Author Topic: Satire on various Social Issues - सामाजिक एवं विकास के मुद्दे और हास्य व्यंग्य  (Read 146239 times)

Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1



Best  of  Garhwali  Humor , Wits Jokes , गढ़वाली हास्य , व्यंग्य )
-
 यदि मि कवि हूंद त मीन मुर्गौं  अयेड़ी (हंटिंग ) अर मुर्गा शिकार पर कविता लिखण छौ
-
 चबोड़ , चखन्यौ , ककड़ाट  :::   भीष्म कुकरेती   

-

     कबि कबि म्यार दिलम ख़याल आंदो बल मी बि मुर्गों  शिकार याने फाउल हंटिंग अर  चिकन पर कुछ लिखूं।  चूँकि मि कवि नि छौं तो मटन -चिकन पर कविता नि लेख सकुद।  ब्याळि मि सुचणु छौ यदि मि कवि हूंद तो चिकन पर क्या क्या कर कैं तरां से लिखुद।
    हे मुर्गा त्यार स्वागत च।  हमर जिना त्यार नाम कुखुड़ च।  हम बड़ा दयावान छां इलै हम स्त्री जाती पर अत्त्याचार नि करदां, हम जनान्युं इज्जत करदार छंवां अर योइ  कारण च हम मुर्गी खाणो बाद बि हमेशा बुल्दां कि हमन मुर्गा खायी।
 
    तू जू बि छे मुर्गी या मुर्गा, त्वे पर अति आकर्षित छौं।  उनी आकर्षित छौं जन ऑफिस की जनान्युं पर आकर्षित रौंद।  जन लाळसा पर-स्त्री की हूंदी उनि लाळसा त्वे देखिक मेरो अंतड्यूं मा हूण मिसे जांद।
   अहा ! जब मि दिखद कि तू बरखा मा भिगणो बाद छरबराट कौरिक पंख उड़ांदु  त पता नी मि तै भिज्यां बाळ सुखांदी वा स्त्री याद ऐ जांदी ज्वा बाळ सुखाणो बान अपण मुंड अर बदन झटकाँद।  त्यार झटका अर बाळ सुखांदि जनानी क झटका से पता नि मै किलै झटका लग जांदन धौं।
    हे कळंगी दार व पंखदार मुर्गा ! मुर्गी बजार म त्यार चमकदार लाल काळो पंख देखिक म्यार मन माँ श्रृंगार रस पैदा हूण मिसे जांद तो जीव मा थूक पैदा हूण लग जांद अर अंदड्यूं मा मरोड़ उठण मिसे जांदन।  जीब अर अंदड्यूं जोर ज्यादा हूंद त श्रृंगार रस हिंसक रस मा तब्दील ह्वे जांद। म्यार मन आईएसआई कु आतंकवादी बण जांद अर 'लव जिहाद' 'जायका  जिहाद ' मा बदल जांद।
किंतु 'जायका जिहाद ' जादा  देर तक नि चलदो।  'न खाऊंगा न खाने दूंगा ' जुग मा  म्यार 'जायका जिहाद ' मुर्गों की कीमत सूणी उनि  गायब ह्वे जांद जन उत्तर प्रदेश चुनावौ  बाद 'लव जिहाद ' हर्चि जांद।
    त्यार पर्शुका याने पस्सली तैं  त  क्या बोलुं ! सोळा साल की छोरी सलमान खानक सिक्स पैक्स से उथगा क्या आकर्षित होला जथगा मि त्यार रिब्स, पस्सली , पर्शुका देखिक आकर्षित हूंद।  अर अजकाल मल्टीप्लेक्स का रेट्स व मुर्गी बजार म मुर्गों रेट्स इथगा ज्यादा ह्वे गेन कि मि सलमान खान का सिक्स पैक्स व मुर्गौं  रिब्स दुयुं से महरूफ छौं अर दुयुंक वियोग मा विप्रलम्भ रसयुक्त हास्य लेख लिखण  मिसे जांद।
     
हे मुर्गी या मुर्गा ! तेरी रान ? वह क्या रान  छन ! चिपळी , सळ सळी , आकर्षक  ! मि त तेरी रान देखि दिलफेंक मजनू ह्वे ग्यों।  बस तेरी टंगड़ी प्रेम मा  मि टंगड़ी खव्वा  हूण चांदो।  तेरी रान की चाहत मा मि रानखव्वा हूण चाणु छौं। किंतु मंहगाई की  मार से ग्रसित मि तेरी रानों तै सुपिनों मा इ दिखणु रौंद , सुपिनों मा तेरी रानों तैं घुरणु रौंद अर सुपिनों मा ही तेरी टंगड़ी व रानों तैं प्रेम से मलासणु रौंद।  लैला मजनू तैं जालिम दुनियान नि मिलण दे। जालिम दुनियान तीलू तड़ियाल तै सजवाण से नि मिलण दे अर तेरी मंहगी कीमत मेरी अंतड़ी अर तेरो मिलन नि हूण दींदन।
 
  चूँकि मि मुर्गा कु मामला मा अतृप्त आत्मा छौं तो लेख अगनै बि आंदा राला तैबर तक आप प्याज से काम चलाओ। 

28/12 / 2017, Copyright@ Bhishma Kukreti , Mumbai India ,

*लेख की   घटनाएँ ,  स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में  कथाएँ , चरित्र , स्थान केवल हौंस , हौंसारथ , खिकताट , व्यंग्य रचने  हेतु उपयोग किये गए हैं।
-
    ----- आप  छन  सम्पन गढ़वाली ----
-
 Best of Garhwali Humor Literature in Garhwali Language , Jokes  ; Best of Himalayan Satire in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  Uttarakhand Wit in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  North Indian Spoof in Garhwali Language Literature ; Best of  Regional Language Lampoon in Garhwali Language  Literature , Jokes  ; Best of  Ridicule in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  Mockery in Garhwali Language Literature  , Jokes    ; Best of  Send-up in Garhwali Language Literature  ; Best of  Disdain in Garhwali Language Literature  , Jokes  ; Best of  Hilarity in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  Cheerfulness in Garhwali Language  Literature   ;  Best of Garhwali Humor in Garhwali Language Literature  from Pauri Garhwal , Jokes  ; Best of Himalayan Satire Literature in Garhwali Language from Rudraprayag Garhwal  ; Best of Uttarakhand Wit in Garhwali Language from Chamoli Garhwal  ; Best of North Indian Spoof in Garhwali Language from Tehri Garhwal  ; Best of Regional Language Lampoon in Garhwali Language from Uttarkashi Garhwal  ; Best of Ridicule in Garhwali Language from Bhabhar Garhwal   ;  Best of Mockery  in Garhwali Language from Lansdowne Garhwal  ; Best of Hilarity in Garhwali Language from Kotdwara Garhwal   ; Best of Cheerfulness in Garhwali Language from Haridwar    ;गढ़वाली हास्य -व्यंग्य ,  जसपुर से गढ़वाली हास्य व्यंग्य ; जसपुर से गढ़वाली हास्य व्यंग्य ; ढांगू से गढ़वाली हास्य व्यंग्य ; पौड़ी गढ़वाल से गढ़वाली हास्य व्यंग्य ;
Garhwali Vyangya, Jokes  ; Garhwali Hasya , Jokes ;  Garhwali skits , Jokes  ; Garhwali short Skits, Jokes , Garhwali Comedy Skits , Jokes , Humorous Skits in Garhwali , Jokes, Wit Garhwali Skits , Jokes

Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1

Best  of  Garhwali  Humor , Wits Jokes , गढ़वाली हास्य , व्यंग्य )
-
देवस्थल तो रचनाधर्मिता रोकने के 'खबेश' हैं 
-
 चबोड़ , चखन्यौ , ककड़ाट  :::   भीष्म कुकरेती   

-
ब्याळि लोकसभा मा 'तीन तलाक ' बिल पास ह्वे गे।  बिलन पास नि हूण  छौ पर कॉंग्रेस अर यार पार्टी अचकाल हिंदुऊं तै बि सेकुलर समजण मिसे गे त कॉंग्रेस अर यींक यारी पार्ट्युं न मुसलमानुं तैं तिरैक बिल पास हूण दे।  पर ओवैसी साब कुछ बुलणा छा अर हरेक 'देशभक्त' नेता जनाब ओवैसी क स्टेटमेंट तैं बकबास बुलणु छौ।  जब कि ओवैसी की बातुं म स्वार्थ हो किन्तु तर्क बि छौ।  तीन तलाक बंद करण  त ठीक च पर तलाक लीणो तरीका अर तलाकौ ऐथर पैथर पर बि त क़ानून स्पष्ट हूण चयेंद निथर GST तरां रात मा बार बार घसीटा राम की दूकान खुलण पोड़ल 'देशभक्तों ' तैं।
 बकबास , कुतर्क मा बि तर्क हूंद।
   हमर गाँव एक मूळी माई आंदि छै अर सुबेराक चाय पीणो हमर ड्यार आंदि छे।  चाय पेकि माई बुल्दी छे , "चा त झंग्वर जोग बणी च "
   उन त बात बेतुकी लगद  , तर्कहीन दिखेंद किन्तु यदि झंग्वर चाय मा खाये बि जावो त भंगुल त नि जाम जाल ? अरे प्रयोग करणम हमर क्या जाणु च भै।  ज्वा बात हमर संस्कृति या धारणा विरुद्ध हूंद हम वीं बात तैं बकबास , निरर्थक , उटपटांग नाम देकि रचनाधर्मिता तैं रुकणो पुठ्या जोर लगांदा।  बकबास पर ऐक्सिपरिमेंट की जगा हम क्रिएटिविटी का ही  कत्ल कर दींदा।  आम मनिख क्रिएटिविटी कु  कतल करण मा इ तर्क समजद।
  अब झंग्वर पर बात आयी त मुंबई की छ्वीं लगै दींदु।  मेरी मा सन 71   मा मुंबई ऐ गे छै।  अर मां क वजै से आज बि मेरी घरवळि , मेरी द्वी ब्वारी झंग्वर पकांदी छन।  मैना मा एक दिन त झंग्वर पकद इ च। अर मीन कत्ति दैं अपण घरवळी कुण ब्वाल (रिक्वेस्ट ) बल एक दिन झंग्वरै बिरयानी या पुलाव बणै दे, निथर खिचड़ी ही पकै दे ।  जब बि मि झंग्वरै पुलाव या बिरयानी पकाणो रिक्वेस्ट कौरु ना कि मेरी माँ , म्यार बच्चा इ ना आस पड़ोसी बि घरवळि तरफ ह्वे जांद छा अर मि तैं तून दींद छा बल अरे लाटो -कालों छ्वीं मुंबई मा बर्जित च।  दुसर ढंग से सुचण समाज मा अमूनन बुरु माने जांद।  जब ब्वारी ऐ गेन त झंग्वर पकण बंद त नि ह्वे किन्तु अब उथगा दैं नि पकद पर झंग्वर हमर डाइट का एक अंग छैं इ च।  जब मीन ब्वार्युं से झंग्वर बिरयानी या पुलाव पकाणौ  दरख्वास्त कार तो उंकी भाव भंगिमा से मि समज ग्यों बल उ मि तैं दुनिया का मूर्खों का सम्राट समजणा छन।  क्वी बि अपण धारणा नि तुड़ण चाँद अर जु ऊंकी धारणा तुड़ण चांद  वै तैं मूर्ख ,  पागल या बकबास करंदेर करार दिए जांद।
      मंदिर , मस्जिद , गिरिजाघर या गुरुद्वारा तो रचनाधर्मिता रुकणो सबसे बड़ा खबेश छन , रागस छन।  जी हाँ देवस्थल रचनाधर्मिता निजन्मणो बान ही बणाए जांदन।  देवस्थलों काम ही एक च कै बि तरां से रचनाधर्मिता यीं पृथ्वी मा नि जनम।  मनुष्य की रचनाधर्मिता तबि विकसित हूंद जब हम कै चीज तैं ऐथर इ ना पैथर बिटेन बि देखां। रचनाधर्मिता मा गलत दिशा से दुनिया दिखण आवश्यक हूंद।  किन्तु जरा देवस्थलों पर नजर तो मारो अधिसंख्य देवस्थल मा एकी दरवज हूंद जु समिण हूंद।  देवस्थलों मा तीन तरफ से द्वार /आवाजावी का रस्ता बंद रौंदन।  अर देवस्थलों मा तीन तरफ से रस्ता बंद करणो ख़ास कारण हूंद कि भक्तों या अवालंबियूं की सुचणा सकती खतम करे जावो।  धर्मावलम्बी चौतरफान दुनिया दिखणो नि स्वाच यो ही मकसद हूंद मंदिर , मस्जिदों , गिरिजाघरों या देवस्थलों का।  इख तलक कि निरंकार समर्थकों देवस्थल बि तीन तरफ से बंद हूंदन।  पैथर बिटेन दिखण मतलब दूरबीन से उल्टा तरफ से दुनिया दिखण किन्तु समाज , देवस्थल , अर अन्य इनि माध्यम नि चांदन कि मनुष्य अलग तरह से संसार द्याख तो मनुष्य की सोच शक्ति पर तरह तरह का पहरा लगाए जांदन।
      क्या आप बि अपण बच्चों की रचनाधर्मिता तैं उटपटांग , निरर्थक , बकबास नाम तो नि दीणा छा ? क्या आप बि झंग्वरौ बिरयानी पकाणम रोड़ा अटकाणा छंवां ? क्या आप बि रचनाधर्मिता रुकणो बान तीन तरफ से दीवाल धरणा  छा ?
 


29/12 / 2017, Copyright@ Bhishma Kukreti , Mumbai India ,

*लेख की   घटनाएँ ,  स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में  कथाएँ , चरित्र , स्थान केवल हौंस , हौंसारथ , खिकताट , व्यंग्य रचने  हेतु उपयोग किये गए हैं।
-
    ----- आप  छन  सम्पन गढ़वाली ----
-
 Best of Garhwali Humor Literature in Garhwali Language , Jokes  ; Best of Himalayan Satire in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  Uttarakhand Wit in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  North Indian Spoof in Garhwali Language Literature ; Best of  Regional Language Lampoon in Garhwali Language  Literature , Jokes  ; Best of  Ridicule in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  Mockery in Garhwali Language Literature  , Jokes    ; Best of  Send-up in Garhwali Language Literature  ; Best of  Disdain in Garhwali Language Literature  , Jokes  ; Best of  Hilarity in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  Cheerfulness in Garhwali Language  Literature   ;  Best of Garhwali Humor in Garhwali Language Literature  from Pauri Garhwal , Jokes  ; Best of Himalayan Satire Literature in Garhwali Language from Rudraprayag Garhwal  ; Best of Uttarakhand Wit in Garhwali Language from Chamoli Garhwal  ; Best of North Indian Spoof in Garhwali Language from Tehri Garhwal  ; Best of Regional Language Lampoon in Garhwali Language from Uttarkashi Garhwal  ; Best of Ridicule in Garhwali Language from Bhabhar Garhwal   ;  Best of Mockery  in Garhwali Language from Lansdowne Garhwal  ; Best of Hilarity in Garhwali Language from Kotdwara Garhwal   ; Best of Cheerfulness in Garhwali Language from Haridwar    ;गढ़वाली हास्य -व्यंग्य ,  जसपुर से गढ़वाली हास्य व्यंग्य ; जसपुर से गढ़वाली हास्य व्यंग्य ; ढांगू से गढ़वाली हास्य व्यंग्य ; पौड़ी गढ़वाल से गढ़वाली हास्य व्यंग्य ;
Garhwali Vyangya, Jokes  ; Garhwali Hasya , Jokes ;  Garhwali skits , Jokes  ; Garhwali short Skits, Jokes , Garhwali Comedy Skits , Jokes , Humorous Skits in Garhwali , Jokes, Wit Garhwali Skits , Jokes

Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1


Best  of  Garhwali  Humor , Wits Jokes , गढ़वाली हास्य , व्यंग्य )
-
 कंडाळी ,सियूंण : आयुर्वैदिक पनिशमेंट कल्चर  वापस लाओ
-
 चबोड़ , चखन्यौ , ककड़ाट  :::   भीष्म कुकरेती   

कंडाळी ब्वालो , कनाली ब्वालो या ब्वालो सियूंण या पहाड़ी संस्कृति कु एक अभिन्न अंग थौ।  कंडाळी दंड संहिता त हिमालयी न्याय संस्कृति एक अंग छौ।
वै बगत हाउ टु करेक्ट युवर चिल्ड्रन किताब नि मिल्दी  छै , फंड फूको तब किताबि  नि मिल्दि  छै।  त पुस्तकबिहीन युग मा ब्वै बाबु कुण कंडाळी ही बच्चों तै अड़ाणो पुस्तक छे।  बच्चान उज्याड़ खलै  दे तो कंडाळी,  बच्चा स्कूल नि जाणो राड़ घाळो  तो कंडाळी की झपांग।  त कबि कबि कजे  अपण कज्याण बि झपोड़ दींद थौ बल कंडाळी मा हींग बिंडि किलै डाळ।  पहाड़ी लोक तब न्याय निसाब बि आयुर्वेदिक माने बाबा रामदेव  शैली मा हर्बल ढंग से करदा छा।  कंडाळीन झपोड़न वास्तव मा आयुर्वेदिक पनिशमेंट याने अहिसंक दंड थौ।
    जौं तैं हेमवती नंदन बहुगुणा अर चंद्रमोहन सिंह नेगी चुनाव याद ह्वावो त ऊं तैं पौखाळ (अजमेर पट्टी ) मा कंडाळी झपोड़ण घटना बि याद  होली ही। गढ़वाल का वास्ता यु चुनाव विश्व युद्ध से बि खतरनाक साबित ह्वे। द्वी पार्ट्युं तरफान उत्तर प्रदेश , चंबल से लुटेरा , डाकु , बलात्कारी बुलाये गे छा। मैदान से अयां कॉंग्रेसी कार्यकर्ताओंन पौखाळ नजिक कै छोरी छेड़ दे।  जनान्युंन कुछ नि कार , उखाड़िन कंडाळी बुट्या अर सब तै झपोड दे।  उ लड़की छिड़ण वाळुं तै बुबा नना याद ऐ गेन।  उ सब जीप से कोटद्वार दौड़िन अर पुलिस स्टेशन रपट लिखवाणो गेन त पुलिस वळुंन पूछ बल " जनान्युंन क्यां से  पीट ?" त लड़कीबाज कॉंग्रेसी कार्यकर्ताओं जबाब छौ ," घास से पीटा ". फिर पुलिसक प्रश्न छौ ,"घाव बताओं ". अब यी बदजात कॉंग्रेसी घाव कखन बतांद।  घाव हो तो बतांद।  सब  दुशासनों पर दर्द हूणु थौ पर डाउ -दर्द की निशानी नि दिखेणी छे। पुलिसन रिपोर्ट नि लेखी। हर्बल पनिशमेंट कु सबसे बढ़िया प्रयोग !  याने कंडाळीन झपोड़ो।
     अबि कुछ दिन पैल शराब विरोधी जनान्युंन शराब बिचण वळ अर शराब्यूं तैं कंडाळीन झपोड़ अर फिर बि पुलिस वळ FIR नि दर्ज कर सकिन।  आयुर्वैदिक दंड का विरुद्ध पुलिस बि कुछ नि कौर सकिद।
असल मा कंडाळी दंड संहिता सरा भारत म लागू करणै जरूरत च।
म्यार त बुलण च बल संसद मा पीठासीन अध्यक्ष तैं कंडाळी दिए जाण चयेंद अर जनि सांसद या विधायक संसद का कुंवा मा घ्याळ लगाणो आवो तनि मार्शल घ्याळ करदार सांसदों तैं कंडाळीन झपोड़ द्यावो।  तो मि शर्त रखदु  बल एक बि सांसद संसद ठप्प करणो सुपिन मा बि नि सोच सकल।  कंडाळी म्यार हिसाब से देव दत्त अहिंसक दंड हथियार च अर संसद या विधान सभा मा अवश्य प्रयोग हूण चयेंद।
  जु मंत्री पूरी तयारी कौरिक संसद मा नि आओ वै /वीं पर बि आयुर्वैदिक पनिशमेंट याने कंडाळी दंडिका  प्रयोग हूण चयेंद।
      कपिल सिब्बल सरीखा लोमड़ी से बि बड़ो चालाक वकील जु जज साहिबान से तारीख पर तारीख मंगणा रौंदन ऊं पर बि कंडाळी दंडिका प्रयोग हूण चयेंद कि ये लोक तो छ्वाड़ो हैंक लोक मा यी खुर्रांट वकील तारीख मंगण से घबरावन।
      जब जनता  सरकारी दफ्तर मा काम करवाणो जांदी त हरेक तै कंडाळी बुट्या मुफ्त मा दिए जाण चयेंद।  जनि क्वी सरकारी कारिंदा काम करणो बहाना बताओ या घूस मांगो वै तैं अभ्यार्थी कंडाळी  से झपोड द्यावो।
     मि त उत्तराखंड क्रान्ति दल वळुं  तै सलाह दीणु छौं बल उत्तराखंड मा एक आंदोलन चलाओ जु मास्टर रावो कोटद्वार मा हाजरी लगणी रुद्रप्रयाग मा इन मास्टरों तै कंडाळी से झपोड़े जावो।
      कंडाळीन  झपोड़णै संस्कृति कु वापस लाणौ समय ऐ गे।
    आपक राय क्या च ? क्या कंडाळी दंड संहिता सरा भारतम लागू नि हूण चयेंद ?



30/12 / 2017, Copyright@ Bhishma Kukreti , Mumbai India ,
*लेख की   घटनाएँ ,  स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में  कथाएँ , चरित्र , स्थान केवल हौंस , हौंसारथ , खिकताट , व्यंग्य रचने  हेतु उपयोग किये गए हैं।
-
    ----- आप  छन  सम्पन गढ़वाली ----
-
 Best of Garhwali Humor Literature in Garhwali Language , Jokes  ; Best of Himalayan Satire in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  Uttarakhand Wit in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  North Indian Spoof in Garhwali Language Literature ; Best of  Regional Language Lampoon in Garhwali Language  Literature , Jokes  ; Best of  Ridicule in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  Mockery in Garhwali Language Literature  , Jokes    ; Best of  Send-up in Garhwali Language Literature  ; Best of  Disdain in Garhwali Language Literature  , Jokes  ; Best of  Hilarity in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  Cheerfulness in Garhwali Language  Literature   ;  Best of Garhwali Humor in Garhwali Language Literature  from Pauri Garhwal , Jokes  ; Best of Himalayan Satire Literature in Garhwali Language from Rudraprayag Garhwal  ; Best of Uttarakhand Wit in Garhwali Language from Chamoli Garhwal  ; Best of North Indian Spoof in Garhwali Language from Tehri Garhwal  ; Best of Regional Language Lampoon in Garhwali Language from Uttarkashi Garhwal  ; Best of Ridicule in Garhwali Language from Bhabhar Garhwal   ;  Best of Mockery  in Garhwali Language from Lansdowne Garhwal  ; Best of Hilarity in Garhwali Language from Kotdwara Garhwal   ; Best of Cheerfulness in Garhwali Language from Haridwar    ;गढ़वाली हास्य -व्यंग्य ,  जसपुर से गढ़वाली हास्य व्यंग्य ; जसपुर से गढ़वाली हास्य व्यंग्य ; ढांगू से गढ़वाली हास्य व्यंग्य ; पौड़ी गढ़वाल से गढ़वाली हास्य व्यंग्य ;
Garhwali Vyangya, Jokes  ; Garhwali Hasya , Jokes ;  Garhwali skits , Jokes  ; Garhwali short Skits, Jokes , Garhwali Comedy Skits , Jokes , Humorous Skits in Garhwali , Jokes, Wit Garhwali Skits , Jokes

Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1
Best  of  Garhwali  Humor , Wits Jokes , गढ़वाली हास्य , व्यंग्य )
-
टिमुर, तूंग  अर झोलगेट टूथपेस्ट मा तनातनी
-
 चबोड़ , चखन्यौ , ककड़ाट  :::   भीष्म कुकरेती   


टिमुर - साला एक त हम पॉलीथिन से उनि तंग छां अर स्यु उन्नादेसी झोलगेट बि ऐ गे।  मारो साला तै हरामी , हराम की औलाद पाजी तै।  मारो , भगाओ
तूंग -हां हां तै बदजात , बदनीयत, एकाधिकारवादी कु कतल कारो।  करमजला साला हरामी।
झोलगेट हर्बल टूथपेस्ट की खाली ट्यूब - माइंड योर लैंग्वेज।  सांप,  संपेरों और तांत्रिकों के देस के ! असभ्य जंगली , सड़ी गली कौम।  ब्लडी पीछे देख के कार  चलाने वाले !
तूंग - यै हम तै हमर इ देस मा गाळी दीणि छै ?
टिमुर - हां हरामी ! हमर देस से नफा कमांद अर हमी कुण 'नीच ' बुलणु च।  नफ़ाख़ोर हरामखोर  बहुदेसी कम्पनी। झोलझाल गेट !
तिमल - हां हां  मी बि तुमर दगड़ छौं।  कतल कारो तौं बहुदेसी ब्रैंडों कु , बिणास कारो सालों का , जड़नास कारो यूं विदेशी मल्टीनेशनल कंपन्यूँ का। पैल लोग मि तैं खांद छा अब विदेशी फल सेव , अनन्नास , पपीता , कीवी पर ढबि  गेन।
झोलगेट - कमअक्ली कहींके , आलसी कहीं के , घर बैठे बिन  घुंड हिलाये नफा की सोच वाले कहीं के! अफु कुछ नि करण अर दोष हैंक पर दीण। अफु सिंयूं रौण अर कूर बूर करण  वळ , कार बार  करण वळुं पर भगार लांछन लगाण कि येन मुनाफा किलै कमाई ।
तूंग - मारो साले को। मारो बहुदेशीय कम्पनी को , दूर भगावा यूं धुर्या विदेस्यूं  तैं। 
झोलगेट - बट व्हाइ आर यू अगेंस्ट मी ?
टिमुर - त्यार आण से म्यार कथगा अणभरवस ह्वै।  जणदि बि छे ?
तूंग - पता च झोलगेट टूथ पॉउडर आण से पैल मेरी क्या पूछ छै ? बड़ो आयी पुछण वळ कि हम विदेशी चीजुं विरुद्ध किलै छां ?
दूर बिटेन ओगळ - हां हां विदेशी मुंगरी आण से लोकुन मि तैं बूण बंद कौर दे।
जळयूं गिंडा का क्वीला - कमीने साले पुछणु छे बल हम त्यार विरोध किलै छंवां ? अरे पैल लोग म्वास अर लूण मिलैक दांत साफ करदा छा अर कथगा इ दांत सफाई भारतीय ब्रैंड छा।
तूंग - पर त्यार मालिकोंन म्वास , लूण , दांतुन तै नुक्सान बताणो इथगा घ्याळ , इथगा जादा हल्ला कार बल इख गढ़वाळम बि गरीब लोग म्यार दांतुन करणम शरमाण बीसे गेन।
टिमुर - अर मे सरीखा लाभदायी दंतरक्षक , पेटरक्षक , जुकाम अवरोधक , बुख़ार अवरोधक कु छत्यानास ह्वे गे।  उ त भलु ह्वेन भोटिया जातिका जौन मि तै बचैक राख।
तूंग - वोइ उन्नादेसी टूथपेस्ट ! ती तैं पता च ? सम्राट अशोक का समय पर टिमुर अर म्यार निर्यात पाटलिपुत्र तक हूंद छौ।
झोलगेट - हाहाहा ! हाहाहा ! भूतकाल की आनंद भोगी ! इतिहास में रमने वालो ! भविष्य के निर्मुखियो ! तुमर मौत झोलगेट सरीखा कंपनियोंन नि कार।  तुमर मौत त अशोक काल मा इ ह्वे गे छै।
टिमुर- नहीं हमर मौत अशोक काल मा ना अपितु झोलगेट सरीखी प्रवृति से ह्वे।  हमर स्वर्णिम इतिहास तुम विदेशी कंपन्युन नास कार।
झोलगेट -तुमर सरा हिन्दुस्तान इ गलतफहमी मा  च।  तुमर आयुर्विज्ञान , तुमर धातु  विज्ञान , तुमर सब विज्ञान त अशोक काल मा इ भष्माभूत ह्वे गे छा।  भारत कु विज्ञान मा अन्वेषण ही बंद ह्वे गेन तब बिटेन।  अर अभियोग हम पर लगद।
तिमल - इन कन ? इन कन ? इन कनै बुलणु छै ?
झोलगेट - द्याखौ मूर्खों का च्यालो ! अशोक काल आयी तो सब संस्कृत विद्वान् याने आयुर्वेदाचार्य जन वैज्ञानिकों काम बंद ह्वे गे।  यूं  संस्कृत विद्वानूं तै इनि तिराये गे जन कॉंग्रेस शासन मा  दक्षिण पंथी विद्वानों तौहीन ह्वे या अब भाजपा शासन  मा वामपंथी विद्वानों तौहीन की कोशिस हूणी च।
तूंग - तो ?
झोलगेट - तो क्या सनातनी या श्रुति बल पर चलण वळ सब वैज्ञानिक अन्वेषण बंद हूण से सब कुछ थम गे।  आज बि टिमुर का लाभ या टिमुर की औषधि निर्माण पद्धति जु आयुर्वेद मा छौ वी बताये जांद।  द्वी ढाई हजार साल हूणो उपरान्त बि कुछ नया नि बताये गे मतलब तब बिटेन टिमुर अर टिमुर औषधि पर अन्वेषण ह्वाइ इ नी अर लांछन यूरोप या अमेरिकी कंपन्यूँ पर लगणु च।  अरे अन्वेषण बंद कार तुमर आका भारतीयोंन अर अभियोग बहुदेशीय कंपन्यूँ पर ?
तिमल - हूं ! कुछ कुछ बात तो समाज मा आणि च आज बि म्यार बारा मा , म्यार मान तै लाभ साहित्य ज्वी बि साहित्य उपलब्ध च उ द्वी -ढाई हजार साल पैलाक साहित्य ही च।  कुछ भी नया नि जुड़े गे।
झोलगेट - अर इखमा कुछ देर गुप्त काल मा  कुछ ह्वे च।  किन्तु अन्वेषण नि हूणो पैथर सरा दोष संस्कृत मानसिकता कु च ?
जळयूं गिंडा - संस्कृत मानसिकता ?
झोलगेट -हां ! संस्कृत मानसिकता।  श्रुति विद्वानोंन संस्कृत तै विज्ञानं का माध्यम से भैर स्थानीय भाषा तै महत्व नि दे , विज्ञान ज्ञान संस्कृत तक ही सेमित  रखे गे त विज्ञान ज्ञान कुछ परिवारों तक सीमित ह्वे गे।  यदि आयुर्वेद या अन्य विज्ञान स्थानीय भाषा म उपलब्ध हूंद त राजनैतिक अस्थिरता , उथल पुथल का बाद भी विज्ञान व् तकनीक मा रोज अन्वेषण हूंदा अर आज भारत पता नी क्या से क्या हूंद।
जळयूं गिंडा - हां भै या बात तो बिलकुल सै च यदि विज्ञान स्थानीय भाषाओं मा उपलब्ध हूंद तो भारत मा विज्ञान , टेक्नोलॉजी अग्वाड़ी बढ़नि रैंदी।  संस्कृत भाषा तै महत्व दिए गए विज्ञान प्रसारण तै ना ।
टिमुर - पर तुम विदेशी कम्पनी बि त अंग्रेजी ?
झोलगेट - बिलकुल नहीं।  हमर मालिकों असली सोच  च थिंक ग्लोबल ऐंड  गो  लोकल।  याने स्थानीयता तै पूरो महत्व द्यावो।
तूंग - औ तबि अब झोलगेट नमक के साथ , आयुर्वेदिक झोलगेट जन टूथपेस्ट बि ऐ गेन ?
झोलगेट - हाँ अर भोळ नया प्रोडक्ट आलू - झोलगेट विद टिमुर एक्स्ट्रैक्ट , झोलगेट विद तूंग लीव्ज पेस्ट , झोलगेट विद फिग रेजिन आदि आदि।
गेरू - बाबा रामदेव के जय ! बाबा रामदेव की जय ! बाबा रामदेवन यूं बहुराष्ट्रीय कंपन्यूँ तै विवश कौर दे कि अब विदेसी कंपन्यूँ तैं आयुर्वेद पर अन्वेषण करण इ पोड़ल।
सब -जै स्वदेसीकरण ! जै स्वदेसीकरण ! जै नव जागृति !

-

31/12 / 2017, Copyright@ Bhishma Kukreti , Mumbai India ,

*लेख की   घटनाएँ ,  स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में  कथाएँ , चरित्र , स्थान केवल हौंस , हौंसारथ , खिकताट , व्यंग्य रचने  हेतु उपयोग किये गए हैं।
-
    ----- आप  छन  सम्पन गढ़वाली ----
-
 Best of Garhwali Humor Literature in Garhwali Language , Jokes  ; Best of Himalayan Satire in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  Uttarakhand Wit in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  North Indian Spoof in Garhwali Language Literature ; Best of  Regional Language Lampoon in Garhwali Language  Literature , Jokes  ; Best of  Ridicule in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  Mockery in Garhwali Language Literature  , Jokes    ; Best of  Send-up in Garhwali Language Literature  ; Best of  Disdain in Garhwali Language Literature  , Jokes  ; Best of  Hilarity in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  Cheerfulness in Garhwali Language  Literature   ;  Best of Garhwali Humor in Garhwali Language Literature  from Pauri Garhwal , Jokes  ; Best of Himalayan Satire Literature in Garhwali Language from Rudraprayag Garhwal  ; Best of Uttarakhand Wit in Garhwali Language from Chamoli Garhwal  ; Best of North Indian Spoof in Garhwali Language from Tehri Garhwal  ; Best of Regional Language Lampoon in Garhwali Language from Uttarkashi Garhwal  ; Best of Ridicule in Garhwali Language from Bhabhar Garhwal   ;  Best of Mockery  in Garhwali Language from Lansdowne Garhwal  ; Best of Hilarity in Garhwali Language from Kotdwara Garhwal   ; Best of Cheerfulness in Garhwali Language from Haridwar    ;गढ़वाली हास्य -व्यंग्य ,  जसपुर से गढ़वाली हास्य व्यंग्य ; जसपुर से गढ़वाली हास्य व्यंग्य ; ढांगू से गढ़वाली हास्य व्यंग्य ; पौड़ी गढ़वाल से गढ़वाली हास्य व्यंग्य ;
Garhwali Vyangya, Jokes  ; Garhwali Hasya , Jokes ;  Garhwali skits , Jokes  ; Garhwali short Skits, Jokes , Garhwali Comedy Skits , Jokes , Humorous Skits in Garhwali , Jokes, Wit Garhwali Skits , Jokes

Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1
Best  of  Garhwali  Humor , Wits Jokes , गढ़वाली हास्य , व्यंग्य )
-
ये साल त अपूरा प्रण (रिजोल्यूशन ) पूरा करण इ छन 
-
 चबोड़ , चखन्यौ , ककड़ाट  :::   भीष्म कुकरेती   

मि तैं क्या सब्युं तैं प्रण करणम आनंद आंद , नेता अर अधिकार्युं छोड़िक।  सब तैं प्रण करणम आनंद ही ना अति आनंद आंद।  हरेक तैं प्रण करणम सेळि पड़दि अर वां से जादा प्रण पूर नि करणो बहाना ढुंढणम आनंद आंद।  जी हां बहानाबाजी मा हम नेताओं से बाजी मार लींदा।
  मी बि हर साल पोरु सालौ निपूरा प्रण पूर करणो सालौ पैल दिन फिर से प्रण करदो अर द्वी तीन दिन  उपरान्त ऊं अपूरा प्रणों तैं बिसरणो कसम खै जांद।  प्रण पूर नि करणम मि कै प्रकारै गयेळि नि करदो।  भुंदरा बौ क सौं जु झूट बुलणु ह्वाऊ।
  पर ये साल प्रण  पूर  करण इ पोड़ल।  निथर भाजपा वळुंन बि मैं पर हंसण , मे पर फबती कसनण, भाजपा वळुंन बि मेरी मजाक उड़ाण बल मि मोदी जीक तरां मन की बात पूरा नि करदो अर केवल अर केवल जुमलाबाजी करणु रौंद।  भाजपा वळुं डौरन मि तैं प्रण पूर इ करण पड़ल।
     सुबेर बिज्दि उपरान्त झाड़ा जाणो बान मि तैं प्रण नि करण पोड़दि कारण सुबेर सुबेर झाड़ा जाणो आदत पड़ीं च।
 हर साल की तरां मीन ये साल बि प्रण कौरि याल कि ब्वे दगड़ झगड़ा झगड़ा नि करण।  चूंकि ब्वेक समजायुं च बल सिद्धांतुं बान अर वाड बचाणो बान झगड़ा करण उचित च त हम दुयुं म बगैर बातौ तून लग जांदन।  असलम हूंद क्या च मांक सिद्धांत बुल्दन बल मि अबि पांच सालौ भीषम छौं अर म्यार अंकगणित ही ना ट्रिगोनोमेट्री बि बुल्दि बल मि ददा बण ग्यों , भणजि बच्चों बूडा बण ग्यों।  यी साठ साल का गैप , अंतर् से हम द्वी माँ बेटाक मध्य तून लगदन।  पर ये साल मीन अपण ब्वे तै समजाण म सफल ह्वे जाण  कि मि अब द्वी ब्वार्युं ससुर जी ह्वे ग्यों त ऊंक समिण नि डांटा कौर।
 एक प्रण मि हर साल क्या हर सुबेर करदु कि गुस्सा नि करण।  पर ये साल यु प्रण पूर ह्वे जाल।  ब्याळि ब्वे मि तैं एक स्वामी जी का पास लीग। ऊं  स्वामी जीन हजार रुपया फीस का ऐवज मा ज्ञान दे बल जु बिंडी इच्छा करदो वै तैं चम्म गुस्सा आंदो।  स्वामी जीक बुल्युं पर अमल करण शुरू कौर याल।  तैबरी बिटेन  मीन इच्छा करण बंद कौर याल कि उत्तराखंड से पलयान रुकल।  हमर गां मा शिल्पकार छोड़ि पलायन करण लैक क्वी नी च।  सब सवर्ण साठौ अळग छन त अब पलायन रुकणो क्या इच्छा हूण।  जख तलक शिल्पकारों पलायन कु सवाल च त म्यार मनण च बल गाँव ही छुवाछूत का केंद्र छन अर म्यार हिसाब से छुवाछूत से दूर रौणो बान शिल्पकारुं तैं गाँव से पलायन अति आवश्यक च। अर हमर गांवक शिल्पकार यीं दिशा मा अग्रसर छन त म्यार गुस्सा हूणो सवाल इ पैदा नि हूंद।
      यदि कै चीजै लाळसा इ मोर जा तो भी गुस्सा नि आंद।  पहाड़ी उत्तराखंड मा उद्यम विकास की इच्छा बि मोरी गे, हमर विधायक कुछ कारल की इच्छा की भी डंडली सजी गे।  गैरसैण उत्तराखंड की राजधानी बौणली की इच्छा तो कब की मड़गट पौंछि गे तो उत्तराखंड मुतालिक विषयों पर ये साल गुस्सा आणो सवाल इ नी च।
    मुंबई मा पचास साल रैक मीन मुंबई तैं अपण नि समज तो ये मुतालिक क्वी गाणी -स्याणी कौर इ नी तो मुंबई संबधित क्वी गुस्सा आलो इ ना।
    भारत तो हम सब्युं देस च त साझा जंगळ , साझो घट की कु परवा करद ? क्वी ना।  तो भारत संबंधी क्वी आसा मन मा इ नी तो गुस्सा हूणो क्वी कारण इ नि बचद।
      एक प्रण मि हर पैग लगांद दैं करदो कि दारु सारू छुड़े जा।  सुरा देवी की कसम ये साल मीन दारु छुड़न च।  ये प्रण मा म्यार परिवार अर जौंक दारु मि फोकट मा पींदो सब म्यार पैथर पड्यां छन तो अवश्य ही दारु छुटि जाली
  धूम्रपान छुड़नो प्रण बि म्यार सास्वत प्रण च और ये साल तो मीन सुबेर बिटेन कति प्रण कौर यालीन तो मि तैं धूम्रपान छुड़नो इनि विश्वास च जन सोनिया गांधी जी , प्रियंका गांधीजी अर राज्य सभा का कांग्रेस्युं तै राहुल गांधी जी पर विश्वास च कि गळया बौड़ ये साल हळया बल्द बण जालो।  जब कॉंग्रेसी अनहोनी हूणो विश्वास कर सकदन त मी बि चमत्कार पर विश्वास करणु छौं।
 
   बाकी भौत सा  अपूरा प्रण छन किन्तु जाण द्यावो।  ऊं प्रण सुणी तुमर पराण झूरी जाण अर तुमर पराण खयेण मिसे जाण किलैकि तुम बि त कथगा सालों से वी प्रण करणा छां जु मि करणु रौंद।


1/1 / 2018, Copyright@ Bhishma Kukreti , Mumbai India ,

*लेख की   घटनाएँ ,  स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में  कथाएँ , चरित्र , स्थान केवल हौंस , हौंसारथ , खिकताट , व्यंग्य रचने  हेतु उपयोग किये गए हैं।
-
    ----- आप  छन  सम्पन गढ़वाली ----
-
 Best of Garhwali Humor Literature in Garhwali Language , Jokes  ; Best of Himalayan Satire in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  Uttarakhand Wit in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  North Indian Spoof in Garhwali Language Literature ; Best of  Regional Language Lampoon in Garhwali Language  Literature , Jokes  ; Best of  Ridicule in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  Mockery in Garhwali Language Literature  , Jokes    ; Best of  Send-up in Garhwali Language Literature  ; Best of  Disdain in Garhwali Language Literature  , Jokes  ; Best of  Hilarity in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  Cheerfulness in Garhwali Language  Literature   ;  Best of Garhwali Humor in Garhwali Language Literature  from Pauri Garhwal , Jokes  ; Best of Himalayan Satire Literature in Garhwali Language from Rudraprayag Garhwal  ; Best of Uttarakhand Wit in Garhwali Language from Chamoli Garhwal  ; Best of North Indian Spoof in Garhwali Language from Tehri Garhwal  ; Best of Regional Language Lampoon in Garhwali Language from Uttarkashi Garhwal  ; Best of Ridicule in Garhwali Language from Bhabhar Garhwal   ;  Best of Mockery  in Garhwali Language from Lansdowne Garhwal  ; Best of Hilarity in Garhwali Language from Kotdwara Garhwal   ; Best of Cheerfulness in Garhwali Language from Haridwar    ;गढ़वाली हास्य -व्यंग्य ,  जसपुर से गढ़वाली हास्य व्यंग्य ; जसपुर से गढ़वाली हास्य व्यंग्य ; ढांगू से गढ़वाली हास्य व्यंग्य ; पौड़ी गढ़वाल से गढ़वाली हास्य व्यंग्य ;
Garhwali Vyangya, Jokes  ; Garhwali Hasya , Jokes ;  Garhwali skits , Jokes  ; Garhwali short Skits, Jokes , Garhwali Comedy Skits , Jokes , Humorous Skits in Garhwali , Jokes, Wit Garhwali Skits , Jokes

Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1

पूस माने ढांगू मा गिंदी म्याळा तयारी
-
 सौज सौज मा समळौण   :::   भीष्म कुकरेती   
-
हमर गाँव ऋषिकेश -गूमखाळ -कोटद्वार सड़क पर ऋषिकेश से 60 किलोमीटर अर कोटद्वार से 65 -67 किलोमीटर पर च।  अच्काल पूसौ मैना च त पुरण जमन मा कुमुहर्तौ  मैना हूण से व खेती काम काज नि हूण से कुछ इन काम नि हूंद छौ जखमा मर्द मनिखों जरवत ह्वा।  गंगासलाण मा तब पूसौ सेक क दिन हिंगोड़  (हॉकी जन ) अर मकरैणी  दिन हथगिंदी (रग्बी जन ) खिलणो रिवाज छौ।  डाडामंडी  ; दिख्यत ; थलनदी , कटघर हथगिंदि का बड़ा केंद्र छा अर इख मकरैणी दिन म्याळा बि लगद छौ जख बिगरैली बांद गोबिंदा चरखी मा बैठदि छे। अर हौर लोक 'चरखी मा नि बैठ गोबिंदा  ' गीत लगांद छा।
    हां  त मि छौ छ्वीं लगाणु बल पूस माने ये मैना जनमजाति मर्द कौम मुख्य काम से दूर हूणों बहाना खुज्यांदी छै।  पूसम हमर जिना हिंगोड़ अर हथगिंदी प्रैक्टिसौ मैना हूंद थौ। अब पूस क्रिकेट प्रैक्टिसौ मैना ह्वे गे।  हॉकी मा ओलम्पिक मा पिछड़ण से हमर गंगासलाणम बि क्रिकेटन हिंगोड़ की विकेट उखाड़ दे।  अब हिंगोड़ अर हथगिंदी इतिहासुं किताब , लोककथाओं अर फेसबुक मा हि मिल्दी।
  हिंगोड़ खिलणो स्टिक जरूरी हूंद अर प्राकृतिक रूप से हॉकी स्टिक केवल बांस से ही मिल सकद।  हमर गां बांसौ मामला मा इनि कमजोर च  जन नेता ईमानदारी मामला मा निहंग छन ।  तीन मुंडितुं बांस छौ किन्तु इथगा अधिक नि छा कि बच्चों तै हिंगोड़ निर्माण की इजाजत मिल जावो।  द्वी चार बांस की हिंगोड़ छे गां मा किन्तु यी हिंगोड़ केवल सेकौ दिन ही गांवक हुणत्याळ ध्यानचंदुं तै दिए जांद छौ।
     आवश्यकता आविष्कार की जननी या नेसेसिटी इज द मदर ऑफ इन्वेंसन से अधिक गरीबी आविष्कार की जननी हूंद।  त बांसौ मामला मा गरीब गाँव का बच्चा हिंगोड़ निर्माण मा इन्नोवेटिव तरीका अपण्यांद था।   
     तब कखि बि हॉकी स्टिक बजारम नि मिल्दी छे।  हरेक अपण बच्चा तैं ध्यानचंद बणानो आतुर छौ किन्तु क्वी बि हॉकी स्टिक पर इन्वेस्टमेंट करणो तयार नि छौ इक तक कि खेल मंत्रालय बि।  त हॉकी स्टिक स्व निर्मित ही हूंदी छे।  मंगसिर माने हिंगोड़ (हॉकी स्टिक ) खुज्याणो मैना।  चार दर्जा से लेकि दस दर्जा का युवा मंगसिरम महान खोजी बण जांद छौ।  ये मैना बालक -युवा जंगळ का हरेक तूंग , गींठी , बांज , इक तलक कि बसिंगौ बुट्या सर्वेक्षण करदा मिलदा छा।  फिर बड़ी मुश्किलात से टेड़ी बांगी हिंगोड़ मिल ही जांदी छे।
 गिंदी त झुल्ला की बणदी छे त दादा का जमानों का झुल्लाओं बळी दिए जांद छे।  गिंदी बणाण  सौंग छे तो पांच छै गिंदी गां मा ह्वै इ जांद छा।
    पूसम हम कबि बि कखिम बि हिंगोड़ अर फिर वीं इ गिंदीन हथगिंदी बि खिल्दा छा। चौक से लेकि खाली पड़्यां खेत हमर ओलम्पिक ग्राउंड  हूंद था। नियम हम तब बि नि जाणदा छा ना ही आज बि हम संवैधानिक नियम जणदा तो बस हम खिल्दा छा बस खिल्दा ही छा।
      बड़ा बड़ा बैक जौन सेकक दिन सौड़ हिंगोड़ अर हथगिंदी खिलण छे और मकरैणी दिन कटघरम हथगिंदी खिलण छौ वो सेक से केवल चार या पांच दिन पैल ही प्रैक्टिस मा आंद छा। 
    तब हमर हरेक त्यौहार , हरेक गीत अर हरेक खेल सीजन का हिसाब से हूंद छा अब त हर शहर अर गां मा हर सीजन मा केवल क्रिक्यटाण ही फैली रौंद। 



4/1 / 2018, Copyright@ Bhishma Kukreti , Mumbai India ,
    ----- आप  छन  सम्पन गढ़वाली ----
-
 

Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1
Best  of  Garhwali  Humor , Wits Jokes , गढ़वाली हास्य , व्यंग्य )

 पत्रकार , बुद्धिजीवी व साहित्यकार अवश्य पढ़ें (हाथ जोड़ प्रार्थना )
-
ग्रामीण  स्वास्थ्य कुण  क्रान्ति बीज
-
 हौंस ही हौंस मा  बड़ी बात  :::   भीष्म कुकरेती   

स्थान -पौड़ी चीफ मेडिकल ओफिसर , CMO ऑफिस , CMO कैबिन से भैर , CMO क पीए कंडवाल अर दूर ग्रामीण अस्पतालौ  स्वीपर मध्य वीडिओ कॉनफेरेन्सिंग से बीस मिनट  से जोर जोर की वार्तालाप चलणी छे।  CMO अपण कैबिन से भैर आंद ,
-
CMO - क्या मिस्टर कंडवाल ! बीस मिनट से तुम वीडिओ कॉनफेरेन्स मा कैक दगड़ काईं काईं करणा छा ?
कंडवाल - सर गढ़पुर गांवक अस्पतालौ स्वीपर बुलणु च बल तुम से वीडिओ कॉनफेरेन्स करावो।  इन लगणु जन वेकी झाड़ा बंद हुईं च।
CMO - ओके लेट मी टाक विद द स्वीपर।  स्वीपर जाति सूचक शब्द त नी च ना ?
कंडवाल - ना जी ना ।  स्वीपर जाति सूचक शब्द नी च।
CMO  (कम्प्यूटर का समिण आंद ) - अच्छा मिस्टर ! मि CMO छौं. नाम बताओ।
स्वीपर -जी झल्ला। वो क्या ह्वाइ जब मी पर झल्ल चौड़ जांद त मि अपण बुबा कि त क्या साब लोगुं बि नि सुणदु त बुबान स्कूलम बि झल्ला नाम रख दे।
CMO -ओके  मिस्टर झल्ला ! क्या समस्या च ?
झल्ला - साब जी मेरी बीस साल की मेडिकल प्रैक्टिस मा मीन इन केस नि देखि।
CMO - व्हट ? सफाई कर्मचारी अर बीस साल की मेडिकल प्रैक्टिस ?
झल्ला - साब जी खौंळेणौ स्वांग नि कारो।  गढ़वाल का ग्रामीण अस्पताल सिर्फ अर सिर्फ हम स्वीपरों भरवस पर चलणा छन।  ये अस्पताल की इमारत अर मि इ स्थिर छंवां बाकी सब अस्थिर।
CMO - हां पर तुमर अस्प्ताल मा त डाक्टर , कम्पाउंडर अर असिस्टिंग कम्पाउंडर भिजे  गे छा।
झल्ला - जी डाक्टर साब प्रोबेशन पर छन , कम्पाउंडर साब परमोसन पर ऐ छा अर असिस्टिंग कम्पाउंडर ब्लात्कारौ पनिशमेंट पर इख भिजे गे छा।  तिनि अपण ट्रान्सफरो जुगाड़ मा ड्याराडूण पड्यां छन।
CMO - ओके ओके।  तेरी समस्या क्या च।  क्या च मेडिकल केस ?
झल्ला - मि जरा कम्प्यूटरौ कैमरा मरीजौ तरफ करदो।  त आप बि समिज जैल्या कि मि किलै बुलणु छौं बल यु अजीब केस च।
CMO - दिखाओ।
झल्ला - ल्या  द्याखो। मरीजक पैरों छालक , हथकुळि का टेम्प्रेचर शरीर, कखर्वळि ,  गिच्चक टेम्प्रेचर से बि अधिक च.
CMO - जरा हार्ट बीट तपास करदि
झल्ला  (स्टेथोस्कोप से तपास करद )- जी नॉर्मल से थोड़ा हि अधिक।
CMO - जरा ब्लड प्रेसर चेक करदि
झल्ला  (ब्लड प्रेसर चेक करद )- नॉर्मल हि  च थोड़ा सि अधिक पर कुछ अधिक नी च।
CMO - जीब दिखादि
झल्ला  (मरीज की जीब कैमरा समिण करद )- आश्चर्य या च बुखार मा जीव पीली हूण चयेणी छे त एकि जीब काळी पड़ी च।  तबि त मीन बोली कि मेरी मेडिकल प्रैक्टिस मा  ...
CMO - एक मिनट चुप रौ।  मरीजक  आँख दिखा।
झल्ला (कैमरा आँख पर करद  ) - आँखुं रंग नॉर्मल नि छन।
CMO - एक मिनट भै।  रेटिना टेलेस्कोप लगा अर टेलेस्कोप तै कैमरा समिण ला
झल्ला  (जन CMO बुल्द उनि  करद )- जी कौर याल।
CMO - ओहो।  ठीक च। ठीक च।  हाहाहा ! यूरेका यूरेका ! क्रांति क्रान्ति ! ग्रामीण स्वास्थ्य मा क्रान्ति बीज !
झल्ला - साब क्या ह्वाइ ? आप तो इन चिल्लाणा छा जन भूत लग गे हो ।
CMO - अरे झल्ला राम जी।  अब तो पहाड़ी गाँवों मा स्वास्थ्य क्रान्ति ऐ जाली।  झल्ला राम जी तुम को शत शत दंडवत प्रणाम।
झल्ला -  स्वीपर तैं दंडवत प्रणाम ?
CMO - हाँ तीन ग्रामीण स्वास्थ्य मा सुधार का क्रान्ति बीज जि ब्वे देन।
झल्ला -ग्रामीण स्वास्थ्य मा सुधार का क्रान्ति बीज ?
CMO - हाँ।  चूँकि डाक्टर गांवुं  माँ प्रैक्टिस नि करण चाणा छन।  पर यदि प्रत्येक ग्रामीण हॉस्पिटल वीडिओ कॉन्फेरेसिंग व वीडिओ फस्ट एड किट से सीधा जिला अस्पताल या एम्स  ऋषिकेश से जुड़े जावन तो आधा से अधिक मरीजों दवा तो वीडिओ कॉनफेरेन्स से ह्वैइ सकद कि ना ?
झल्ला - साब यु  वीडिओ फस्ट एड किट क्या हूंद ?
CMO - डिजिटल स्टेथोस्कोप जु मरीज का हाल वीडिओ  कॉन्फ्रेंस से बताइ सकद।   डिजिटल स्टेथोस्कोप मा  टेम्प्रेचर , हार्ट बीट , ब्लड प्रेसर चेक करणो डिवाइस ,आइ चेकिंग डिवाइस , त्वचा चेक करणो डिवाइस , जीव , नाक अदि चेक करणो डिवाइस , घाव चेक करणो डिवाइस , आदि आदि हूंदन ।  गांवक अस्पताल मा कम्प्यूटर  मरीज तैं चेक  करे जाल  अर दूर शहरम डॉक्टर तै मरीज का सब मेडिकल डाटा मिल जाल अर डाक्टर दवा बतै द्याल। 
झल्ला - अरे साब यो तो एक महान क्रान्ति ह्वे जाली।
CMO - हां  मि अबि मुख्यमंत्री जी से मीटिंग फिक्स करद अर तब तक मीन चैन नि लीण जब तक उत्तराखंड मा  ग्रामीण अस्पताल तै ईएमएस ऋषिकेश या जिला अस्पताल  से वीडिओ कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा नि जुड़े जावो।
झल्ला - साब आप तैं यश मिले।
CMO - अरे मि जान लड़ै द्योलु।  ओके थैंक यू  वेरी मच।
झल्ला -साब ? मीन जांकुण  वीडिओ कॉन्फ्रेंस कार वो काम तो पूर  ह्वै इ नी च।
CMO - अरे  हाँ। तैन भलती सि  दारु पे दे। तै तैं लिम्बु मा लूण पिलाओ।  उलटी कराओ अदा घंटा मा ठीक ह्वे जालो।
झल्ला -क्रांतिकारी CMO की जय हो , जय हो।  भगवान आप तैं लम्बी उमर  देन ।

5/1 / 2018, Copyright@ Bhishma Kukreti , Mumbai India ,

*लेख की   घटनाएँ ,  स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में  कथाएँ , चरित्र , स्थान केवल हौंस , हौंसारथ , खिकताट , व्यंग्य रचने  हेतु उपयोग किये गए हैं।
-
    ----- आप  छन  सम्पन गढ़वाली ----
-
 Best of Garhwali Humor Literature in Garhwali Language , Jokes  ; Best of Himalayan Satire in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  Uttarakhand Wit in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  North Indian Spoof in Garhwali Language Literature ; Best of  Regional Language Lampoon in Garhwali Language  Literature , Jokes  ; Best of  Ridicule in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  Mockery in Garhwali Language Literature  , Jokes    ; Best of  Send-up in Garhwali Language Literature  ; Best of  Disdain in Garhwali Language Literature  , Jokes  ; Best of  Hilarity in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  Cheerfulness in Garhwali Language  Literature   ;  Best of Garhwali Humor in Garhwali Language Literature  from Pauri Garhwal , Jokes  ; Best of Himalayan Satire Literature in Garhwali Language from Rudraprayag Garhwal  ; Best of Uttarakhand Wit in Garhwali Language from Chamoli Garhwal  ; Best of North Indian Spoof in Garhwali Language from Tehri Garhwal  ; Best of Regional Language Lampoon in Garhwali Language from Uttarkashi Garhwal  ; Best of Ridicule in Garhwali Language from Bhabhar Garhwal   ;  Best of Mockery  in Garhwali Language from Lansdowne Garhwal  ; Best of Hilarity in Garhwali Language from Kotdwara Garhwal   ; Best of Cheerfulness in Garhwali Language from Haridwar    ;गढ़वाली हास्य -व्यंग्य ,  जसपुर से गढ़वाली हास्य व्यंग्य ; जसपुर से गढ़वाली हास्य व्यंग्य ; ढांगू से गढ़वाली हास्य व्यंग्य ; पौड़ी गढ़वाल से गढ़वाली हास्य व्यंग्य ;
Garhwali Vyangya, Jokes  ; Garhwali Hasya , Jokes ;  Garhwali skits , Jokes  ; Garhwali short Skits, Jokes , Garhwali Comedy Skits , Jokes , Humorous Skits in Garhwali , Jokes, Wit Garhwali Skits , Jokes

Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1
Best  of  Garhwali  Humor , Wits Jokes , गढ़वाली हास्य , व्यंग्य )
-
गिंदी म्याळा मा  'स्टार वार '  याने  बैरी दगड़ दुसमनात निकाळणो माध्यम ! (खेल भावना विरुद्ध हैंक पक्ष )
-
 हौंस इ हौंस मा किस्वळि  लगाण   :::   भीष्म कुकरेती   

-
  (चबोड़ चखन्यौ मा मेरी मनशा त रौंदी बल भविष्य जिनां छ्वीं लगौं पण बंचनेरुं मनशा कुछ हौरि रौंदि।  दैनिक 'गढ़वाली ऐना' (1989 ) से लेकि फेसबुक तक पायी बल जब बि मि कै संस्कृति विषयी बात उठांदु  त टिप्पणी उख पर ज्यादा आंदन बनिश्पत जब मि आज मोदी जी तरां सन 2022 की छ्वीं लगौं।
   अबि सि मीन चार पांच दिन पैल 'गिंदी हिंगोड़ ' पर छ्वीं क्या लगैन कि अब तक चमोली , उत्तरकाशी बिटेन बि Like अर Comments की बरखा हूणी  च।  त मि 'गिंदी '  संबंधी कथगा इ बथ समळण मिसे ग्यों। त ल्या एक हैंक फांकी )
 जन कि मीन पैलि बत्ये याल छौ बल गंगासलाण म डाडामंडी (लंगूर ) , थलनदी (उदयपुर ), देवीखेत (दिख्यत , डबराल स्यूं ) अर कटघर (ढांगू ) मा मकरैणी  दिन चमड़ै हथगिंदी खिले जांद छे अर विद्वान् चक्रधर कंडवाल जीन खोज करिक बताई बल गंगासलाणम व आस पास 122 जगा हौर बि हिंगोड़ व हथगिंदी खिले जांद छै।  आकाशवाणी से यु वृत्तांत प्रसारित हुयुं च।
कटघर मा उदयपुर वर्सेज ढांगू की गिंदी प्रतियोगिता हूंदी छै।
   अब जब कटघर की गिंदी याद आली त फिर तो ढांगू का महेंद्र सिंग धोनी अर विराट कोहल्यूं  याद आण जरूरी च याने ढांगू का गिंदी सुपर स्टारों की याद आण जरूरी च।  अब चूंकि मि किताबुं दगड़्या छौ त खेल पत्रकार नि बण्यु सौक बस इतिहासकार बणिक रै ग्यों।  मतबल मि कठघर एकि दैं गिंदी म्याळा दिखणो  ग्यों त द्वी चार गिंदी सुपर स्टारों अलावा कै तैं नि जणदु छौ।
   जख तलक गिंदी का सुपर स्टारों सवाल छौ यी स्टार राजपूत घराना का ही  हूंद छा।  बामण बाहुल्य क्षेत्र हूणो बाद बि वैल्युएबल स्पोर्ट्समैन जजमान ही हूंद छ।   कछबोळी खाणो प्रतियोगिता हूंदी तो अवश्य ही बामण सुपर स्टार हूंदा किन्तु जखम हथ, खुट अर घुंड हलाणो बात हो त उखम बामण बुज्या बैठ जांद छा।  तुम जरा हॉकी , क्रिक्यट  मा बि दिखल्या त एकाद इ नाम मीलल किन्तु फोकट मा बड़ी बड़ी बात करण वळ अर कुछ नि करण खेल याने कम्युनिष्ट आंदोलन मा अधिसंख्य बामण इ मीलल।  हमर ढांगू म बि गिंदी का सुपर स्टार राजपूत ही हूंद था। शिल्पकार अर बामण दर्शक दीर्घा का सुपर स्टार हूंद छा याने कमेंट करणा उस्ताद ।
    जख तलक म्यार ददा- बुबा पीढ़ी क सवाल च त सौड़ (मल्ला ढांगू ) का जाबांज मर्दों मादे दिवान ददा , भरतु ददा , लूड़ा ददा आदि सुपर स्टार होंद छा अर चुपड़ा मगथ  उदयपुर का सुपर स्टार बि यूंकी जांबाजी की कथा अपण नात्यूं तैं सुणांद छा।
     हमन जु सुपर स्टार देखि छा ऊँ मादे मीन खुद सौड़म सौड़क सत्तर सिंग ददा , दयालु ददा , लुंगड़ी काका , गुबरा काका , मूसा काका सुपर स्टार छा।  हमर गांवक डक्खु दा , सुदामा दा, बिरजू दा ही गिण्यां -चुण्यां जांबाज छा।  हमर गांवक स्पोर्ट्समैन  केवल रण जी  ट्रॉफी तक सीमित छा याने सौड़ तक।  कटघर याने नेशनल टीम का जांबाज तो सौड़ का सत्तर सिंग ददा , दयालु ददा , लुंगड़ी काका , गुबरा काका , मूसा काका  छा।
        ढांगू -उदयपुर गिंदी प्रतियोगिता याने कटघर की बात हो अर बिछला ढांगू व तल्ला ढांगू वळुं  बात नि हो तो समजि ल्यावो आज बगैर साउथ अफ्रीका का क्रिकेट खेल की बात।  असली गिंदी सुपर स्टार तो बिछला ढांगू अर तल्ला ढांगू ही पैदा करद छा।  चूंकि मि खेल से इनि बितकुद छौ जन ममता बनर्जी मोदी से बितकदि तो मि तल्ला ढांगू क्या बिछला ढांगू का गिंदी सुपर स्टारों बारा मा इथगा इ जणदु जथगा डीएमके सुप्रीमो करुणानिधि हिंदी वर्णमाला जणदु।
    मि तैं बस याद च कि ज्वी बि कटघरक गिंदी देखिक आवो वो बिछला ढांगू खरीक का गिंदी मास्टर रतन सिंग , कंठु सिंग , गोपाल सिंग , आनंद सिंग अर खरीक का ही स्टारों का स्टार डुंकर सिंग जी की ही छ्वीं लगांद छा।  डुंकर सींग तै तो आज बि जसपुर वाळ याद करदन , झूट बुलणु हों तो  जसपुर क सोहन लाल मास्टर तैं पूछी ल्यावदी।
    अच्छा जब बि रग्बी,  हॉकी , फुटबाल याने बॉडी टचिंग गेम की बात ह्वावो तो खिलाड्यूं द्वारा हैंक खिलाड़ी खुट तोड़ू शैली या टैक्टिस की अवश्य ही बात होली।  तो सौड़ मा बि स्टार अपण शत्रुता सेटल करणो मौक़ा का फायदा उठाई ही लींदा छा पण बिंडी ना बस हिंगोड़ की स्टिक से खुट पर चोट करण।  हमर गांवक डक्खु दाक खुट पर एक द्वी दैं चोट स्टार वार मा इ लगि छे।
 स्टार वार मा चोट द्वी कारणो से लगाए जांद छै एक तो आपस की अनबन अर दुसर होड़ याने कम्पीटीटिव स्पिरिट। 
    कटघरम बल सुपर स्टार वार बड़ी चलदी छै।  खिलाड़ी कबि कबि जुद्ध का जोद्धा  बणिक गुम चोट क्या भयंकर चोट करदा छा। हाथ , लात , मुंड , घुंड हथियार बण जांद छा।   इलै इ अंग्रेजों समय पर कटघर म एक खून माफ़ छौ याने यदि स्टार वार मा  मौत ह्वे जावो तो कत्ल नि मने जांद छौ।  कत्ल तैं खेल मनण अंग्रेजों से सिखणो आज बि जरूरत च।
    कटघरौ बारा म सूण  छौ बल  स्टार सुपर स्टार याने हाथ पैर तोड़ू स्टार उनि नि बौण सकुद छौ। स्टार सुपर स्टार याने घातक स्टार तबि बणदु छौ जब परोठी भरिक दारु नि घटकै द्यावो।  सूण  छौ बल दारु स्टार खिलाड़ी पर किलिंग इंस्टिंक्ट लै आंद छौ।  पता नी या दारु विरोध्युं साजिस च या असलियत च।  पता नी। 


   
   

कृपया -अपण तरफांक गिंदी स्टारुं  सूचना देकि यीं लिस्ट तैं लम्बी करणम हथ बंटाओ।
6/1 / 2018, Copyright@ Bhishma Kukreti , Mumbai India ,

*लेख की   घटनाएँ ,  स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में  कथाएँ , चरित्र , स्थान केवल हौंस , हौंसारथ , खिकताट , व्यंग्य रचने  हेतु उपयोग किये गए हैं।
-
    ----- आप  छन  सम्पन गढ़वाली ----
-
 Best of Garhwali Humor Literature in Garhwali Language , Jokes  ; Best of Himalayan Satire in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  Uttarakhand Wit in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  North Indian Spoof in Garhwali Language Literature ; Best of  Regional Language Lampoon in Garhwali Language  Literature , Jokes  ; Best of  Ridicule in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  Mockery in Garhwali Language Literature  , Jokes    ; Best of  Send-up in Garhwali Language Literature  ; Best of  Disdain in Garhwali Language Literature  , Jokes  ; Best of  Hilarity in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  Cheerfulness in Garhwali Language  Literature   ;  Best of Garhwali Humor in Garhwali Language Literature  from Pauri Garhwal , Jokes  ; Best of Himalayan Satire Literature in Garhwali Language from Rudraprayag Garhwal  ; Best of Uttarakhand Wit in Garhwali Language from Chamoli Garhwal  ; Best of North Indian Spoof in Garhwali Language from Tehri Garhwal  ; Best of Regional Language Lampoon in Garhwali Language from Uttarkashi Garhwal  ; Best of Ridicule in Garhwali Language from Bhabhar Garhwal   ;  Best of Mockery  in Garhwali Language from Lansdowne Garhwal  ; Best of Hilarity in Garhwali Language from Kotdwara Garhwal   ; Best of Cheerfulness in Garhwali Language from Haridwar    ;गढ़वाली हास्य -व्यंग्य ,  जसपुर से गढ़वाली हास्य व्यंग्य ; जसपुर से गढ़वाली हास्य व्यंग्य ; ढांगू से गढ़वाली हास्य व्यंग्य ; पौड़ी गढ़वाल से गढ़वाली हास्य व्यंग्य ;
Garhwali Vyangya, Jokes  ; Garhwali Hasya , Jokes ;  Garhwali skits , Jokes  ; Garhwali short Skits, Jokes , Garhwali Comedy Skits , Jokes , Humorous Skits in Garhwali , Jokes, Wit Garhwali Skits , Jokes

Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1
Best  of  Garhwali  Humor , Wits Jokes , गढ़वाली हास्य , व्यंग्य )
-
मेरी लौड़ी, हे लौड़ी ! अर छोरी म  गिंजारुपड़ी 
-
 अपड़ ठट्टा अफिक   :::   भीष्म कुकरेती   

-
  मि जब ऑफिसम जनान्युं से मुखातिब हूंद त वूं तैं संबोधित करणो कथगा इ शब्द इस्तेमाल करदो।  कबि वाजिब , कबि गैर वाजिब अर कबि मेमतबलक।
 गढ़वळिम बि स्त्री या पुल्लिंग संबोधन मा कथगा दैं कनफ्यूजाण ह्वे जांद। मतलब घंघतोळ।
  अब वै दिन लंदनम जन्मयुं , लंदनम पड्यूं -लिख्यूं अर जिनेवा म काम करण वळ उमेश गाँव आयी त वै तैं बि बड़ी घंघतोळ  ह्वे गे।  लंदनम चूँकि वैकि दादी , ब्वे अर बुबा गढ़वळिम बचळेंदा छा तो गढ़वळि बिंगणम  क्वी बड़ी औसंद नि आंदि उमेश तैं।
    गौंम वु रति बौ समिण चौकम खड़ु छौ त उमेशन पूछि दे , ये बउ  ! ...या चोरी कैकि च "
रति बौन डांट , "ये अंग्रेज  या मेरी लौड़ी  च।  चोरी नी च। "
उमेशन बिंगै ," उ क्या च अंग्रेजी मा ह शब्द साइलेंट हूंद त गलती से छोरी चोरी ह्वे गे। सौरी रटी बहू "
रति - ह्यां पर वा छोरी नी  च।  क्या सुंदर मि बच्यूं छौं , वींक बुबा जी छन।  वींक ददा जी छन।  क्यांक  छोरी ? छोरी त वा ह्वे जैक ब्वे बूबा नि ह्वेन।
उमेश - त लौड़ी क्या ह्वे ?
रति -बेटी।  लौड़ी माने बेटी या लड़की।
उमेश - रटी बऊ  क्या तू रात ह्वे छे जु त्यार नाम रटी धरे गे ?
रति -ना रे ना मि जरा छुटि सि गोळ मटोळ छौ त ददा जीन रति नाम धौर दे।  रति सोना तुलणो एक दाणी  हूंद।
उमेश - पर अब त तू बम्फर बफेलो याने मोटी भैंसी ह्वे गे।
रति - मि भैंसी जन दिखेंदु ?
उमेश - ना ना रटी क मुकाबला मा अब  ..
(इथगा मा कांती काकी प्रवेश करदी अर उनि खड़ी ह्वे जांदी )
रति - ये लौड़ी ! खड़ी किलै छे।  आ न स्यु उमेश आयुं च त जरा वैकुण गैथुं भरीं रुटि बणाण।  तुम बि खैक जावो।
उमेश -रटी बऊ।  कांती आंटी त तेरी काकी इन लॉ लगद फिर तू लौड़ी किलै बुलणी छे।  अबि त तीन ब्वाल बल लौड़ी माने पुटरी, डॉटर।  फिर ?
रति - हाँ।  प्रेम मा सासु कुण बि लौड़ी बुले सक्यांद।  मि अर कांती सासु  इकउमर्या छंवां त हम एक हैंक तैं लौड़ी से भटे लींदा।
उमेश - ओ माई गौड !
रति - आवो ये जी ! तुम बि भर्यां रुटळ खैक जावो।
कांती - द छोरी ! आज ना अबि त मि भैंस पाणी खलांणो जाणु छौं।  दुसर दिन जब तू येकुण तुराणि पकैल  त  ..
उमेश - वन मिनट , वन मिनट ! रटी बाउ ट्यार पेरेंट्स त बच्यां छन पर कांटी आंटी ट्योकुण चोरी बुलणि च।
कांती - ये मीन चोरी ना छोरी ब्वाल।
उमेश - आं वयी वयी छोरी।  छोरी माने तो परेंटलेस मतबल जैंक ब्वे बाब नि ह्वावन।  रटी बऊ का फादर बि ज़िंदा छन अर मदर बि ज़िंदा तो रटी बऊ चोरी सॉरी छोरी कनै ह्वे ?
रति - उ क्या च , प्रेम मा छोरी बुले जावो तो वीं छोरी क अर्थ अनाथ नि हूंद।
उमेश - उफ़ व्हट ये गिंजारुपड़ी।
कांती - क्या ?
उमेश - कुच ना कुच ना।  इंग्लिश  मा बि गर्ल , डॉटर , वोमन , मैडम अर लेडी मा इनि गिंजारुपड़ी ह्वे जांद।
रति - उखम क्या च।  भाषा क्वी बि ह्वाओ कुछ ना कुछ गिंजारुपड़ी त ह्वेली इ।





9 /1 / 2018, Copyright@ Bhishma Kukreti , Mumbai India ,

*लेख की   घटनाएँ ,  स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में  कथाएँ , चरित्र , स्थान केवल हौंस , हौंसारथ , खिकताट , व्यंग्य रचने  हेतु उपयोग किये गए हैं।
-
    ----- आप  छन  सम्पन गढ़वाली ----
-
 Best of Garhwali Humor Literature in Garhwali Language , Jokes  ; Best of Himalayan Satire in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  Uttarakhand Wit in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  North Indian Spoof in Garhwali Language Literature ; Best of  Regional Language Lampoon in Garhwali Language  Literature , Jokes  ; Best of  Ridicule in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  Mockery in Garhwali Language Literature  , Jokes    ; Best of  Send-up in Garhwali Language Literature  ; Best of  Disdain in Garhwali Language Literature  , Jokes  ; Best of  Hilarity in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  Cheerfulness in Garhwali Language  Literature   ;  Best of Garhwali Humor in Garhwali Language Literature  from Pauri Garhwal , Jokes  ; Best of Himalayan Satire Literature in Garhwali Language from Rudraprayag Garhwal  ; Best of Uttarakhand Wit in Garhwali Language from Chamoli Garhwal  ; Best of North Indian Spoof in Garhwali Language from Tehri Garhwal  ; Best of Regional Language Lampoon in Garhwali Language from Uttarkashi Garhwal  ; Best of Ridicule in Garhwali Language from Bhabhar Garhwal   ;  Best of Mockery  in Garhwali Language from Lansdowne Garhwal  ; Best of Hilarity in Garhwali Language from Kotdwara Garhwal   ; Best of Cheerfulness in Garhwali Language from Haridwar    ;गढ़वाली हास्य -व्यंग्य ,  जसपुर से गढ़वाली हास्य व्यंग्य ; जसपुर से गढ़वाली हास्य व्यंग्य ; ढांगू से गढ़वाली हास्य व्यंग्य ; पौड़ी गढ़वाल से गढ़वाली हास्य व्यंग्य ;
Garhwali Vyangya, Jokes  ; Garhwali Hasya , Jokes ;  Garhwali skits , Jokes  ; Garhwali short Skits, Jokes , Garhwali Comedy Skits , Jokes , Humorous Skits in Garhwali , Jokes, Wit Garhwali Skits , Jokes
=
-

Bhishma Kukreti

  • Hero Member
  • *****
  • Posts: 18,808
  • Karma: +22/-1

Best  of  Garhwali  Humor , Wits Jokes , गढ़वाली हास्य , व्यंग्य )
-
ज्योति मा तमसोर्गमय : मुझे कुछ देर अँधेरे में व निज्ञान रहने दो !
-
 चबोड़ , चखन्यौ , ककड़ाट  :::   भीष्म कुकरेती   

                    यु 'तमसो मा ज्योतिर्गमय ' मुआवरा  तब बण जब कपास मिलण भौति कट्ठण छौ , कड़ु तेल पाण हौर बि कट्ठण छौ , आग मिलण मतलब युद्ध जितण अर द्यू -दिया मतबल मंगलग्रह से कुछ लाण।  तब यु मुवावरा बिलकुल सही थौ  . पर आज समय चक्र बदलेण से लगणु च बल यु मुवावरा बदलेण चयेंद।  अब उज्यळ इ उज्यळ च अर अंद्यर खुज्याण पर बि नि दिख्यांद।
        पैल कूड़ूं पर खिड़की नि लगाए जांद छौ किलैकि हम अंद्यर बर्दास्त कर सकद छा पर ठंड बर्दास्त नि हूंद छौ तो खिड़की बिहीन घर मा 'तमसो मा ज्योतिर्गमय ' संहिता बिलकुल सै  फिट हूंद छौ। अब  'तमसो मा ज्योतिर्गमय ' अनफिट प्रोवर्ब च।  म्यार कमरा की तीन तरफ़ाक़ दिवाल कांचक छन त क्वी क्षण इन नि मिल्दो बल कुछ पल शांति से अन्द्यरौ आनंद उठाये जावो। अब ' ज्योति मा तमसोर्गमय ' हेतु काळा काळा पर्दा लगायां छन।  मि तैं इंडियन आर्किटेक्टों पर गुस्सा आंद बल ये भायों ! यूरोप अर अमेरिका म त ठंड हूंदी त उख घाम अर उज्यळ चयेंद पर इंडिया मा खासकर मुंबई म त घाम से बचण इम्पोर्टेन्ट च त तीन तरफा कांचै दिवाल किलै भै ? अर जब काळा  पर्दा इ लगाणन त फिर कांचै दिवाल किलै भै ? दिन सूर्य अंद्यर  नि हूण दींद त रात स्ट्रीट लाइट अंद्यरौ दगड़ लड़णी  रौंद अर कुछ बची गे त स्मार्ट फोनो मेसेज सीण नि दींदन।
    मि तै गैणा दिखणम बेहन्त आनंद औंद छौ पर मुंबई जख स्ट्रीट लाइट्स अर वेहिकल लाइट्स से अंद्यर नि हूंद त मि हर चार सालम नागरजा पूजा करणो बान कम गैणा दिखणो बान अधिक गाँव जांदु।  मुंबई म अमृत मिलण सरल ह्वे गे त अन्द्यर मिलणै आस माने बिरळौ औंर दिखणो आस अर  द्वी नि दिखेंदन ।
      'तमसो मा ज्योतिर्गमय ' मुआवरौ असली अर्थ छौ बल मुझे अज्ञान से ज्ञान की और ले जा।
      'तमसो मा ज्योतिर्गमय ' मुआवरा अब असह्य मुवावरा ह्वे गे।  एक रिसर्चानुसार   औसतन एक दिन मा हम तैं कम से कम दस हजार सूचना याने ज्ञान मिल्दन , कम से  कम दस हजार सूचना ! अखबार उठाओ तो समाचार ज्ञान से अधिक विज्ञापन  ज्ञान मिल्दन।  टीवी द्याखो  तो मोदी जी क मन की बात ज्ञान , राजनीतक प्रवक्ताऊं बेहूदा कुज्ञान , राहुल जीक दुबई से भारत मा असह्य इमरजेंसी कु ज्ञान।  फिर बासी न्यूज पर  ब्रेकिंग न्यूज कु लेप लगायुं ज्ञान। घौर से भैर आवो तो होर्डिंग , वाल पेंटिंग , दुकानुं साइन बोर्ड, डिमोस्ट्रेटर आदि आदि ज्ञान बंटणम  प्रतियोगिता करणा रौंदन।   मीडिया मा ज्ञान की खौत फोळ !
    इंटरनेट आण से अब सब कट ऐंड पेस्ट यूनिवर्सिटी का पोस्ट  ग्रेजुएट ह्वे गेन अर हरेक हरेक तैं ज्ञान बंटणो बान घर बार , ब्वे -बेटी , ऑफिस का काम सब छोड़ छाड़िक कट पेस्ट से इंटरनेट माध्यम से ज्ञान बंटणम व्यस्त च।  पैल 'ज्ञान धारणम परम् धर्मः' सिद्धांत चलदो छौ त अब - 'कट पेस्टित ज्ञान वितरणम परम् धर्म:' सिद्धंत सर्वत्र व्यापी ह्वे गे।  कट पेस्ट ज्ञान वितरण अब इथगा विकसित ह्वे गे कि अब रोज मि तै म्यारि  लिख्यां लेख दूसरौ नाम से फेसबुक मा मिलणा इ रौंदन।  कट पेस्ट ज्ञान वितरण पिपासा अब एडिक्शन ह्वे गे। कट पेस्ट ज्ञान अब अघळ ह्वे गे।  अब त मि रोज प्रार्थना करदो ' हे ईश्वर ! मुझे कट पेस्ट ज्ञानियों से दूर रख '.
अब मस्तिष्क कु काम ज्ञान बटोळण नि रै गे अपितु अब तो मस्तिष्क कु इकु काम रै गे कि कै बि तरैं से ज्ञान की इंट्री रुके जावो।  अब मष्तिष्कन  'अज्ञानो  मा ज्ञानोर्गमय' कु बाटु पर हिटण बंद कर याल अपितु अब मष्तिस्क 'ज्ञानो मा अज्ञानोर्गमय' कु रस्ता पर चलण चांदो।
  तुम पर अथा उज्यळ अर अथा कट पेस्ट ज्ञान से क्या फरक पड़णु च ?   



10/1 / 2018, Copyright@ Bhishma Kukreti , Mumbai India ,

*लेख की   घटनाएँ ,  स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में  कथाएँ , चरित्र , स्थान केवल हौंस , हौंसारथ , खिकताट , व्यंग्य रचने  हेतु उपयोग किये गए हैं।
-
    ----- आप  छन  सम्पन गढ़वाली ----
-
 Best of Garhwali Humor Literature in Garhwali Language , Jokes  ; Best of Himalayan Satire in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  Uttarakhand Wit in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  North Indian Spoof in Garhwali Language Literature ; Best of  Regional Language Lampoon in Garhwali Language  Literature , Jokes  ; Best of  Ridicule in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  Mockery in Garhwali Language Literature  , Jokes    ; Best of  Send-up in Garhwali Language Literature  ; Best of  Disdain in Garhwali Language Literature  , Jokes  ; Best of  Hilarity in Garhwali Language Literature , Jokes  ; Best of  Cheerfulness in Garhwali Language  Literature   ;  Best of Garhwali Humor in Garhwali Language Literature  from Pauri Garhwal , Jokes  ; Best of Himalayan Satire Literature in Garhwali Language from Rudraprayag Garhwal  ; Best of Uttarakhand Wit in Garhwali Language from Chamoli Garhwal  ; Best of North Indian Spoof in Garhwali Language from Tehri Garhwal  ; Best of Regional Language Lampoon in Garhwali Language from Uttarkashi Garhwal  ; Best of Ridicule in Garhwali Language from Bhabhar Garhwal   ;  Best of Mockery  in Garhwali Language from Lansdowne Garhwal  ; Best of Hilarity in Garhwali Language from Kotdwara Garhwal   ; Best of Cheerfulness in Garhwali Language from Haridwar    ;गढ़वाली हास्य -व्यंग्य ,  जसपुर से गढ़वाली हास्य व्यंग्य ; जसपुर से गढ़वाली हास्य व्यंग्य ; ढांगू से गढ़वाली हास्य व्यंग्य ; पौड़ी गढ़वाल से गढ़वाली हास्य व्यंग्य ;
Garhwali Vyangya, Jokes  ; Garhwali Hasya , Jokes ;  Garhwali skits , Jokes  ; Garhwali short Skits, Jokes , Garhwali Comedy Skits , Jokes , Humorous Skits in Garhwali , Jokes, Wit Garhwali Skits , Jokes

 

Sitemap 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22