Grammar of Kumauni language
Grammar of Garhwali Language
Grammar of Languages of Uttarakhand
Grammar of Nepali Language
Grammar of Mid Himalayan Languages
मध्य हिमालयी कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -34
Comparative Comparative Study of Grammar of Kumauni, Garhwali Grammar and Nepali Grammar ,Grammar of Mid Himalayan Languages-Part-34
सम्पादन : भीष्म कुकरेती
Edited by Bhishm Kukreti
कुमाउंनी में क्रिया रूप भाग -4
Verbs in Kumauni Language Part - 4
कुमाउंनी में क्रिया के क्रिदंतीय रूप
विभिन्न कालों में कुमाउंनी में क्रिया कृदंत रूप भिन्न भीं होते हैं
धातु - हो
कृदंत भेद -------------------------------प्रत्यय ------------------------उदहारण
कर्त्रि वाचक संज्ञा ---------------------एर -----------------------------हुनेर
वर्तमान कालिक कृदंत ----------------ए------------------------- -----हुन्ने
भूतकालिक कृदंत ----------------------ओ ---------------------------भयो /भौ
पूर्वकालिक कृदंत ----------------------ए/बेर -----------------------------ह्व़े/ह्व़े बेर
तात्कालिक कृदंत ---------------------ऐ ---------------------------------(हुनै ) --------होते ही
पूर्ण क्रिया द्योत्तक कृदंत -----------इना ------------------------------होईना
अपूर्ण क्रिया द्योत्तक कृदंत ---------ऐ ---------------------------------हुनै -----------होते हुए
कुमाउंनी में संदिग्ध भूतकाल
संदिग्ध भूतकाल दो प्रत्ययों का संयोग होता है , दोनों लिंगों में समान होता है और संयुक्त क्रियाओं में लिंग नर्धारण प्रथम क्रिया करती है
धौ- हो
प्रत्यय ---------------------------उदहारण
न+ओ----------------------------हुनो (होती होगी/होता होगा )
-----------------------------------खानि हुनो
ऊन -----------------------------खाना हनून
----------------------------------खानि हनून
कुमाउंनी में असम्बन्ध क्रिया रूप
कुछ क्रियाओं में विभिन्न कलों में क्रिया रूप अम्सब्न्ध मिलते हैं
पुरुष ---------------वर्तमानं ------------------भविष्य ---------------भूय काल
उत्तम ------------जान्छु ---------------------जून्लो----------------गयुं/गोयुं
मद्ध्य्म -----------जांछै ---------------------जालै -----------------ग्योछे
अन्य ---------------जान्छ -------------------जालो ----------------ग्योछ
कुमाउंनी में निरन्तरार्थ क्रिया रूप
कुमाउंनी में निरन्तरार्थ में अनेक प्रत्यय पाए जाते हैं
मर, मरी , न्न, ण
कुमाउंनी में वर्तमान निरन्तरार्थ क्रिया रूप
धातु जा
----------------------पुल्लिंग -----------------------स्त्रीलिंग -------------------
--------एकवचन -----------बहुवचन -------------एकवचन -------------बहुवचन
१- जान्मछर्य ---------------जान्मर्यान-----------जान्मछर्य-------------जान्मछर्न
२- जान्मर्योछ ----------------जान्मरयान --------जान्मरैछ-------------- जान्मरैछन
३- जान्मर्योछ---------------- जान्मरयान----------जान्मरैछ------------जान्मरैछन
४-जान्नौछ --------------------जान्न्यान -----------जान्नैछ ------------- जान्नैछ
५- जाणौछ----------------------जाणइ --------------जाणै------------------ जाणैछन
कुमाउंनी में अपूर्ण भूत क्रिया/ भूत निरन्तरार्थ
धातु- जा
---------------------पुल्लिंग -----------------------स्त्रीलिंग -------------------
--------एकवचन -----------बहुवचन -------------एकवचन -------------बहुवचन
1- जान्मर्छयो --------------जान्मर्छया-----------जान्मर्छि------------------ जान्मर्छिन
२- जान्मरेछ्या ---------------जान्मरेछ्या---------जान्म्रैछि---------------- जान्म्रैछिन
३- जान्मरेछयो---------------- जान्मरेछ्या--------जान्म्रैछि---------------- जान्म्रैछिन
४- जन्नेछयो ----------------जाणेछ्या ----------जान्नैछि-------------------- जान्नैछिन
५- जाणेछियो------------------- जाणेछ्या ----------जाणैछि -------------------जाणैछिन
कुमाउंनी भविष्य निश्चयार्थ प्रत्यय के योग से बनी क्रियाएं
धातु- जा
---------------------पुल्लिंग -----------------------स्त्रीलिंग -------------------
--------एकवचन -----------बहुवचन -------------एकवचन -------------बहुवचन
१- जान्मरौलो----------------जान्मरौला------------जान्मरौलि---------- जान्मरौलिन
२-जान्मरौलो----------------जान्मरौला------------जान्मरौलि---------- जान्मरौलिन
३--जान्नौलो ------------------जान्नौला------------- जान्नौलि------------ जान्नौलिन
४- जाणौलो-------------------- जाणौला------------- जाणौलि-----------जाणौलिन
इन सभी में आशय एक ही है
कुमाउंनी में क्रिया साधक प्रत्यय तालिका
कुमाउंनी में वर्तमान काल क्रिया साधक प्रत्यय तालिका
पुरुष ---------------- एकवचन --------------------------------बहुवचन -------------
--------------पुल्लिंग----------------स्त्रीलिंग ----------------पुल्लिंग --------------स्त्रीलिंग
उत्तम ------ -उ ------------------ -उ ------------------ -ऊं-------------------- - ऊं
मद्ध्य्म ------ -ऐ -----------------ई -------------------- -आ ---------------------- आ, इऔ
अन्य ----------- - अ --------------इ --------------------अं, आन, -----------------अन-इन
कुमाउंनी में भूतकाल क्रिया साधक प्रत्यय तालिका
पुरुष ---------------- एकवचन --------------------------------बहुवचन -------------
--------------पुल्लिंग----------------स्त्रीलिंग ----------------पुल्लिंग --------------स्त्रीलिंग
उत्तम -----ऊं ------------------------ऊं ----------------आँ-----------------------आँ
मध्यम ------ए, ऐ, -------------------ई, ऐ, -------------आ , -------------------आ, इऔ
अन्य ---------ओ , -------------------अ, इ , ------------आ, आँ, --------------इन, अन , न
कुमाउंनी में भविष्य काल क्रिया साधक प्रत्यय तालिका
पुरुष ---------------- एकवचन --------------------------------बहुवचन -------------
--------------पुल्लिंग----------------स्त्रीलिंग ----------------पुल्लिंग --------------स्त्रीलिंग
उत्तम --------ओ --------------------ओ -----------------------आ, -----------------आ
मध्यम --------ऐ, --------------------ई, ------------------------आ, ---------------आ, इऔ
अन्य -----------ओ ------------------इ --------------------------आ -----------------इन
भूतकाल में कुछ स्थानों में अन्त्य प्रत्यय में य मिलता है -छयो, गयो
कुमाउंनी में वर्तमान काल में काल द्योतक रूप तत्व 'छ'
कुमाउंनी में वर्तमान काल में काल द्योतक रूप तत्व 'छ' है जिसका एक रूप -न भी है जो
वर्तमान काल उत्तम पुरुष और अन्य पुरुष दोनों लिंगों व दोनों वचनों में आता है
जान्छु - जानूं
जान्छ -जानान
स्थान भेद के कारण कहीं न ण के रूप में प्रयुक्त होता है
अन्य प्रत्यय -----
उ --- एकवचन उत्तम पुरुष सूचक व दोनों लिंगों में मिलता है - जान्छु. बहुवचन में में ऊं - जानूं
ऐ---मध्यम पुरुष, एकवचन पुल्लिंग द्योतक -- जांछै
ई--- मध्यम पुरुष , एकवचन व स्त्रीलिंग द्योतक
आ--- मध्यम पुरुष बहुवचन पुल्लिंग द्योतक , स्त्रीलिंग में इऔ भी जाछियौ
अ--- अन्यपुरुष, एकवचन, पुल्लिंग द्योतक --जान्छ
इ--- अन्यपुरुष, एकवचन, स्त्रीलिंग द्योतक --- जान्छि
आन/अन --- अन्यपुरुष , भुचन, पुल्लिंग द्योतक -- जानान
इन --अन्यपुरुष बहुवचन, स्त्रीलिंग द्योतक
भूतकाल में काल द्योतक प्रत्यय
भूतकाल द्योतक प्रमुख तत्व छ' है जो ' पुरुष/लिंग व वचन के हिसाब से बदलता रहता है
ऊं- उत्तम पुरुष , एकवचन तथा दोनों लिंगो में रहता है ---आयूँ
आं -- उत्तम पुरुष वहुवचन दोनों लिंगों में मिलता है --आयां
ऐ- मध्यम पुरुष, एकवचन, पुल्लिंग --आछै ९य ए -- आछे )
ई ---मध्यम पुरुष, एक वचन, स्त्रीलिंग -- आछी
आ--- मध्यम पुरुष, एकवचन, दनो लिंग -----आछा (कभी कभी आएं या इऔ )
ओ-- अन्यपुरुष एकवचन, पुल्लिंग द्योतक -- ग्यो
अ--- अन्य पुरुष, एकवचन , पुरुष व स्त्रीलिंग में --- आछ (ध्वनि में बदलाव होता है)
इ- अन्य पुरुष, एकवचन, स्त्रीलिंग --आछि . एक रूप ऐ भी है ---गए
आन -----अन्य पुरुष बहुवचन पुल्लिंग ----आयान . एक रूप आ भी है --आया
इन ----अन्य पुरुष वहुवचन, स्त्रीलिंग ----- गैछिन. कभी कभी अन एक रूप है ---ऐछन
कुमाउंनी में भविष्य काल में काल द्योतक प्रत्यय
भविष्य काल में काल द्योतक प्रत्यय 'ल' है
'ल' के साथ पुरुष लिंग-वचन द्योतक प्रत्यय जुड़ते हैं
उत्तम पुरुष में लिंग भेद नही है
ओ --- उत्तम पुरुष, एक वचन दोनों लिंगों में ल के बाद आ जुड़ता है --- जूँलो
आ-- उत्तम पुरुष एक वचन बहुवचन दोनों लिंग में ओ जुड़ता है --जूंला
ऐ---- मध्यम पुरुष, एकवचन, पुल्लिंग --- जालै
ई---- मध्यम पुरुष, एकवचन, स्त्रीलिंग --- जाली
आ--- मध्यम पुरुष, बहुवचन, दोनों लिंग -- जाला . कभी कभी मध्यम पुरुष, बहुवचन, स्त्रीलिंग में इऔ लगता है ---जालियौ
ओ---- अन्यपुरुष, एकवचन, पुल्लिंग --जालो
आ- अन्यपुरुष, बहुवचन, पुल्लिंग ---जाला
इ--- अन्य पुरुष, एकवचन, स्त्रीलिंग , ---जालि
इन -- अन्यपुरुष, बहुवचन, स्त्रीलिंग ---जालिन
कुमाउंनी में अनुनासिक क्रियाएं
जान्छु /जांछै /जान्छि / जूंला
किन्तु कुछ क्रियाओं में यह नही मिलता है - ग्योछै , जालै
'छ' का क्रियाओं में महत्वपूर्ण स्थान
भविष्यकाल को छोड़ दोनों काल में 'छ' का महत्वपूर्ण स्थान है . 'छ' प्रमुख व सहायक क्रियाओं के रूप
में प्रयोग होता है.
-------------------------एक वचन ---------------------------------------बहुवचन -------------
काल-------- पुरुष -----पुल्लिंग ------------स्त्रीलिंग ------------------पुल्लिंग ------------------स्त्रीलिंग
वर्तमान ----उत्तम -----छूं--------------------छूं ------------------------छूं --------------------छूं
वर्तमान ----मध्यम ----छै ------------------छै -------------------------छौ ----------------------छौ
वर्तमान -----अन्य ------छ ------------------छ-------------------------छन ----------------------छन
भूत --------उत्तम -----छ्यूं ---------------छ्यूं ------------------------छ्याँ --------------------छ्याँ
भूत --------मध्यम ----- छे ---------------छी--------------------------छ्या/छिया--------------- छ्या/छिया
भूत --------अन्य -------छयो -----------छि ---------------------------छ्या -----------------------छिन
सन्दर्भ :
- अबोध बंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)
२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)
३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)
४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)
५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)
६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali hindi Dictionary )
७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत
८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत
९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ
१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)
११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)
१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९
Comparative Study of Kumauni Grammar , Garhwali Grammar and Nepali Grammar (Grammar of , Mid Himalayan Languages ) to be continued ........
. @ मध्य हिमालयी भाषा संरक्षण समिति