चिर सुंदरी भुंदरा बौ बीमार च, आपक बौ तैं क्वा बीमारी च ?
(Best of Garhwali Humor , Wits Jokes , गढ़वाली हास्य , व्यंग्य )
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चबोड़ , चखन्यौ , ककड़ाट ::: भीष्म कुकरेती
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भौत दिनु उपरान्त मीन भुंदरा बौ कुण फोन कार।
मि - हैलो ! हैलो ! कुछ तो ब्वालो।
चिर सुंदरी भुंदरा बौ - कु च सुबेर सुबेर फड़्याणु ?
मि - चलती क्या खंडाला ?
चिर सुंदरी -साले रोज बोलता है बल चलती है खंडाला। मुझे पता है तू खंडाला के बहाने क्या करने वाला है।
मि - ये बौ ! मि भीषम छौं। मुंबई बिटेन ...
चिर सुंदरी -हाँ हाँ सब समजद छौं तेरी मक्कारी। तुम मुंबई वाळ ना ! मि जाणि ग्यों अब तुम सब का सब ठग, बदमाश .... (सेंसर्ड )
मि - ये बौ ! तबियत तो खराब नी ?
चिर सुंदरी -अरे तबियत तो मि ठीक करुल ते फिलम प्रोड्यूसर की। तू नाम का ही फिलम प्रोड्यूसर छे पर असलियत मा मि तै पता च कि तू भेड़ की खाल मा भेड़िया छै।
मि - मि अर फिलम प्रोड्यूसर ?
चिर सुंदरी - हाँ हाँ तुम सब फिलम प्रोड्यूसर में सरीका नादान सुंदरी तै कास्ट काउचिंग का जरिया फंसादा अर भौत एक्सप्ल्वाइट करदा।
मि - कास्ट काउचिंग ! कास्ट काउच ! का ...
चिर सुंदरी - हाँ हाँ यू स्काउंडलर ! मि सब जाणि ज्ञान त्यार बारा मा . मीन देखि आलिन त्यार हाल। यू ब्लडी ब्लडी भेड़िया।
मि -ये बौ। तेरी तबियत ?
चिर सुंदरी -चुप मीन नि करणाइ त्यार दगड़ बात।
जिंदगी मा पैल बार भुंदरा बौन इन फोन काट।
मीन सुंदरा बौ कुण फोन लगाई।
मि - हैलो सुंदरा बौ! मि भीषम ...
सुंदरा बौ -ऊं मि सब समजद छौं वीं भुंदरा की चाल। चालबाज भुंदरा। जरूर वा खुस्सट औरत त्यार जरिया मेरी जायजाद हड़पण चाणी च। मीन नि आण वीं खलनायिका का मकड़ जाळ मा।
अर सुंदरा बौन फोन काटी दे।
मीन बिंदरा बौ कुण फोन लगाई अर मि कुछ बुल्दु कि बिंदरा बौ बुलण लग गे।
बिंदरा बौ - तेरी मक्कार भाभी भुंदरा शा अर चाटुकार भाभी सुंदरा बेन मेरी हत्त्या की साजिश रचणा छन अवश्य ही तू इन पता लगाण चाणी छे कि मि कै कमरा मा सियुं छौं। भगवान बि ब्वालल ना मीन त्वे तै नि बताण कि मि अपण घौर ना अपितु छन्नीम सियुं छौं।
अर बिंदरा बौन बि फोन काटी दे।
मीन पबितरा काकी कुण फोन कार। रामा रूमी बाद मीन पूछ।
मि -ये काकी यी भुंदरा बौ पर कुछ भूत भात त नी लग्यूं ?
पबितरा काकी - हां भूत भात त ना पर सलमान खानक बिग बॉस की छाया लगीं च। अच्काल वा अफु तै बिग बॉस की एक महिला चरित्र समजणि च अर उनी बर्ताव करणी च। तीन त फोन पर इ बात सुणिन। हम त वींक पहनावा बि दिखणा छंवां। वै चरित्र की ही ड्रेस पैरदि अजकाल। बिग बॉस खतम ह्वाल अर फिर वा ये जामा म ऐ जाली।
मि -अर सुंदरा अर बिंदरा बौ ?
काकी - वूं पर बि टीवी सीरियलूं बीमारी लगीं च। यी द्वी समजणा छन कि हरेक आदिम यूंक विरुद्ध क्वी बुरु योजना बणानु च। पर चिंता नि कौर ठीक ह्वे जाला। एकाद मैना यूंका कजेयूं मनी ट्रांसफर बंद ह्वाइ ना कि यी बि जमीन पर ऐ जाला।
मि -पर ...
काकी -इन बीमारी वे पर इ लगद जैक पेट भर्युं हो अर निकज्ज बैठ्यां ह्वावन। ह्वे जाल सब ठीक। चिंता नि कौर।
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610 / 2017,
भोजनै जगा अचार , सलाद अर थाळी बिंडी बड़ैं
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चबोड़ , चखन्यौ , ककड़ाट ::: भीष्म कुकरेती
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आप कैक ड्यार जावो अर उख गृहलक्ष्मी बड़ा उत्साह , उलार मा आपक समिण बड़ो मनोयोग से पकयूं बनि बनि पकवान धरदी अर आप बि भूक चूक बणि खूब खै लींदा।
आप हथ धूंदा , उंकी तौलियान मुक पुंछदा , बड़ी जोर की असभ्य डंकार मरदा अर बुल्दा बल आज कुछ जादा इ ह्वे गे।
गृहलक्ष्मी जब पुछदी बल ये जी खाणा ठीक बण्यु छौ ना ?
अर आपक उत्तर ह्वावो , "हां ब्वारी ! अचार अर सलाद मा त क्या मजा आयी , क्या बुलण। छा ब्वारी ! इन बतावो कि इथगा बढ़िया थाळी कखन लै भगतू ? मेमानुं तैं खाणो खलाणो कुण एक थाळी मीन बि लीण छे."
तो गृहलक्ष्मी पर बज्जर नि पोड़ल ?
अवश्य ही गृहलक्ष्मी का सरा उत्साह खतम ह्वे जालो। वींक सरा कर्युं -कयूं मोळ जोग ह्वे जालो।
पुरण जमन मा जब सब कुछ शॉर्टेज मा छौ तब क्वी कैमांगन सुफेद कुर्ता , कैमान सुलार अर हैंक मांगन जुत्त उधार लेकि ब्या मा जावो अर लोग वैक सुलार कुर्ता की प्रशंसा जगा वैक पुराणो धुराणो काळु हुयुं जंद्यो की प्रशंसा करिल्या तो क्या वैक आत्महत्या करणो ज्यू नि बुले होलु ?
आप कैक दगड़ कै प्रोग्राम मा जावो अर उख दगड़्या की स्याळी गीत गावो अर आप स्याळी गौळै प्रशंसा जगा हौलौ सिटिंग व्यवस्था अर पंखौं बड़ै करिल्या तो दोस्त वै बगती दुसमन नि बौणल क्या ?
बड़ै , तारीफ़ या निंदा का अपण समय हूंद , प्रशंसा , स्तवन या आलोचना समिण वळक मनोस्थिति का हिसाब से ही हूण चयेंद ना कि बरात गे धार पोर तुम बजाओ ढोल ये वार।
चारणगिरि , स्तुति , दोष लगाण वास्तव मा समय , व्यक्ति कु वर्ण -वर्ग अर स्थान की गुलाम च।
मीन एक पुस्तक विमोचन द्याख मुंबई मा। वे विमोचन मा जनि श्री नंद किशोर नौटियाल जी ऐन तनि द्वी चार हिंदी कवियूंन कवि की प्रशसा छोड़ि नौटियाल जीक बड़ा मंगण शुरू कर दे , नौटियाल जीक खुट-वंदना शुरू कर दे किलैकि नौटियाल जी महाराष्ट्र हिंदी अकादमी का फूंदा जि बौण गे छा।
भौत सा लोग प्रशंसा या आलोचना से अपण उल्लू सीधा करणो हथ्यार बणांदन तो भौत सा अज्ञानता बस मुख्य वस्तु की बड़ैं जगा गौण वस्तु की बड़ैं करण लग जांदन त कुछुं समज इ मा नि आंद कि केवल प्रशंसा ही ना दुसरैक आलोचना बि हैंकाकुण प्रशंसा ही हूंदी।
राहुल बाबा मंच पर बैठ्यां ह्वावन तो यी सब जाणदन कि राहुल बाबान इथगा सालुं मा प्रशंसा लैक कुछ त कार नी च त राहुल एक अनुशसन प्रिय नेता च , राहुल एक जनप्रिय नेता च, राहुल गांधी भीड़ जुटाऊ नेता च जन उपाधि वळि प्रशंसा त दिए नि सक्यांद। इन मा चतुर स्याळ योनि का कॉंग्रेसी नेता नरेंद्र मोदी की कड़ी से कड़ी आलोचना करिक काम चलान्दन। यु समौ हिसाबन सही युक्ति च , सही रणनीति च। मोदी आलोचना से सत्यम ब्रुयात सिद्ध हूंद अर राहुल जीकुण प्रियम ब्रुयात ह्वे जांद।
फेस बुक मा त क्या से क्या हूणु रौंद। छ्वीं लगदन बल सदा नंद कुकरेती आधुनिक गढ़वाली कथा जन्मदाता छा। तो भौत सा सदानंद जीका गाँव का ग्वीलवासी टिप्पणी दींदन कि सिलोगी स्कूल का मैनेजर साब नंदा दत्त जी का विषय मा किलै नि ल्याख ?
जरा फेसबुक मा जीत सिंह नेगी जी की बात उठाओ त अधिसंख्य टिप्पणी कार नरेंद्र सिंह नेगी जी की बात करण मिसे जांदन अर बिसर जांदन कि प्रशंसा या आलोचना समय , स्थान अर व्यक्ति/ वर्ण का हिसाब से ही सुहांदी।
आप बि ध्यान दींदा छा कि ना कि काखम क्यांक प्रशंसा करण चयेंद ? आप जणदा छन कि ना कखम समिण वळक प्रशंसा की जगा वैका विरोधी की आलोचना ही सही हूंद ? है ना ठीक बुलणु छौं ना मि ?
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7/11 / 2017
हे इंदिरा पौत्र ! चुगुलखोर बि विकल्प बथांदु
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चबोड़ , चखन्यौ , ककड़ाट ::: भीष्म कुकरेती
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हे भिवष्य का भारत विधाता क्षमा कॉंग्रेस का मालिक ! इंदिरा पौत्र ! जब बि तुम विदेश जांदा उखक ट्रेनिंग से तुम पर बरबरि , चरबरी अर बुलणम झकज्याट ऐ जांद अर दिन बितद बितद फिर पप्पुयाट छै जांद।
चलो भलु ह्वे हे नेहरू खानदान का दुप दुप करदो चिराग ! बल तुम ऐन गुजरात चुनाव से पैल अमेरिका से 'हाउ टु मेक पीपल फूल यानी हाउ टु बिहेव ऐज अफेक्टिव अपोजिशन लीडर ' की परिपूर्ण ट्रेनिंग लेकि आवां अर अब जरा ठीक से ट्वीटाणा छंवां , जरा सि अकल लगैका बुलणा छां अर अपण जग हंसाई नि करणा छा निथर लोक त सुचणा छा राजिव नंदन से तेज तर्रार त लालू नंदन च।
हे सौनेय! निथर अब तक त सोनिया जी बि बड़बड़ांदि छे कब आली म्यार राहुल पर अक्कल ! अब कुछ तो अकल की बात करणा छंवां। मान गए आपके नए अमेरिकी उस्तादों को !
पर हे सफेद कुर्ता धारी ! तुम पर मोदी पर अभियोग लगाणो बीमारी तो खतम इ नि ह्वे। ना ना ! हे इटली दौहित्र ! मि तुमर जनमजाति अधिकार नि लुठणु छौं जी। तुमर खानदानौ अलावा या खानदान प्रतिनिधि का अतिरिक्त क्वी हौर प्रधान मंत्री बण जावो तो तुम तै वैकि कटु आलोचना करणो जनमजाति अधिकार च जी।
हे प्रिंयका तात ! मि तुमर भारतीय शासन पर एकाधिकार पर धक्का लगाणो बात नि करणु छौं। हे डॉग लवर ! मि त मोदी पर तुमर अभियोग लगाणो तरीका की मखौल उड़ाण चाणु छौं।
हाँ जी हां ! हे बाड्रास्य श्याल: ! मि तुमर मजाक उड़ाण चाणु छौं। हे राईहान ममा जी ! मि तुम्हारी छीछलेदारी करण चाणु छौं।
हे अमेरिका का ग्रेजुएट ! तुम मोदी जी पर फिर से अभियोग लगाणा छंवां बल मोदी जीन डिमोनीटाइजेसन से इंडिया का भतिया भंद कर दे। अर्थ शास्त्र , आर्थिक स्थिति अर विज्ञापन इन चीज च जां पर सियुं मनिख बि टिप्पणी कौर दींदु तुम त फिर बि कॉंग्रेस का बादशाह छंवां तुम टिप्पणी नि करिल्या तो क्या करोड़ों निरक्षर भारतीय टिप्पणी कारल ? अभियोग लगाण त विरोधी पार्टीक संवैधानिक अधिकार च जी।
पर हे सोनिया नंदन ! अभियोग लगाणो काम तो क्वी बि गली का पियक्क्ड़ क्या कुत्ता बि लगै सकद कि मोदी जी या सोनिया जीकी या योजना ठीक नी च। हे राजीव पुत्र ! तुम मा अर गली का पियक्कड़ मा एक भारी अंतर् च बल पियक्कड़ केवल बकबास करणो बान , मत मारणो बान मोदी जी पर अभियोग लगांद पर हे राहुल जी ! तुम त दुबर सत्ता पाणो बान अभियोग लगाणा छंवां।
हे कॉंग्रेस का भाग्य विधाता ! तुम तै अकल लगाण चयेंद कि ना बल जब विरोधी अभियोग लगांद त दगड़म वीं कमजोरी का विकल्प भी दींदु। याद कारो जब अरविन्द केजरीवाल जीन तुम पर अभियोग लगाई छौ तो दगड़म अभियोग का विरुद्ध विकल्प भी देन अर तब जैक अरविन्द केजरीवाल जी द्वी दैं दिल्ली चुनाव जीत। मोदी जी तो कॉंग्रेस का जड़नाश करदा करदा नि थकणा छन अर अबि बि कॉंग्रेस पर अभियोग पर अभियोग लगाणा ही छन। किन्तु मोदी जी अर गली का पियक्कड़ मा भारी अंतर् च बल मोदी जी दगड़म विकल्प बि दींदन।
हे गुजरात चुनाव जीत का अभिलाषी युवा नेता ! यदि तुम मोदी जी पर डिमोनीटाइजेसन या GST पर अभियोग लगाणा छा तो दगड़म लोगुं तैं विकल्प बि बथाओ बल तुम यदि गुजरात चुनाव जीती ग्यायी तो डिमोनीटाइजेसन से उपजीं बिपदा तै कनकै भगैल्या। गुजरात मा GST तै कनकै सुधरिल्या ? बगैर विकल्प का अभियोग मा क्वी दम नि हूंद राहुल जी। गली का आम पियक्कड़ तो रोज अभियोग ही लगांदन तो क्या लोग पियक्कड़ों तै प्रधान मंत्री बणै दींदन ? नहीं जी नहीं। विरोधी दल का अभियोग अर गली का पियक्कड़ मा सबसे बड़ो अंतर् हूंद बल गली वळ विकल्प नि दींद अर विरोधी नेता तागतवर विकल्प दींदो।
हे कॉंग्रेस बत्सल , कॉंग्रेस स्वामी ! हे राहुल जी ! कृपया GST का विकल्प बगैर अभियोग नि लगावो , डिमोनीटाइजेसन का विकल्प बगैर अभियोग नि लगावो। विकल्प ही तो विरोधी दल का नेता तै सत्ता तक पौंछांद। विशेष विकल्प ही तो सोनिया गांधी जी अटल जी तैं कुर्सी बिहीन करद। 2009 का लोकसभा चुनाव मा आडवाणी जीन कॉंग्रेस पर पता नी कथगा अभियोग लगैंन धौं किन्तु आडवाणी जीकी कैन नि सूणी। आडवाणी जी गली का पियक्कड़ जन विकल्प बिहीन अभियोग लगाणा रैन अर कॉंग्रेस ऐंड कम्पनी चुनाव जीती गे .
तो राहुल बाबा ! अबि बि बगत च बल हर अभियोग का साथ विकल्प बि बथाओ निथर तुमन बि आडवाणी जी की योनि भुगतण हाँ। विरोधी दल का हथियार अभियोग त अवश्य च पर असली मारक हथियार तो अभियोग का विकल्प च माराज।
' हे कॉंग्रेस-धिराज , कॉंग्रेस्यूं तारनहार राजीव रत्न ! 'विकास पगला गया'' कुछ हद तक सही प्रश्न च। किन्तु तुमन त अपण विकासौ नाम देई नी च त हे फिरोज गांधी पौत्र ! लोगुंन तुम तै गंभीरता से कनै लीण ?
आपम त चमचा अर चुगलखोरुं फ़ौज च त याद कारो जरा जब गुजरात की अमीबेन यागनिक बैणि जब तुमर समिण भरत सिंह सोलंकी जीकी आलोचनि करदि त दगड़ मा इन बि त बोदी होली कि सोलंकी को कु विकल्प च ? या वा बि तुमर तरां बगैर विकल्प का बड़बड़ाणी रौंदी ? चुगलखोर बि विकल्प दींदन तो हे रोलीन विश्वविद्यालय ग्रेजुएट ! फिर आप किलै विकल्प नि दींदा ?
प्रकृति का भी यो ही नियम च यदि जै जगा बांज उगण बंद हूंदन उख कुंळैं उगण शुरू ह्वे जांदन। जख्या जमण बंद करण त क्वाद बूण पोड़द। जख लैंटीना मरण हूंद त तूंग , गींठी उगाण पड़दन। मोदी जीकी रोटी पर अभियोग लगाण काफी नी च अपितु कॉंग्रेसी पिजा परोसण बि जरूरी च।
मेरी राय च खाली , केवल अभियोग इ नि लगावो अपितु भारतौ वास्ता सुखमयी , संपनमयी , ऊर्जावान भारत का विकल्प बथाओ जी।
हां ! पर तुमन किलै सुदरण , सुदरणै जरूरत बि क्या च ? कौन से कॉंग्रेसम तुमर विकल्प च जी जु तुम तै कैकि डौर हो ।
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9/11 / 2017
गढ़वाळम पैल बोर नि हूंद था, अब हूण मिसे गेन
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चबोड़ , चखन्यौ , ककड़ाट ::: भीष्म कुकरेती
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मीन डा डबराल का उत्तराखंड इतिहास का सब खंड बाँचिन पर कखि नि पौढ़ बल गढ़वाळम लोग बोर (हिंदी मा ऊबना ) हूंद छा। डा डबराल की खोज अनुसार गढ़वळि मर्द महा अळगसी हूंद छा पर सन 47 तलक मजाल च जु गढ़वळि कबि बोर ह्वे ह्वावन धौं।
मीन म्यार बड्या बडा जी , अपण बडा जी , अपण बड्या ददि जी से कबि नि सूण बल हमर गाँव वळ क्वी भाग्यवान या अभागी , अभागण कबि सुपिन मा बि बोर ह्वे हो धौं।
पता नी मी बि जब तलक गढ़वाळम रौं कबि बि बोर नि होऊं ना ही म्यार उमराक दादा -भाई या काका -ब्यटा बोर ह्वे ह्वाल धौं।
असल मा तब गढ़वाळम बाछी हूंदी छै त बोर हूणै जरूरत नि छै। कुछ काम नि हो त छन्नी या ड्यारम बंधी या खुली बाछी का कांध मलास ल्यावो। फिर यदि बाछी नी बि मीलली त कुत्ता क पूछ इ मरोड़ दींद छा अर एकाध घंटा कुकरौ क़लकळू किर्राट से आनंद ले लींद छा।
उन गढ़वळयूं बोर (ऊबना ) नि हूणो पैथर हौर बि कारण रैन किन्तु द्वी मुख्य कारण छा बल।
सबसे बड़ो कारण छौ बल गढ़वाळी मा ऊबना शब्द इ नि छौ। हिंदी क्षेत्र का लोखार ऊबदा था बल ऊंक शब्दकोश मा ऊब शब्द थौ। अब जब कैमा कुछ ह्वावो तो उ प्रयोग कारल कि ना ? जब तक हमम नर्यूळ नि छा त हम जणदा बि नि छा बल कच्चु नर्यूळ साग भुज्जी मा बि प्रयोग करे जांद। अब कच्चो नर्यूळ उपलब्ध च त गढ़वाळम बि नर्यूळो चटणी बणन शुरू ह्वे गे। ऊब , ऊबना शब्द हमर शब्दावली मा नि छौ त गौक सौं हम कबि बि ऊबदा नि छा। गढ़वाळी मा उबण शब्द च , उब शब्द च अर जौंका अर्थ हूंद सुकण या सुक, उबे गे को अर्थ हूंद सूख गया । तो कै तैं पड़ीं छे कि वु सूको या ड्राई हो।
एक हैंक शब्द च उब्ब या उबैं अर वैक अर्थ च मथि , बेड़ या ऊपर की ओर। तो गढ़वळि ऊबदा नि छा। हर समय मजा से रौंदा छा।
जब तलक गढ़वळयूंन अंग्रेजी नि सीख तब तक गढ़वळि जणदा इ नि छा कि मनिख बोर बि हूंद। गढ़वळयूंक बोर नि हूणो दूसर कारण च बल हमर शब्दावली मा 'बोर ' , 'बोरिंग ', 'बोरडम' जन उटपटांग शब्द नि छा।
गढवाळी मा ऊब या बोर शब्द का नजिकौ शब्द च बिखळाण। किन्तु बिखळाण शब्द ऊब या बोर का सौत्या स्वार -भ्वारौ शब्द च। गढ़वळि मा बिखळाण स्वाद तक सीमित च अर कमी से संबंधित शब्द नी च अपितु अधिकता से संबंधित च। रोज एकि चीज खावो तबि बिखळाण पड़दी। अर एकि चीज तबी खयानद जब वा चीज भौत ह्वावो।
ऊब याने बोर याने समय काटणै परेशानी। किन्तु हमम समय काटणो कुण भौत सा टुटब्याग छा जन कि कैकि जड़ काट द्यावो , छ्वीं छ्वीं मा कैक बि नाक काटी द्यावो या कुछ नी तो पीठ पैथर कैकि काट ही कौर ल्यावो। कुछ नी त विधवा काकी क वाड इ सरकै द्यावो। उन गढ़वाल की सनातनी संस्कृति याने कखड़ी चोरी वास्तव मा समय काटणो एक साधन छौ। हमम ऊब अर बोर शब्दावली नि छे त हम ऊबदा बि नि छा ना ही बोर हूंदा छा। किन्तु जड़कट्वा शब्द च तो हम जड़ काटण मा आज बि सर्वश्रेष्ठ जड़कट्वा छंवां।
फिर हम समय काटने के लिए शुरू करो अंताक्षरी लेकर हरी का नाम बी सीकी गे छा तो समय काटणो परेशानी नि राई।
अब शहर आण से अर हिंदी -अंग्रेजी सिखण से हमर डिक्सनरी मा ऊब अर बोर द्वी शब्द जुड़ गेन त हम शहर या गांवका सब गढ़वळि अब ऊबण मिसे गेवां अब हम भौति ज्यादा बोर हूण लग गेवां। खासकर जब हमर भाई बंध हमर ड्यार आंदन त हम भौति बोर हूंदा अब। अब हम स्वार भारों से बोर हूंदा पर पैल हम भला छा तब हम बोर ना अपितु रिस्तेदार , भाई बंधों से चिरड्यांद छा। चिरड़ शब्द हमारी अपणी शब्द संपदा छै तो हम चिरड्यांद छा। हमम जु ह्वाल वेको ही तो इस्तेमाल करला कि ना ?
जब बिटेन हमर डिक्सनरी मा बोर अर ऊब शब्द ऐन हम तै यूं बैर्यूं तैं भगाणो बान भौत सा खटकर्म करण पड़दन। बोरडम या ऊब हटाणो सबसे उमदा, नायब अर कारगर तरीका च दारु पे ल्यावो।
तो यदि गढ़वाळयूं दारु छुड़ाणै त गढ़वळयूं शब्दकोश से ऊब अर बोर शब्द हटाण पोड़ल। जैदिन ऊब अर बोर शब्द गढ़वळि शब्दकोश से हट जाला तैदिन समझो कि दारु शराब बंद।
चलो मेरी झकझक सुणी तुम बि बोर ह्वे गे ह्वेल्या मि बि बोर ह्वे ग्यों। मि त ब्याळै बच्युं अद्धा खुलण वाळ छौ। तुमर क्या विचार च ?
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11/11 / 2017
मि अंधविश्वासुं पर बिलकुल बि विश्वास नि करदु
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चबोड़ , चखन्यौ , ककड़ाट ::: भीष्म कुकरेती
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जी दसवीं मा विज्ञान विषय लीण से म्यार अंधविश्वासों पर विश्वास कम ह्वे। बीएससी पास हूणों बाद मीन अंधविश्वासों पर विश्वास करण बिलकुल बंद कर दे, टूण -टणमण पर विश्वास खतम ह्वे गे। अर एमएससी करणो बाद त मि लोगुं तैं सिखाण लग ग्यों बल अंधविश्वास पर केवल मुर्ख लोग ही विश्वास करदन। मि बिलकुल वैज्ञानिक सोच वळ ह्वे ग्यों। मि अबि बि लोखुं तै सिखाणु रौंद बल अंधविश्वास केवल वहम च अर वहम की दवा अर भ्र्ष्टाचार मिटाणो नुस्खा ना त मोदी जीम च ना राहुल जी मा च ना ही सुप्रीम कोर्टम च।
मि तैं यी फोकट का वहमों पर विश्वास नि करदो। जन कि भौत सा लोग बुल्दन बल बिरळ रस्ता काटी द्यावो त रस्ता मा कुछ डाळो या कुछ देर रुक जावो अर तब जावो। यु बिल्ली रास्ता काट गयी शब्द ही अंधविश्वास च , वहम च , सब बकवास च। मि नि मनंद कि बिरळौ रस्ता कटण से कुछ नुक्सान ह्वे जांद। मी बि जब बिल्ली कबि दिख्यावो त इन जतन करदु कि बिल्लीक रस्ता कटण से पैली मि अगनै चल जौं। जु बिल्लीन रस्ता काटी इ दे त मि मुख भितर इ भितर बुल्दो 'हे नागराजा ! हे नागराजा ! हे नागराजा !". ना ना मि वहम या अंधविश्वास का कारण यु सब टोटका नि करुद। आइ डोंट बिलीव ओना सुपरस्टीशन ऐट ऑल। वु त छुट्ट इ बिटेन मेरी दादीन सिखाई बल "म्यार घ्याळु ! कुछ बि ह्वे बिरळौ क्ट्यूं रस्ता पर कतै नि जाण हां " अर दादी से मि इथगा प्रेम करदो छौ कि क्वी आस्तिक भगवान से बि इथगा प्रेम क्या कारल। बस दादी का प्रेम का खातिर मि बिल्ली बुल्ली का क्ट्यूं रस्ता पर नि जांद। केवल स्वर्गीय दादी का प्रेम का खातिर मि इन करुद निथर मि यूं बेकार बाबा आदिम का जमाना वळ बथुं पर विश्वास नि करुद। मि तैं भौत गुस्सा आंद जु इन प्रयोजनहीन बथुं तै मणदन अर अपण बहुमूल्य समय यूं टोटकों पर बरबाद करदन। आइ हेट सच सुपरस्टीशियस फूल्स। मूर्खों की क्वी कमी नी च दुनिया मा।
मि तैं भग्यान खुशवंत सिंह अर बिशन सिंह बेदी भौत पसंद छन। यी द्वी ऊं क्रिकेटरुं की खाल उधाड़दा छा जु अन्धविश्वास , मिथ्या भय अर बेकार का वहमों पर विश्वास करदन। जी हाँ अरे खेल तो शरीर अर परिपक्व मानसिकता का मिल्युं जुल्युं खेल च फिर मैदान मा आंद दैं दैं खुट पैल धारो , सूरज या असमान जिना द्याखो , सेंचुरी ह्वे गे त आकाश जिना धन्यवाद ब्वालो जन टोटका करणो क्या काम ! मि तै इ सब खटकर्म पसंद नि छन। पर मै सरीका वैज्ञानिक सोच वळौ कुण बि ना बड़ी आफत च परिवार का दबाब। मि तै बड़ो बकबास लगद बल धोनी 47 नंबर का टीशर्ट पैरो। अरे यदि धोनी 75 नंबर की टीशर्ट पैरल त कौन सा वेन हेलीकॉप्टर शॉट नि मार सकण। इथगा बड़ो क्रिकेटर अर सुपरस्टीशन पाळि बैठ्युं च। हां मे सरीका वैज्ञानिक सोच वळ मनिख धोनी या विराट कोहली तै इन बेहूदा बहमों से दूर रौणो तयार कर बि ल्यालो किन्तु अपण ड्यारम हम सरीका आधुनिक सोच वळुं चलण बड़ो कठिन च। अब म्यार नौनु जब बि नै कमीज या पेंट ख़रीददो तो त भितर 133 नंबर कु टल्ली सिलाण नि बिसरदु। वै तै बहम च कि 133 नंबर वैकुण लकी च। अब अपण बच्चों तैं बि क्वी समझै सकुद। जब भगवान शिव गणेश जी तै नि समझै सकिन त मि कनै अपण नौनु तै समझाऊं कि बहम अच्छी बात नी च ।
अब द्याखो ना आज मंगळवार च आज छंचर च , आज भूप्यार च त बाळ नि काटण , दाड़ी नि बणान , नंग नि कटण मा क्वी तर्क च। बस कबि सैकड़ों साल पैल कै पागलन बोली ह्वालु अर हम मूर्ख लोग आज बि पाषाण युगीन अंधविश्वासों पर विश्वास करदां। मि तै बि यी सब करण पोड़द। मि शनिवार , मंगळबार तो छवाड़ो ऐतवारो कुण दाढ़ी नि बणै सकुद, ऐतवार म्यार जन्मदिन च। अर छंचर व औँसी दिन नया कपड़ा नि पैर सकुद। आज मि 65 सालक ह्वे ग्यों पर म्यार वैज्ञानिक सोच अर अंधविश्वास का बीच मेरी 90 सालौ ब्वे बीच मा ऐ जांद अर बच्चा झड़नाती वळ बि ह्वे जावो वु अपण ब्वेक दिल थुका दुखै सकुद। कखि ब्वे जाने अनजाने माँ शराप दे द्यावो तो बुरु त म्यारी ह्वाल कि ना ? ये सोचिक मि अपण ड्यारम वैज्ञानिक अर आधुनिक सोच लाणम मजबूर छौं। किन्तु मि यूँ सब बातों पर कत्तै बि विश्वास नि करुद।
मि तैं आशा च मि त मजबूरी बस अंधविश्वास वळ काम करुद किन्तु आप यूं अंधविश्वासों से दूर ही ह्वेल्या हां ?
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12/11 / 2017
समाचारूं पर कुछ टिप्पणी - नवंबर 2017
(Best of Garhwali Humor , Wits Jokes , गढ़वाली हास्य , व्यंग्य )
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चबोड़ , चखन्यौ , ककड़ाट ::: भीष्म कुकरेती
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आरएसएस का एक आंतरिक सर्वेक्षण मा भाजपा गुजरात विधानसभा चुनाव हारणी च (मंगलेश डबराल की फेसबुक वाल से )
टिप्पणी - हैं ! डबराल जी ! आरएसएस कब बिटेन तुम तैं आंतरिक बत्थ बताण लग गे ? अचकाल तुम तैं कॉंग्रेस अर कम्युनिस्ट नि पुछदन त आरएसएस क्या पुछलि ? (प्रकाश पांथि का कमेंट्स )
रैबार कॉनफेरेन्स से उत्तराखंड का पत्रकार नाराज (भौत सा पत्रकारों फेसबुक वाल मा )
टिप्पणी -- औ त वैदिन तुमकुण ड्राई डे राई या अपण खीसाकु पीण पोड़। कबि कबि अपण गेड़ीन बि पीण चयेंद (भीष्म कुकरेती की टिप्पणी )
मेक इण्डिया प्रोग्रैम फेल (राहुल गांधी )
टिप्पणी -ए अभागी इकम खुस हूणै बात क्या च ?
जीएसटी मा भौत कमी छन (भूतपूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम )
टिप्पणी -जी हाँ प्रस्तावना मा सोनिया गांधी नाम नी च अर 17 जगा स्पेलिंग मिस्टेक छन (वर्तमान वित्त मंत्री जेटली मन ही मन मा )
गढ़वाल मा शिक्षा स्तर दिनों दिन तौळ जाणु च (भूतपूर्व मंत्री सुरेंद्र नेगी )
टिप्पणी - जब तुम सरकार मा छा तब कौन सा स्तर अळग छौ
उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ हिमाचल चुनावी भ्रमण का बाद मौरेसिस भ्रमण पर
टिप्पणी - कबि लखनऊ मा बि रात बिताओ ।
कमल हासन का हिसाब से हिन्दू आतंकवाद फैलणु च।
टिप्पणी - औ त तेरी भविष्यै राजनीतिक दुकान मा सेक्युलरी खिलौणा मीलल
ममता बनर्जी अर शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे की मीटिंग ह्वे
टिप्पणी -मोदी का कुटण -पिटण से उत्तरी अर दक्ष्णि ध्रुवों का मधुर मिलन
अयोध्या मा राम मंदिर बौणल (सुब्रमणियम स्वामी )
मुंगरी पाकल त पाकली ही पर तब तक म्यार संधि भूक चल जालो
100 से अधिक वस्तुओं का GST कम करे गे
टिप्पणी - भाजपा तै सलाह - इथगा बि नि थूको कि चाटणै जरूरत पड़ि जावो
कॉंग्रेसी डीएन बडोला और कॉंग्रेस विरोधी भीष्म कुकरेती के एक विषय पर विचार मिलते हैं -
सभी राजनीतिक प्रवक्ताओं मा सबसे घटिया प्रवक्ता - भाजपा प्रवक्ता अनिल बलूणी
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13/11 / 2017
गढ़वाळ पर कविता कन लिखण -भाग 1
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हफ्ता मा एक ना एक कवि मेकुण फेसबुक पर मैसेज करदन बल भैजि गढ़वाळ पर कविता कै तरह से लिखण। तो आज मि सब तैं इक्छुटि बतै दयूंद बल गढ़वाळ पर कविता या लेख कन लिखण।
सबसे पैल त गढ़वाल तै कबि बि एक बड़ो भूभाग नि समझण , गढ़वाल तैं एक छै जिलौं (देहरादून मिलैक ) से बण्युं भूखंड ना अपितु एक द्वी सौ से कम जनसंख्या वळ बाबा आदिम का जमाना का भूभाग समझण। जी हाँ आपक कविता या लेख मा गढ़वाल एक छुट गां ही चित्रित हूण चयांद। कबि बि तुमर लेखुं मा गढ़वाल का बावन गढुं बिगळीं भौगोलिक व अन्य सांस्कृतिक बिविधता का दर्शन नि हूण चयेंद अर जख तक हो तो रवांल्टी , जौनपुर अर जौनसार तैं गढ़वाल का अंग नि बताण।
हमेशा लिखण कि गाँव खाली ह्वे गे किन्तु जु शिल्पकार गाँव मा छन ऊं तैं कतै गढ़वाली (आपक ग्रामवासी ) नि मनण।
सबसे अधिक रूण गढ़वाली (आपक गांव की ) संस्कृति खतम हूण पर लिखण चयेंद कि हमर ग्रामवासी (गढ़वाली ) अब माटो -पाटी -बुळख्या से पढ़ाई नि करदन अर नया क़िस्म का कागज , पेन व कम्प्यूटर तै जथगा गाळी देल्या आप उथगा बड़ा कवि माने जैल्या। जी हाँ आपक कविता , लेखों मा रूण हूण चयेंद कि लोग अब नंगा खुटुंन भैर नि जांदन अर चप्पल , जूतों पर जथगा जोर से जुत्त मारिल्या आप तै महान कवि की श्रेणी मिल जाली।
फिर कबि बि गढ़वाल याने आपक 100 -150 जनसंख्या वाळ गाँव मा आधुनिकता ऐ गे नि बथाण। पाणी नळ, रस्ता , बिजली ,मोटर सड़क , गाँव गाँव मा स्कूलों वर्णन नि करण। मुंबई का नजिक विरार , कल्याण म लोड शेडिंग तै एक सामन्य बात समझण किन्तु आपक गाँव याने छै जिलोँक गढ़वाळ मा बिजली लोड शेडिंग तै रावणी कृत्य साबित कर दीण चयेंद। आपक गाँव याने गढ़वाल तैं दीनतम क्षेत्र बताणम कबि नि शरमाण चयेंद।
गैस स्टोव की भयंकर ढंग से आलोचना हूण चयेंद अर धुंवादार चुल्ला की पूजा। धुंवादार चुल्ल तैं बदीनाथ बताओ अर गैस स्टोव तै भयंकर रागस। कवियों तैं अफु इंडक्शन कुकर खरीदण चयेंद किन्तु आपक कविता मा गांव याने गढ़वाळम ढुंगळ संस्कृति की ही वकालत हूण चयेंद। आप जथगा जोर से आधुनिकता का विरोध मा साहित्य रचिल्या उथगा जोर से आप तै पुरुष्कार का अवसर मीलल। कवितौं मा आधुनिकता विरोध एक बड़ो साहित्यकार या पत्रकार हूणो निसानी च। अपण काका कुण आटु पिसणै बिजली चक्की लाण किन्तु साहित्य अर रिपोर्टिंग मा घट्ट बांज पड़्यां छन की बुलंद आवाज हूण चयेंद।
कवि सम्मेलनों मा पलयान कु रूण रुण चयेंद , पलायन रोको का आंदोलनकारी कविता पढ़न चयेंद किन्तु दुसर दिन अपण नौनी या नौनु तै अमेरिका भिजणो इंतजाम करण चयेंद।
अपण बेटी कुण स्वीमिंग पूल मा नयाणो कुण बिकनी खरीदण चयेंद किन्तु साहित्य या रिपोर्टिंग मा पंजाबी ड्रेस की अर सरकार की खूब भर्तसना हूण चयेंद कि गढ़वाळ मा अंगुड़ संस्कति खतम हूणी च।
गढ़वाली कवि तैं चाहे ऊ गाँव याने पूरा गढ़वाल मा रावो , बॉर्डर पर रावो या कनाडा मा रावो बाबा आदिम जमाना का गाँव की खुद मा खुदेड़ कविता ही लिखण चयेंद। अफु ट्रिपल फिल्टर सिगरेट पीण किन्तु ग्रामवास्युं कुण ताकीद हूण चयेंद कि तुम अग्यल -पतब्यड़ संस्कृति का संवाहक बौणो।
अफु अपण बेटी ब्यौ मा न्यूतेरो रात कॉकटेल पार्टी हूण चयेंद अर बेटा की बरात मा हरेक कार मा बार सजी हूण चयेंद किन्तु साहित्य अर रिपोर्टिंग मा गढ़वाल मा शराब पियेणी च की खूब खाल खिंचै हूण चयेंद।
ध्यान रावो बल आपक साहित्य या रिपोर्टिंग का चरित्र बारवीं सदी का ही हूण चएंदन। ह्वे साको तो पाषाण युगीन चरित्र ही दिखावो। कबि बि अपण साहित्य या रिपोर्टिंग मा नया किस्मो छुट ट्रैक्टर की प्रशंसा नि हूण चयेंद। अबि बि कटल खणण वळ किसान तै महान किसान बताण, ये गरीब किसान की वंदना चारण शैली (मौलारम या गुमानी पंत शैली ) मा कविता रचण चयेंद। अर मिस मेजर जखमोला, आईपीएस कुकरेती या बड़ी अधिकारी मिस बिष्ट का विषय मा कविता नि रचण। यूं गढ़वाल का गर्व नव गढ़वाल्यूं की हमेशा ही अवहेलना करण चयेंद।
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-बाकी अगला भाग मा
14/11 / 2017,
कॉंग्रेसी भग्यान भक्त दर्शन, जगमोहन सिंह अर बलदेव सिंह आर्य जन नेतौं बारा मा किलै नि रूंद ह्वाल ?
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अचकाल सोनिया गांधी , राहुल गांधी अर अहमद पटेल बड़ा परेशान , आतुर अर चिंतित छन बल यदि गुजरात का चुनाव नि जितदा, यदि 2019 का चुनाव नि जितदा त भाजपा सरकार सब नेहरु –गांधी मिमोरिय्ल पर ताळ लगै द्याली अर राष्ट्रीय धरोहरों नाम रोबर्ट बाड्रा पुत्रों नाम पर नि धरे जाल . राहुल अर प्रियंका चिंतित छन बल नया नया एयरपोर्ट आणा छन त क्वी बि एयरपोर्ट सोनिया गांधी नाम से नि बुले जालो .सोनिया गांधी क रुण च बल इथगा स्मार्ट सिटी आणा छन किन्तु मोदी सरकारन अबि तक एक बि प्रपोज्ड सिटी का नाम राहुल गांधी नाम से धरणो प्रपोज नि कार . गुलाम आजाद का बुलण च बल स्मार्ट सिटी का नाम राहुल गांधी अर प्रियंका का नाम से नि होला तो भारत का लोगुं पर बड़ी नाइन्साफी ह्वेली .गुलाम का दगड्या गांधी प्यादा उर्फ़ आनन्द शर्मा बुलणु च बल इंडियनों उपर इथगा अत्याचार तो ब्रिटिश लोगुंन नि कार जथगा अत्याचार भाजपा नेहरु खानदान का नाम बगैर स्मार्ट सिटी खुलण से करणी च .
ब्याळी उत्तराखंडी फेसबुक मा गांधी परिवार का दुःख दिखेणु छौ . नेहरु प्रेमी रूणा छा बल केंद्र सरकारन नेहरु का नाम से क्वी बिज्ञापन नि दे . इंदिरा भक्त ऐड़ाट भुभ्याट करणा छा बल राज्य सरकारन नेहरु स्तुति नि कार . तो मोदी भक्तों जबाब छौ बल कनो मनमोहन सरकारन नरसिम्हा राव तै कथगा दें याद कार .
जख तलक प्रत्येक कौंग्रेसी कु सवाल च कॉंग्रेसी नेहरु गांधी का अलावा कै हैंक तैं कॉंग्रेसी नि समझद . उत्तराखंड मा 17 सालों मादे 10 साल कौंग्रेस कि सरकार छै किन्तु गौ बुरु चीज च जु नौरसी नारायण दत्त , इम्पोर्टेड विजय बहुगुणा या नेहरु खानदानी प्यादा हरीश रावतन महान गांधीवादी भक्त दर्शन जी का बाराम सोचि बि हो। मीन कखि नि पौढ़ बल कबि यूं नेहरू गाँधी ड्यार पाणी भरण वाळ , राहुल गांधी का खुट जपकाण वळ या संजय गांधी चप्पल उठाण वळुं कबि भक्त दर्शन जी का नाम पर कै कूण्या नाम धौर हो। मि तै याद नि यूं चाटुकारोंन गढ़वाल का प्रथम लोकसभा सदस्य भक्तदर्शन जी का नाम पर क्वी गोष्ठी उरै हो। माँ बैणि तलाक धौं जु सोनिया गांधी तैं अपण ब्वे से भी अधिक महत्व दीण वळ कॉंग्रेसी कार्यकर्ता बि भग्यान भक्तदर्शन तै सुमरिं