Author Topic: TRANSLATION OF KUMAONI-GARWALI LANGUAGE - कुमाऊंनी गढ़वाली भाषा का अनुवाद  (Read 307504 times)

Bhishma Kukreti

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Samples of Different Dialects of Kumauni Language one of the oldest langauges of India . Part - 1

 

                          Presented by Bhishm Kukreti on Internet Medium
भाग-१ अ

 

हिंदी :                        वह कहाँ से आया

१- पिठौरागढ़-खास की बोली : उ काँ आछ ?

२- गंगोलीहाट की बोली  : ऊ कैहैं  आ ?

३- बेरी नाग की बोली : तौं कां बटी आ ?

४-अस्कोट की बोली   : ऊ  काँ बठे आँछ ?

५- थल की बोली :    ऊ काँ बैठे आच्छ ?

६- लोहाघाट -चम्पावत की बोली : उकाँ  बठे आछ ?

७- खासपर्जिया बोली: ऊ कां बै आछ ?
 
भाग-१ ब

 


हिंदी :   तुम कंहाँ से आये हो ?

१- पिठौरागढ़-खास की बोली : तौं काँ बठे आछै
 
२- गंगोलीहाट की बोली: तुम  कैहैं आछा ?

३- बेरीनाग की बोली : तिमी कैहैं आछा ?

४-अस्कोट की बोली:  तुम काँ बठे आछा ?

५- थल की बोली :  तुमि काँ बैठे आच्छा ? 

६- लोहाघाट -चम्पावत की बोली :  तुम काँ बठे आछा ?

७- खासपर्जिया बोली: तुम कौ बै आछा ?
 
 

भाग-१- स

 


हिंदी :  मै शहर से आया हूं                       

१- पिठौरागढ़-खास की बोली : मैन बाजार बठे आयूँ

२- गंगोलीहाट की बोली: मूं सहर है आयूं

३- बेरीनाग की बोली : मुं शहर बटि  आयूं

४-अस्कोट की बोली:   मै बजार बठे आयूं 

५- थल की बोली :  मु शहर बै आयूँ   

६- लोहाघाट -चम्पावत की बोली : मी शहर बठे आछूं

७- खासपर्जिया बोली: मै शहर है आयुं
 
 

Sources

१- पिठौरागढ़-खास की बोली श्री देव चन्द्र चौधरी, पवदेव, पिठौरागढ़

२- गंगोलीहाट की बोली: कु.  मुन्नी पंत, पाळी, गंगोलीहाट

३-बेरीनाग की बोली: श्री नरेंद्र नाथ पंत , बेरीनाग , श्री जयदेव पंत , बेरीनाग

४-अस्कोट की बोली: दलजीत पाल, खोलीगौं , अस्कोट

५- थल की बोली: श्री गोपीचंद ठाकुर, बरड़ , थल

६- लोहाघाट -चम्पावत की बोली : श्री प्रताप सिंह अधिकारी, लोहाघाट

७- खासपर्जिया बोली: श्रीमती मुन्नी जोशी, मल्ला जोशीखोल़ा, अल्मोड़ा   

 

Refrence: Dr. Bhavani Datt Upreti . 19976 Kumauni Bhasha Ka Addyayan , Smriti Prakashan, 124 Shahara Bag, Allahabad , UP

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Bhishma Kukreti

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                      Samples of Different Dialects of Kumauni Language one of the Indian oldest langauges . Part - 2-3

 

                              Presented by Bhishm Kukreti on Internet Medium



भाग - २


हिंदी : उसने क्या किया ?

१- पिठौरागढ़-खास की बोली : वील के कर्छय

२- गंगोलीहाट की बोली: वील कि करी

३- बेरीनाग की बोली : वीमिलि के करी

४-अस्कोट की बोली: उले कि करीछ

५- थल की बोली : उले क्या गरिच्छ

६- लोहाघाट -चम्पावत की बोली : वीले कि कच्छर्य

७- खासपर्जिया बोली: वील के करी

भाग ३


हिंदी : तुमने क्या पढ़ा ?

१- पिठौरागढ़-खास की बोली : तैलू के पड़ छ्य ?

२- गंगोलीहाट की बोली: त्वील कि पड़ो (यहाँ , ड़ो =ड़ + औ ) ?

३- बेरीनाग की बोली : तीमिलि कि की पड़ो (यहाँ , ड़ो =ड़ + औ )

४-अस्कोट की बोली: तुमले की पड़ो (यहाँ , ड़ो =ड़ + औ )

५- थल की बोली : तीले क्या पड़छै

६- लोहाघाट -चम्पावत की बोली : तुमले कि पड़छ ?(ड़ आधा )

७- खासपर्जिया बोली : तुमल के पड़ी



Sources

१- पिठौरागढ़-खास की बोली श्री देव चन्द्र चौधरी, पवदेव, पिठौरागढ़

२- गंगोलीहाट की बोली: कु. मुन्नी पंत, पाली , गंगोलीहाट

३-बेरीनाग की बोली: श्री नरेंद्र नाथ पंत , बेरीनाग , श्री जयदेव पंत , बेरीनाग

४-अस्कोट की बोली: दलजीत पाल, खोलीगौं , अस्कोट

५- थल की बोली: श्री गोपीचंद ठाकुर, बरड़ , थल

६- लोहाघाट -चम्पावत की बोली : श्री प्रताप सिंह अधिकारी, लोहाघाट

७- खासपर्जिया बोली: श्रीमती मुन्नी जोशी, मल्ला जोशीखोल़ा, अल्मोड़ा




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एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720

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1) आजकल उत्तराखंड में चुनाव चल रहे है!
 उत्तराखंड में आज कल चुनाव चली रेई!

२)  कौन से पार्टी चुनाव जीतेगी  देखना होगा?

को पार्टी चुनाव जीतल देखण होल!

३)   लेकिन उत्तराखंड का विकास तो किसी ने नहीं किया!

को ले पार्टी ले उत्तराखंड विकास नि कर हो!

Bhishma Kukreti

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१- आजकल उत्तराखंड में चुनाव चल रहे हैं .
गढ़वाळी = अच्काल उत्तराखंड मा चुनौ  चलणा छन

कुमाउनी = उत्तराखंड में आज कल चुनाव चलि रेई

२- कौन सी पार्टी चुनाव जीतेगी, देखना होगा

गढ़वाळी = क्वा पार्टी चुनौ जितली (यू) दिखण पोड़ल

कुमानी= को पार्टी चुनाब जीतल देखण होल

३- लेकिन उत्तराखंड का विकास तो  किसी ने नहीं किया 

गढ़वाळी =पण कै बि पार्टी न  उत्ताराखंडो (dau )  विकास नि कार 

कुमाउनी = को ले पार्टी ले उत्तराखंड विकास नि कर हो

Bhishma Kukreti

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              Let Us Learn Garhwali Part- 58 आवा गढवाळी सिखला , फड़की ५८


  (Learn Garhwali, Learn Kumauni, Learn Himalayan Languages, Learn Uttarakhandi Languages)

           Election Scene of Uttarakhand 2012 AD   २०१२औ उत्तराखंड मा चुनौ दृश्य


                                            Bhishm Kukreti

This is the time for election in Uttarakhand.
एबरी उत्तराखंड मा चुनौ मौसम च
The election is for Uttarakhand assembly.
उत्तराखंड मा विधान सभौ बान चुनौ होणा छन
This assembly completed five years.
यीं विधान सभौ न पाँच साल पुरो करिन
At present, there is Bhartiy Janta Party rule in the state.
अबारी सूबा मा भारतीय जनता पार्टी क राज च
There are 76 assembly seats in the state of Uttarakhand
उत्तराखंड सूबा मा ७६ विधान सभा सीट छन
The election will be held on 30th January 2012
चुनौ ३० जनवरी कुणि कण /खुणि  होलू
Bhartiy Janta Party, Indian National Congress parties are main contenders and Bahujan Samaj Party, Samajvadi Party are seems to be stronger in plains of Uttarakhand.
भारतीय जनता पार्टी , भृत्य राष्ट्रीय कोंगेस पार्टी खास दल छन अर इन लगणु च बहुजन समाज पार्टी , समाजवादी पार्टी मैदानी हिस्सों मा ताग्त्वर छन


However, Uttarakhand Kranti Dal, Parivartan Party and a couple of regional parties are also trying to show their presence or worth.
उन त उत्तराखंड क्रांति दल, परिवर्तन पार्टी अर ड्वे एक क्षेत्रीय पार्टी बि अपुण पुन्यात दिखौणो पुट्ठ्याजोर (कोशिश ) लगाणा छन.
 It is very difficult for candidates to do smooth election campaign
प्रत्यास्युं कुण चुनौ प्रचार दुस्स्वारी काम च
Every candidate especially in north Uttarakhand will face harsh winter season
हरेक प्रत्यासी तैं उत्तराखंडऔ उत्तरी भाग मा कठण ह्युन्दो मौसम झेळण पोड़ल
The recent snow fall in Uttarakhand made the woe more worsen for political parties.
बाकी थाकी अचकल्यौ बर्फ़बारी न राजनैतिक दलूं घौउं मा ल़ूण मर्च मलास दे
This time, the speakers will find difficult to get crowd as people will not come out to listen the speeches of leaders especially at evening time.
ए बार, बुलेंदरूं खुणि लोकुं पिपड़कारो (भीड़) अकाळ पोड़ण किलैकि लोकारु न (जड्डू मा) खास करिक स्याम दें नेतौं भाषण सुणणो नी आण
 There is no doubt that there will be snow fall around January end which will make difficult for voters to cast their votes
यां मा क्वी गलत फहमी नी च बल जनवरी अंत मा बर्फन पुड़न अर वोटरूं कुणि वोट दीणो बान भैर औण मुस्किल ह्व़े जालो
God knows! How come Election commission decided the election date for Uttarakhand assembly on 30th January. 
भगवान इ जाणल बल चुनौ आयुक्तन उत्तराखंड विधान सभा चुनौ दिन तीस जनवरी को निर्णय किलै ल़े होलू !



Learn Garhwali, Learn Kumauni, Learn Himalayan Languages, Learn Uttarakhandi Languages to be continued ..part 59
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Samples of Different Dialects of Kumauni Language one of the Indian oldest langauges . Part - 4-5



                 Presented by Bhishm Kukreti on Internet Medium



भाग-४




हिंदी : मैंने स्नान किया

१- पिठौरागढ़-खास की बोली : मैल नाछ

२- गंगोलीहाट की बोली:मैल नाछ

३- बेरीनाग की बोली : मैंलि नांछ

४-अस्कोट की बोली: मैले नयाँ हालिछ

५- थल की बोली :मीले हौड़धोयू

६- लोहाघाट -चम्पावत की बोली : मीले नाछ

७- खासपर्जिया बोली: मैल नाछ

मल्ला ढान्गु ,गंगासलाण ( पौड़ी गढ़वाळ ) की बोली : मि नयाई/नया छौ

मुम्बइया गढ़वाली ; मीन स्नान कौर



भाग ५




हिंदी :वह शहर गया था

१- पिठौरागढ़-खास की बोली :उ बाजार गेछ्यो

२- गंगोलीहाट की बोली: ऊ सहर ग्यो

३- बेरीनाग की बोली :उ शहर ग्यो

४-अस्कोट की बोली:उ बजार झ्यारिथ्यो

५- थल की बोली : ऊ शहर ग्वेछ

६- लोहाघाट -चम्पावत की बोली : उ शहर जारो छ्यो

७- खासपर्जिया बोली: ऊ शहर गोछि



मल्ला ढान्गु ,गंगासलाण ( पौड़ी गढ़वाळ ) की बोली : उ शैर गे/ग्याई छौ

मुम्बइया गढवाळी ; उ शहर गे/ग्याई छौ





Sources

१- पिठौरागढ़-खास की बोली श्री देव चन्द्र चौधरी, पवदेव, पिठौरागढ़ २- गंगोलीहाट की बोली: कु. मुन्नी पंत, पाली , गंगोलीहाट

३-बेरीनाग की बोली: श्री नरेंद्र नाथ पंत , बेरीनाग , श्री जयदेव पंत , बेरीनाग ४-अस्कोट की बोली: दलजीत पाल, खोलीगौं , अस्कोट

५- थल की बोली: श्री गोपीचंद ठाकुर, बरड़ , थल ६- लोहाघाट -चम्पावत की बोली : श्री प्रताप सिंह अधिकारी, लोहाघाट

७- खासपर्जिया बोली: श्रीमती मुन्नी जोशी, मल्ला जोशीखोल़ा, अल्मोड़ा
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Bhishma Kukreti

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              कुमाउंनी और गढ़वाळी में गंध शब्दों में अंतर

 ( आओ ! 'हमसे अया  ना गया,  तुमसे बुलाया ना गया' के भेद को खतम करें )


                       प्रस्तुति - भीष्म कुकरेती 



कुमाउंनी ---------------------------गढ़वाळी------------------------हिंदी अर्थ

चुर्रेनि -------------------------------------चराण/चिराण-------------------पेशाब की गंध

गौंतेनि------------------------------------गौंत्याण------------------------गौ मूत्र की गंध

गुऐनि -------------------------------------गुवाण-------------------------विष्ठा की गंध

पादैनि-------------------------------------पधाण --------------------------अपां वायु की गंध

भुभैनि-------------------------------------भुभराण-------------------------एक विशेष प्रकार की गंध

चुकलैनि---------------------------------खटाण-----------------------------खट्टेपन की गंध

शडैनि------------------------------------शड्याण--------------------------सदे पदार्थ की गंध ( डै  को ड़ऐ  पढ़ें )

पशैनि------------------------------------मोंळाण----------------------------गोबर क़ि या गोबर कि खाद की गंध

बाश ---------------------------------------बाश -----------------------------गंध



 कुमाउंनी व गढ़वाळी में कुछ विशेष अंतर     

   

कुमाउनी में इकारांत अधिक प्रभावी है

गढ़वाली में ओकारांत (हाँ चमोली गढ़वाल की भाषा में जो पिथौरा गढ़ से सम्बंधित रहा है में इकारांत व कुमाउंनी पुट अधिक मिलता है ) अधिक प्रभावी है

गढ़वा ळी में ण अधिक प्रयोग  होता है और जब की कुमाउंनी में नि

दोनों भाषाओँ में छोटी इ की मात्रा की प्रधानता है



सन्दर्भ -डा भवानी ड़ात उप्रेती की पुस्तक, अबोध बंधु की पुस्तक और रमाकांत व बीना बेंजवाल  की पुस्तकें 

Bhishma Kukreti

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Kumaoni Grammar
 Garhwali Grammar
Uttarakhandi Grammar
Nepali Grammar
Grammar of Mid Himalayan Languages

                       मध्य हिमालयी कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -42



Comparative Comparative Study of Kumaoni Grammar,Garhwali Grammar,Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of  Himalayan Languages-Part-42


                             सम्पादन : भीष्म कुकरेती

                         Edited by Bhishm Kukreti 

                                         Kumauni and Garhwali Agriculture Related Words  - 1  

                                          कृषि सम्बन्धित कुमाउंनी  एवम गढ़वाली शब्द- १


हिंदी -----------------------------कुमाउंनी ------------------गढ़वाली

साझा बटोइ  पर--------------------अधेलो -------------------------अधेळ

अकुशल  --------------------------आशिपालु-------------------अयाणु   

लोहार की कार्यशाला------------------आँफर ----------------------  अणसाळ 

हंसिया ---------------------------------आंशि ------------------------दाथी

नमी ------------------------------------आद--------------------------आलि/आलु

मेंड---------------------------------------इचोलो /इचीव--------------मींड

हल का हत्था----------------------------उगौ-------------------------हत्ता/ हतेंडु

लम्बाई में खेत के किनारे --------------ऊंगपूंग --------------------चूंच

जड़ से उखाड़ना -------------------------उपाड़नो/उपाड़ण---------उपाड़ण/उपाड़णो/उपाडन

 भुनी हुई गेंहू की बालें ------------------उमा------------------------ऊमी /ऊम

एकत्रित करना --------------------एक बट्यनो/एक बट्युण-------इकबटोळण/बट्वळण 

लगातार --------------------------एक मल्या-----------------------इखारि

ऊखल -----------------------------ओखल --------------------------उर्ख्यळु/ उर्ख्यळ/उर्ख्याळि   

एक शाक जिसके बीज ---------- ओगल-----------------------------ओगळ

का आटा बनाया जाता है

खेतों में सीमासुच्क पत्थर ------------ओड़ो------------------------वाड/वाडु

चावल के टूटे/कटे छोटे कण/गेंहू ------------कनका ------------------कणखिल/कणखा   

खेती करना ---------------------------कमूनो-------------------------कमाण

छोटा खेत -----------------------------काति /कात्तो----------------क़तर

श्रमिक -------------------------------कामदार --------------------खेत्वाळु

खूंटा ------------------------------किलो-----------------------------कील

मुर्गी -------------------------------कुकड़ो---------------------------कुकड़ो/कुखड़

गुड़ाई में काम आने वाला औजार ---कुट्टी ------------------------ कुटळ /कूटी   

गूल, नहर----------------------------कुलो -------------------------कूल

सिंचाई करना ------------------------कुल्यूनो--------------------कुल्याण

कांटेदार झाड़ियाँ जिन्हें --------------केड़ो------------------------आड़ /आडु 

काट कर जला दिया जाता है

सवाया जैसा अनाज -------------------कौंनो ---------------------कौणि   

     

       

   

   

 

 

सन्दर्भ -

- अबंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)
 

२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)

३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)
 
४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)

५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)
 
६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali hindi Dictionary )

७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत
 
८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत

९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ
 
१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)

११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)
 
१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९

 

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Kumaoni Grammar
 Garhwali Grammar
Uttarakhandi Grammar
Nepali Grammar
Grammar of Mid Himalayan Languages
मध्य हिमालयी कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -43

Comparative Comparative Study of Kumaoni Grammar,Garhwali Grammar,Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of Himalayan Languages-Part-43


                सम्पादन : भीष्म कुकरेती

                 Edited by Bhishm Kukreti

 



                      Kumauni and Garhwali Agriculture Related Words - 2 

हिंदी ---------------------------कुमाउंनी ----------------------------गढ़वाली


खोदना -------------------------खणनो/खड़ण -----------------------खणन 

आँगन/ खलिहान -----------------------खलो/खच --------------------------चौक/खल्याण

ढेर ---------------------------------------खात--------------------------------ढेरि 

फसल ------------------------------------खेति---------------------------------खेति /खेति-पाति

कान्जिघर  ---------------------------------खोड़---------------------------------- खोड़ (पशुओं को बाँधने का बाड़ा ) 

अनाज रखने का पात्र विशेष --------------गड़ेलि---------------------------------दबल ( बांस का बड़ा पात्र)  , पितक (मालू का पात्र)

--------------------------------------------------------------------------------------खुई  (बीज रखने का रिंगाल से बना पात्र)

घास /चारे का बोझ--------------------------गढालो ------------------------------गडोळा /गडोळि (छोटा गट्ठर ), बिठक (बड़ा गट्ठर )

गेंहू ---------------------------------------ग्यूं-----------------------------------------ग्यूं

गेंहू के खेत -------------------------------ग्युंवड़ -----------------------------------ग्युंवड़

अनाज के दाने -----------------------------गुदा -------------------------------------(समयानुसार बदल जाते हैं - अनाज /दाण/बीज

गोड़ना---------------------------------------गोड़नो-----------------------------------गुडण     

एक बार की समाविष्टि ------------------घांत ----------------------------------------घत

चने ---------------------------------------चान्नौ/चाण ------------------------------चणा , चाणा   

भूसा --------------------------------------चिलौ -------------------गढ़वाली में बीज निकालने के बाद का गेंहूजौ की डंठल को चिलौ और 

------------------------------------------------------------------------------------------भूसे को बूस/बूसू

दोपहर ------------------------------------छकाल ------------------------------------   दुफरा

बीज डालना -------------------------------छड़नो/छड़ण -------------------------------बूण 

हल जोतना -------------------------------------जोतनो/जोतण-------------------------जुतण

जौ की फसल वाला  खेत -----------------------जंवाडि (ड़ पढ़ें )------------------------जौवड़ /जवड़

कांटेदार झाडी -----------------------------झिकोड़ो (एक अर्थ झगड़ा भी)---------गढ़वाली में झिंकड़ झाड़ीदार पेड के भाग को कहते हैं 

---------------------------------------------------------------------------------------अधिकतर चचिंडा /ककड़ी /तोरी के बेलों को चढाने हेतु झिंकड़ इस्तेमाल होते हैं

कांटेदार पौधे जो खेत में उगते हैं ---------झिपा-------------------------------------कांडु  बुट्या

   

         



सन्दर्भ -

- अबंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)


२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)

३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)

४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)

५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)

६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali hindi Dictionary )

७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत

८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत

९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ

१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)

११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)

१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९

 

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Kumaoni Grammar

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Uttarakhandi Grammar

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                       मध्य हिमालयी कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -44



Comparative Comparative Study of Kumaoni Grammar,Garhwali Grammar,Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of Himalayan Languages-Part-44
 
 

                                               सम्पादन : भीष्म कुकरेती
 

                                              Edited by Bhishm Kukreti
                 
 

 

                         कुमाउंनी और गढ़वाळी शब्दों में समानता और वैशिष्ठ्य -भाग- 5
 
                      Kumauni and Garhwali Agriculture Related Words - 3 

 

  हिंदी ----------------------------कुमाउंनी ----------------------- गढ़वाली

टांका वाली  मरम्मत -------------टांको ------------------------टांको

तोड़ना/अनाज की बालें तोड़ना ----टिपनो/टिपण--------------गढ़वाली में 'टिपण' माने  नीचे से छोटी छोटी चीज /दाने आदि   उठाना 

 ---------------------------------------------------------------- तोड़ने को  तुड़ण कहते हैं   
 
अनाज में अखाद्य पदार्थ -----------टुणो---------------------बीं (जैसे चावल/झंगोरा में से बीं बिवंन)

ककड़ी आदि लताओं

के सहारे वाली लकड़ी की शाखा -------ठाञगोरो  --------------- ठाञगरो/झिंकड़   
 
उपल/ओले ---------------------------डाल--------??--------- गढ़वाली में उपलों  को गुपळ और ओलों को ढाञड  कहते हैं

पत्थर ------------------------------ढुंगड़ा/ढुंग------------------- ढुंग/ढुंगु

तिनका ------------------------------तिनोड़ो-------------------तिन्दरा /तिन्दरु 
 
चौड़ाई में खेत के किनारे ------------तीर-नीश----------------ढीस/ ढीस्वाळ/-तिरवाळ/ मुळथौण

प्यास ---------------------------------तीश ---------------------तीस

शीघ्र  ----------------------------------तुरौड़ी---------------चौड़ 
 
हंसिया --------------------------दान्तुल/दान्तुव-----------दथुड़ी/दाथुडि/ दथुड़/दाथी

 छेद ------------------------------दुलो ---------------------दुंळ   

बादल -----------------------------द्यौ ---------------------बदळ /बद्दळ
 
पानी की धारा--------------------धारो ----------------------धार

 /गढवाली में स्रोत्र से पानी गिरने वाले माध्यम /पन्देरा को धरड़ /धार कहते हैं 

गेंहू आदि के   बाल बिहीन डंठल

जो चारे का  काम आता है------------नलौ/नलु ------------ नळौ   
 
लगभग एक सेर की मात्रा नाप  ------नालि-----------------नाळि/नाळी 

निराई करना ---------------------------नेल्नो---------------नेळण/न्यळण       

                   

 सन्दर्भ -
- अबंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)


२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)
 
३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)

४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)
 
५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)

६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali hindi Dictionary )
 
७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत

८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत
 
९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ

१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)
 
११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)

१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९
 


Comparative Study of Kumauni Grammar , Garhwali Grammar and Nepali Grammar (Grammar of , Mid Himalayan Languages ) to be continued ........

 . @ मध्य हिमालयी भाषा संरक्षण समिति

 

 

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