहीं वैसे ऊँचे सैंडिल पहने है मैने
मान भी जाओ मेरे प्रिय पति देव
ज्यादा नखरे मत दिखाओ
तेरी इन कप्पनाओं मे भूखा मर जाउगा
चल जल्दी कदम बड़ा
सैंडिल को पर्स मे रख
नंगे पाँव चल फटा फट
इतनी भरी पुरी जवानी तुम्हारे ये हाल है
बुढापे मे तो भगवान जाने क्या होगा
वैसे भी कल परसों तुम खेतों मे जाना होगा
तुम्हारे इतने नाजुक हाल देख कर मै बहुत परेसान हु

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Shailendra Joshi
May 31 · Edited
नरेन्द्र सिंह नेगी जी का लोकप्रिय गीत चली भै मोटर का हिंदी रूपांतर
अनुवादक :शैलेन्द्र जोशी

ऊँचे नीची पहाड़िया
सर्पीली टेडी मेडी सड़के
चलती फँवा फँवा मोटर चली
कंडेक्टर भाई हो कन्डेकटर भाई
एक पैर नीचे रह गया , जरा हाथ तो खीचना
छरा रा गिरते मेरे हाथ के चने गुड़ भेली
फँवा फँवा मोटर चली मोटर चली
जय हिन्द सिपाही भाई
प्रणाम सिपाही भाई
मै समझ गया हु
तेरा बक्सा क्यों भारी है
भाई मेरा ख्याल रखना
जरा जरा ही रखना पर रखना
भाई कंडेक्टर हे भाई
पाँव रखने भर को भी जगह नहीं है
और तू सवारी भरने मे लगा है
हम सब कृपा कर हे माँ
फँवा फँवा मोटर चली
हे बीड़ी पीने वाले भाई
कैसा सिर दर्द कर रखा है तुने
जरा उधर तो हो भाई
जो कुछ झंगोरा खाया था
वो सब उल्टी निकल गया भाई
फँवा फँवा मोटर चली
किस परिवार का ये बिगड़ा शहजादा
जो जूतों वाला पैर मेरे जेबों डाल दिया
सर तक फुट रहे इस बस की भीड़ मे
फँवा फँवा मोटर चली
हे गापस्टर भाईयों तुम गप मार के
मेरे कान फोड़ दिये है
जरा मुह को आराम दे कुछ देर
गप्पो की कैसी राम लीला चल रही
फँवा फँवा मोटर चली
ड्राईवर भाई क्या तूफान मेल बना है
जरा प्यार से हौले हौले चला
फरा रा फरा जहा पाहुचाये फिर
फँवा फँवा मोटर चली
खोलो खोलो खिड़की खोलो
मर गया मै खडे खडे इस मोटर की भीड़ मे
हे बाबु तेरी मोटर से भली
मेरे दो पहिये गाड़ी मेरे पैर है
फँवा फँवा मोटर चली

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Shailendra Joshi
June 27 · Edited
हनीमून हनीमून
शहद चाँद
घुम घुम
पहाड़िया
नदिया
समुन्दर
मे झूम झूम
बरसात
गर्मी
सर्दी
हर मौसम मे
इस त्योहार की धूम
तस्वीर यादे
सब सकून सकून
हनीमून हनीमून
रचना ..... शैलेन्द्र जोशी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Shailendra Joshi
June 27
Winsar Prakashan, 8, first floor,4 dispensary road,Dehradun,uttrakhand
बिनसर पब्लिकेशन 8 फर्स्ट फ्लोर ,4 डिस्पेंसरी रोड देहरादून से अपनी प्रति आज से बुक कराये
व्यंग सम्राट नरेन्द्र कठैत का नया व्यंग धमाका '' नाराज नि हुया'' जुलाई अंतिम सप्ताह से आपके नजदीकी बुक शॉपो मे उपलबध होगा ............................शैलेन्द्र जोशी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Shailendra Joshi
June 27 · Edited
द्वि दिन की दुनी मा
द्वि पल की हँसी बटोर ल्या
हंसी खुनि पुरी बतीसी मुस्कुराट नि
द्वि दांत बि काफी छन
रचना शैलेन्द्र जोशी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Shailendra Joshi
June 24
ये लोला छुचा व्हाटअपन फेसबुक की रोनक लुछियाली कबी फेसबुक का डाडा काठो मा रैंदी छेय बसंत बहार किन्तु मेरु पलायन नि हवे फेसबुक बिटी व्हाटअप मा मितु फेसबुक कु ही रसिया छौ अज्यु तलक ..................शैलेन्द्र जोशी

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Shailendra Joshi
June 24
जै ढोल ढमौ की हमन नी जाणी क्वी मोल
देखा दी कन्नु भलू बजाणु
अमेरीका मुलुक कु
स्टीफन फ्योल
गौ का गौ हवेगिन खाली
हमरी सग्वाड़ी मा कन्नी भली साग भुज्जी उगाणा नेपाली
सैरी दुनिया की नज़र चा
ये हिमालय मा
क्वी बीजली क्वी पाणी
क्वी जड़ी बूटी खोदी
कमाणू चा
सब की किस्सी इख बीटी भरणी चा
पर जोग देखा पाड़ीयों कू
कामणा ग्याँ भैर उन्द
रचना शैलेन्द्र जोशी

 

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