Author Topic: Poems Written by Shailendra Joshi- शैलेन्द्र जोशी की कवितायें  (Read 43046 times)

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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पंचैती चुनौ जीती की
तुम तै नेता बनाला
तुम ठेकेदार बणला
ठेका ल्यू चा क्या हमुन
तुम तै परधान बानाला
पुस्ता बिट्टा नाली बाटा कू
तुम कमीशन खाला
सीमेंट बजरी कंक्रीट
तुम घौर लागला
गौ का विकास कार्यो मा
रेत उडाला
पंचैती की आड़ मा
तुम संचेती जोडला
कखी दारु कखी कुजाणी क्या बिकाला
तुम तै मोटा सेठ बनाणा कू
ठेका ल्यू चा क्या हमुन

रचना शैलेन्द्र जोशी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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हिंदी बाल गीत अकड बकड को मिक्स करि जरा पहाड़ी मायादारी टच दिया है जरा पढ़ ल्या दौं !
अकड़ बकड बमबे बो
अस्सी नब्बे पूरे सौ
तौ अंगलो तै छोरी
माया मा पकड़ लि दौं !
सौ में लगा धागा
चोर निकल के भागा
तू बि भाग जाली छोरा
माया का तोड़ी कच्चा धागा
अकड़ बकड छोरी
मुंडारु नि ले दौं !
हात मेरा पकड़ लिदौं !........शैलेन्द्र जोशी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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पर्दा उठ चुका है नाटक जरुर होगा
थियटर मे अंधेरा हो चुका है
नाटक जरूर होगा
दर्शक आ चुका है
नाटक जरूर होगा
ताली बज चुकी है
नाटक जरूर होगा
डायरेक्टर ने आर्टिस्ट को
मंच मे छोड़ दिया है
नाटक जरूर होगा
तुम आज पर्दाफास होगे
नाटक जरूर होगा
उजाला हो गया थियटर मे
ये कैसा उजाला
चीफ गेस्ट नेता ने कहा
ये नाटक असर है
डायरेक्टर ने कहा
नाटक कब शुरु हुआ
नेता बोला
डायरेक्टर ने कहा
जब तुम अपनी सच्चाई मे सो रहे थे
जनता जाग रही थी
नाटक हो चुका अब कुछ होगा
रचना शैलेन्द्र जोशी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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हिमालय वेब पोर्टल को शुभकामना विशेष बधाई अनील कुमार पंत जी उनकी टीम को ।
जो छुपी थी प्रतिभाये कन्द्रोंओं में
उनको चमका रहा है हिमालय
हिमालय जैसा
पहाड़ की सार खबर
लाया खोज खोज
हिमालयन न्यूज़
जो चैनल नहीं
पुरा उत्तराखंड है
कला साहित्य संस्कृति
ज्ञान विज्ञान
दर्शन कराता हिमालयन
जो कही नहीं दिखते थे
वो दिख रहे हिमालय पर....................शैलेन्द्र जोशी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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बांज कीतना ही बांज हो जाये
खिलते बुरांस बांज के वन
चीड खड़ा कर दे
कितने ही वन जंगल
खिला के दिखाये
जरा बुरांस अपने वन ..................शैलेन्द्र जोशी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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कथाकार महेशनंद जी को समर्पित स्या कविता ढोल सागर कख रैगी ।
ढोल सागर रै होलू
पर अब त
रूढ़ कु सुखु गदेरा सी हयु
दोषी कु
वू सब वू सब सैरु समाज
ज्यु ढोल तै पूजणा रैनि
अर ढोल कलाकारु करना
रैनि तिरस्कार
जौ तै चाणु छौ
प्यार सम्मान दुलार
वू तै दिणा रैना डडवार
ढोल आज भले पौच गिनि
स्टीफन फ्यौल का हात
पर जणगुर लुगू का हात
ह्वै गे गोल
जब रखीनि ऊँकी
अलमोल कला मोल
समझीनि तौल
इन्ना हाल ढोल सागर
कखन हौणु छौ
विथे सुखा गदेरा बनाण मा
सैरु समाज कु दोष ।.............शैलेन्द्र जोशी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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खुली ज्यू मुठ छटकियु रंग गढ़कुमायु
बंद हवे मुठ हवे ग्या एक जुट
रंग छन अनेक फिर बि एक
हम उतराखंडी !
चन्द्रसिंग दरबानसिंग
माधोसिंग रण कु
हर सिंग इख चा
मेरा पाड़ा भड़ सिंगो
बंद मुठ कर आज सब
एक हवे जा बीर सींगो !
तीलू सी बीर
रामी सी बौराण
टिंचरी मायी जनु
सास आज दिखाई
आज तू पाडे नारी
एकता चिनगारी जलैयि!
बट्टी सि किल्हे छटक्या
ब्यटो तुम आज
छन्यू गारा सि हवे जा
आज मुठगी बोटी सब हवे जा एक !
अर चुले दया ऊँ फरे उ गारा
गुलेर कु निसाणा साधी
जौका बाना हुयी फुट
अबेर नि करा अब
न करा भाईयों अब देर
हवे जा एक जुट एक मुठ!
खुली ज्यू मुठ छटकियु रंग गढ़कुमायु
बंद हवे मुठ हवे ग्या एक जुट
रंग छन अनेक फिर बि एक
हम उतराखंडी !...........................शैलेन्द्र जोशी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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मन के अंदर के रावण को
तू मार रे मानव
जगा अपने अंदर के
राम को रे मानव
मर्यादा का पुरषोत्तम बन
तू कर विजय
अपने अंहकार पर
रे मानव
कर विजय दशहरा रे मानव ।.....शैलेन्द्र जोशी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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दसरथ के नंदन हे राम
रूप अनूप सौंदर्य स्यामल गात
हे राम हे श्री राम
कौसल्या का जाया हे श्रीराम
मर्यादा पुरषोतम हे राम
सीता के पति हे श्री राम
लखन भरत शत्रुघन के भाई
हे राम
हनुमान के सखा हे राम
प्रजा हितकारी हे श्रीराम
अवध बिहारी हे श्रीराम
तेरी लीला है अपरम्पार
हे राम हे श्री राम।..........शैलेन्द्र जोशी

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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Shailendra Joshi with Dinesh Dhyani and 32 others.
September 27 at 1:06am ·
सौंदर्य ऐसा
देखने वाला देखता रह जाये
अंग अंग में नक्काशी हुयी
हो किसी शिल्पकार से
कमर नागिन सी बलखाई
लहरा रही ऐसे
जैसे कोई क्लासिकल गायक
गा रहा हो मुरखे खटके के साथ
लहरा लहरा कर
और इस तन बदन की
खूबसूरती की जुबां
बोल रही है नाच नाचके
वाइपीएस रावत की कला
और कत्थक खुद बोल
रही उनकी कथा
नर भी नारी दर्शन
करा सकता अपनी कला

 

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