Shailendra Joshi
June 23 · Edited
तोरे दर्शन को रघुराई
मै सोलह सिंगार कर आयी
रूप रंग सब रंग लायी
मै लायी हाथ वर माला
प्रिय तोसे बंधन के लिये
जनम जनम के लिये
मै प्रीत का सागर लायी
माला फुल मे प्रेम चुन चुन के लायी
स्वीकार करे मोरे प्रिय मेरी वर माला
नयन बिछाये बैठी तोरे रूप दर्शन को मै बाला
रचना ... शैलेन्द्र जोशी