Author Topic: TRANSLATION OF KUMAONI-GARWALI LANGUAGE - कुमाऊंनी गढ़वाली भाषा का अनुवाद  (Read 307516 times)

Bhishma Kukreti

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मध्य हिमालयी कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -45

Comparative Comparative Study of Kumaoni Grammar,Garhwali Grammar,Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of Himalayan Languages-Part-45
 

                                                      सम्पादन : भीष्म कुकरेती


                                      Edited by Bhishm Kukreti
 



                          कुमाउंनी और गढ़वाळी शब्दों में समानता और वैशिष्ठ्य -भाग- 6

                          Kumauni and Garhwali Agriculture Related Words - 4 


हिंदी ------------------------कुमाउंनी ------------------------गढ़वाली

खाद -------------------------परशो /पोश --------------------मोंsळ

पुआल -----------------------पराल /पराव -----------------पराळ

उसतरफ ---------------------पच्याला ---------------------उनै

धान कूटने के पर निकला

पशुओं  का चारा  ----------------पिठो--------------------बूसू (भूसा )

अनाज रखने का पात्र---------------पुतकी ---------------

जो मालू के पत्तों  से बनता है -------पुतकी------------------पितकी/पितक

 जो बांस /भेंवळ/मिटटी  से बनता है --??  -------------------पथ्वड़/पथोड़ी

गट्ठर ------------------------------   पुलों --------------------पूळ

लौटना -----------------------------फरकण /फर्कनो-------- फरकण  (गढ़वाली में उलटने से तात्पर्य

------------------------------------------------------------------व चलने में लौटने के लिए 'बौड़ण'

हल में लगने वाला लोहे का फल ----फालो ----------------??

---------------------------------------------------------------निसुड़ पर लगने वाला लोहे को 'बंदळ' कहते हैं   

फैलाना (खाद  आदि) ---------------फिजनो/फिजण --------फुळण

खोलना -------------------------फूनों --------------------------खुलण

फड़वा  --------------------------फौड़ो --------------------------फाळु   

सन्दर्भ -
- अबंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)


२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)

३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)

४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)

५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)

६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali hindi Dictionary )

७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत

८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत

९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ

१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)

११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)

१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९

13- Notes of Dr Achla Nand Jakhmola on Frammar book by Dr Bhavani Datt Upreti



Comparative Study of Kumauni Grammar , Garhwali Grammar and Nepali Grammar (Grammar of , Mid Himalayan Languages ) to be continued ........

. @ मध्य हिमालयी भाषा संरक्षण समिति

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  मध्य हिमालयी कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -47

  Comparative Comparative Study of Kumaoni Grammar,Garhwali Grammar,Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of Himalayan Languages-Part-47

 

                                                             सम्पादन : भीष्म कुकरेती


                                                Edited by Bhishm Kukreti

 



                              कुमाउंनी और गढ़वाळी शब्दों में समानता और वैशिष्ठ्य -भाग- 8

                            Kumauni and Garhwali Agriculture Related Words - 6


हिंदी --------------------------------कुमाउंनी -----------------------गढ़वाली

अनाज को पौधों से अलग

करने के बाद  बचा वशेष

जिसमे कुछ अन्न भी बचा रहता है --भूडा ------------------------??

मूषा  -----------------------------------मूश ---------------------------मूस

अनाज को पुआल से अलग करना ----माणनॉ-----------------  मांडण

नाली के नाप का ----------------------मानो /माणो ----------------माणु

उड़द ------------------------------------मांश ------------------------उड़द

मुट्ठी की नाप -------------------------मुट्ठी -------------------------मुट्ठी

शुरुवात -------------------------------मैशो-------------------------मिसाण/पवाण लगाण

मोल (बैलो के  मुहं पर लगाये जाने वाला ) -मोल/म्वाल  ------------------म्वाळ   

वर्षा में सिर पर ओढ़ने वाला

मालू/बांस से बना उपकरण ---------मौंनो ----------------------------मुणक/मुणकि 

सुखा मौसम --------------------------रूड़ -----------------------------रुडि

रोपाई --------------------------------रोपै -----------------------------रूपणि /रोपै

बरसाती नाला -----------------------रौड़ो-----------------------------रौड़  (रौड़ का दूसरा अर्थ भूतकाल में  फिसलना भी है )

पशुओं द्वारा फसल चरना----------वलान/शर -----------------------------उज्याड़ खाण   

संभलना-----------------------------शपड़तो----------------------------- संबाळण 

एक जगह से दूसरी

जगह ल़े जाना----------------------शारनो/शारण--------------------------सरण /सारण 

तिनका -------------------------------शिन्को/शिणुक----------------------सिणुक /सिणिकि 

छीमी --------------------------- -------शिमि -----------------------------छीमि

कीचड़ वाली जगह --------------------शिमार  -------------------------सिमलु/सिमार/ सीमंद

भुने धान से निकले चावल--------------शिरौला -----------------------चूड़ा

सींग -------------------------------------शींग --------------------------सिंग

सूप  ---------------------------------------सुप्पो -----------------------सुप्प /सुप्पो

छाया----------------------------------------शेल /श्योव -----------------छैल /छैलू

बेंत से मारना -----------------------------शोट्ट्यूनों /शोट्युण  ----------सूटक्याण /चुटण   

काई---------------------------------------श्यांलो--------------------------सिंवळ 

हांकना ------------------------------------ हकूनो/हकूण -----------------हकाण 

वर्फ---------------------------------------ह्यूं --------------------------ह्यूं

हलवाहा -----------------------------------हलिया/हइया -------------हळया 

हल - ---------------------------------------हलो/हव -----------------हौळ   

सन्दर्भ -
1- अबंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)


२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)

३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)

४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)

५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)

६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali hindi Dictionary )

७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत

८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत

९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ

१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)

११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)

१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९

13- Notes of Dr Achla Nand Jakhmola on Grammar book by Dr Bhavani Datt Upreti



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मध्य हिमालयी कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -48

Comparative Comparative Study of Kumaoni Grammar,Garhwali Grammar,Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of Himalayan Languages-Part-48

 

                                             सम्पादन : भीष्म कुकरेती


                                           Edited by Bhishm Kukreti

 



                कुमाउंनी और गढ़वाळी शब्दों में समानता और वैशिष्ठ्य -भाग- ९

                   घर सम्बन्धी शब्दावली



           

हिंदी --------------------------------कुमाउंनी -----------------------गढ़वाली

श्रृंखला --------------------------------शांगलो/शान्गोव

सीढियां --------------------------------खुटकुनो/खुटकण -----------सीडि

देहरी -----------------------------------देलि  -------------------------देळि   

दरवाजे का चौखटा -------------------मोल ---------------------------म्वsर /म्वार

बैठने के लिए बना

चौड़ा स्थान --------------------------चौथार ------------------------चौंतरा

दीवार -----------------------------------शै ---------------------------दिवाल/दिवलि

बल्ली -----------------------------------भरानो ---------------------बौळि 

गौशाला ---------------------------------गोठ /छन -----------------छन /शनि /शन

------------------------------------------गढ़वाली में गोठ= जब पशुओं को खेतों में रखा जाता है

गोठ के ऊपर वाली मंजिल --------------मंज्याल-----------------मंज्यूळ 

मंजिल के ऊपर की मंजिल ----------------पाड़-------------------तिपुर 

छतों के  स्लेटी पत्थर-------------------पाथर ---------------------पथर

आँगन के चारों की दीवार--------------भीड़ -----------------------भीड़

खलियान -------------------------------खलो /खव----------------खल्याण   

घर के पीछे का स्थान ------------------कर्यडि -------------------कुलण/कुलिण   

छत की प्रमुख लकड़ी ------------------घूर ------------------------पसूण

 

सन्दर्भ -
1- अबंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)


२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)

३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)

४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)

५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)

६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali hindi Dictionary )

७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत

८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत

९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ

१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)

११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)

१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९

13- Notes of Dr Achla Nand Jakhmola on Grammar book by Dr Bhavani Datt Upreti



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मध्य हिमालयी कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -49

Comparative ComparativeStudy of Kumaoni Grammar,GarhwaliGrammar,Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of Himalayan Languages-Part-49
 
                                              सम्पादन : भीष्म कुकरेती
                                  Edited by Bhishm Kukreti

                                             कुमाउंनी और गढ़वाळी शब्दों में समानता और वैशिष्ठ्य -भाग- 10                     

                          भोज्य पदार्थ

हिंदी -------------------------------------कुमाउंनी -------------------------गढ़वाली

पतला भोजन जो दालों खासकर गहथों

 को भिगाकर पीसकर बनाया जाता है -- फाणो/फाण  ------------------फाणु

 भट्ट नामक  की पदार्थ से बना खाद्य ------भट्ट्या----------------------भट्वणि 

कढ़ी (बिन मसाले, नमक आदि का) --------पल्यौ----------------------पळयौ

कढ़ी (मसलादी मिलकर )-------------------झोली --------------------झुळि 

चावल पीसकर या  आटे का मिश्रण 

झोंळी/ साग बनाने हेतु प्रयुक्त ------------बिश्वार-------------------आलण 

सुखा साग या शिकार ----------------------- भुटवा------------------  भुटवा

अरबी ----------------------------------------पिणौ/पिनालू-----------पिंडळु



सन्दर्भ-

1- अबंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)
 
२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)
 
३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)
 
४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)
 
५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)
 
६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali hindi Dictionary )
 
७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत
 
८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत
 
९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ
 
१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)
 
११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)
 
१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९
 
13- Notes of Dr Achla Nand Jakhmola on Grammar book by Dr Bhavani Datt Upreti

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Kumaoni Grammar,Garhwali Grammar,Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of Himalayan Languages-Part-50

                          कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -50

 

                                                            सम्पादन : भीष्म कुकरेती

                                Edited by Bhishm Kukreti


                                        कुमाउंनी और गढ़वाळी शब्दों में समानता और वैशिष्ठ्य -भाग- 11


                                कुमाउंनी और गढ़वाली में क्रायक अंग 


हिंदी -------------------------------------कुमाउंनी -------------------------गढ़वाली

मुख के अन्दर का भाग -----------------खाप ------------------------------गिच्चु , मुख भितर , खबाड़/खब्वड़   

मुख ---------------------------------------मुख ------------------------------मूक

मुख का वह भाग जो होंठों से युक्त है -----थोल --------------------------थुबड़/थोबडु /थोबड

पैर -------------------------------------------खुट्टा /खुट-----------------------खुट्टा /खुट   

पिंडलियाँ -------------------------------------गोद/नल्यो----------------------फिफन

बांह --------------------------------------------पांखुड़   ----------------------बौंळ  /बौंळा  /बौंळु

आंतें -------------------------------------------अनाड़---------------------------अंदड़ 

हड्डियां -----------------------------------------भांटी ------------------------हडक  /हडका

हड्डी ----------------------------------------------हांड़ -------------------------हाड

 

                             कुमाउंनी और गढ़वाली में अंग क्रियाएं

  हिंदी -------------------------------------कुमाउंनी -------------------------गढ़वाली 

  छींक ------------------------------------छिय्याँ /छीं -----------------------छींक/छिंकण 

स्फुरण --------------------------------------फुरनो/फुरण --------------------कंपण

एक प्रकार की कंपकंपी-----------------------जकुरनो/जकुरण ---------------- कंपण

नासिका स्राव --------------------------------शिकान----------------------------सीम्प /सिंघान

कफ्फ ------------------------------------------खंकार ----------------------------खंकार

कान का मैल  ----------------------------------कनगु ------------------------------कनsगू   

दांतों का खट्टा होना ----------------------------कुणीनो ---------------------------दांत सिल्याण   

                               


सन्दर्भ-

1- अबंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)

२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)

३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)

४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)

५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)

६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali hindi Dictionary )

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९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ

१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)

११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)

१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९

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Kumaoni Grammar,Garhwali Grammar,Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of Himalayan Languages-Part-51

                                     कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -51



                                                                  सम्पादन : भीष्म कुकरेती

                                               
                                Edited by Bhishm Kukreti



                                              कुमाउंनी और गढ़वाळी शब्दों में समानता और वैशिष्ठ्य -भाग- 12



                                                          कुमाउंनी और गढ़वाली में घरेलु वर्तन

 

 

हिंदी -------------------------------------कुमाउंनी -------------------------गढ़वाली
 कटोरा ----------------------------------ब्याला -----------------------------कट्वर, कटोरा , कटोरी , कट्वरि 

भदेली-----------------------------------जाम ---------------------------------भदेली

कढाई ------------------------------------कढ़े  (ऐ  पढ़ें )  -----------------------   कढ़े (ऐ पढ़ें )

बड़ा गहरा चम्मच ------------------------------डाडु ----------------------------------डाडु

करछी --------------------------------------पंड्योऊलो (औ ) ---------------------------कड़छुल/कड़छि/करछी   

ताम्बे की गगरी ------------------------------फौन्लो -----------------------------गागर

ताम्बे/धातु की छोटी  गगरी ------------------कुम्भि-----------------------------तमोळी   

लोटा ------------------------------------------किशिणि/घंटि--------------------लुट्या/घंटि

  लोटे के आकार का पात्र ---------------------गडुवा ---------------------------गडुवा  (दोनो में ड़ पढ़ें )

 दाल बनाने का कांसे का पात्र ---------------भडडू ---------------------------भडडू



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1- अबंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)

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३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)

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५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)

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                              कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -52



                                                       सम्पादन : भीष्म कुकरेती

                              Edited by Bhishm Kukreti



                                               कुमाउंनी और गढ़वाळी शब्दों में समानता और वैशिष्ठ्य -भाग- 13

           

                                                  वस्त्र -नामों में समानता व वैशिष्ठ्य

हिंदी -------------------------------------कुमाउंनी -------------------------गढ़वाली   

अंगरखा ----------------------------------अंगोड़ो/आंगोड़--------------------अंगुड़

लंहगा -------------------------------------घागरि/घागोर ---------------------घगुर/घगरि

वास्कट ----------------------------------भोट्टि/भोटि-------------------------फत्वी

धोती ---------------------------------------धोति ------------------------------धोति/धुतड़ा 

पैजामा --------------------------------------शुरवाल------------------------------सुलार

कंधे से लेकर नीचे तक

पहना जाने वाला लडकों का पहनावा -------------संतराश----------------------संतराज

फ्राक --------------------------------------------झगुलि--------------------------- झगुलि 

जनेऊ ------------------------------------------जने --------------------------------जंद्यौ         

                 


सन्दर्भ-

1- अबंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)

२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)

३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)

४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)

५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)

६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali hindi Dictionary )

७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत

८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत

९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ

१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)

११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)

१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९

13- Notes of Dr Achla Nand Jakhmola on Grammar book by Dr Bhavani Datt Upreti

Kumaoni Grammar,Garhwali Grammar,Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of Himalayan Languages to be continued .....

Bhishma Kukreti

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   Kumaoni Grammar,Garhwali Grammar,Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of Himalayan Languages-Part-53
 

                       कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -53



                                                                        सम्पादन : भीष्म कुकरेती


                                        Edited by Bhishm Kukreti



                                   कुमाउंनी और गढ़वाळी शब्दों में समानता और वैशिष्ठ्य -भाग- 14


                   

                                        आभूषण नामों में   समानता और वैशिष्ठ्य           




हिंदी -------------------------------------कुमाउंनी -------------------------गढ़वाली

हंसुली ------------------------------------सुत्ती /सुत-----------------------खग्वळि 

पैरो का चांदी  का बजने वाला आभूषण -- झांवर --------------------------झंवरि

हाथ का कड़ा जैसा आभूषण ----------------धागुलो -----------------------धगुल/धगुलि /धागुलो

हाथ का एक आभूषण -------------------------पौंछि ------------------------पौंछि

करघनी -----------------------------------------कमर-ज्योडि

नथ ---------------------------------------------नत्थ /नथ -------------------नथुलि

नासिका  का आभूषण ------------------------बुलाक -------------------------बुलाक

अंगूठी ----------------------------------------अंगूठी ---------------------------अंगूठी



सन्दर्भ-

1- अबंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)

२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)

३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)

४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)

५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)

६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali hindi Dictionary )

७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत

८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत

९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ

१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)

११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)

१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९

13- Notes of Dr Achla Nand Jakhmola on Grammar book by Dr Bhavani Datt Upreti

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                                        कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -54



                                                                                                    सम्पादन : भीष्म कुकरेती
 
                                                       Edited by Bhishm Kukreti

 

 

                                                                   कुमाउंनी और गढ़वाळी शब्दों में समानता और वैशिष्ठ्य -भाग- 15
 


 

 

 

                                                                                         

                                          कुमाउंनी और गढ़वाळी में संस्कृत तत्सम रूप 

दोनों भाषाओँ में कुछ संस्कृत शब्द तत्सम रूप  में ही मिलते हैं - जैसे

अन्न, अति, अर्थ , इति, इष्ट , इश्वर, उद्धार, उत्पात, उदय, एकांत, क्रम, कंठ, काल, कुल, गीत,
 
गोत्र, गति, जन, तप, दुष्ट, दैव, धार, नाग, नाम, प्रबध, प्रेम, पाल, मौन, मृत्यु, ज्ञान आड़.

 

                                    कुमाउंनी और गढ़वाळी में संस्कृत तद्भव रूप

 
 
संस्कृत  -------------------------------------कुमाउंनी -------------------------गढ़वाली   

अक्षोट ---------------------------------------अखरोट ----------------------------अखरोट

अर्गला ---------------------------------------आगोलो
 
अंकमाल --------------------------------------अंग्वाल ---------------------------अंग्वाळ

कल्यवर्त----------------------------------------कल्यौ ---------------------------कल्यौ

कुक्षि----------------------------------------------कोख --------------------------कोख

गोष्ठ-----------------------------------------------गोठ --------------------------गोठ

गोमूत्र ---------------------------------------------गौंत ---------------------------गौंत

गोस्वामी ------------------------------------------गुशें ------------------------------गुशें  (आई की मात्रा)
 
ग्राहक ----------------------------------------------गहाक  --------------------------गाक /गाहक

तुम्ब ------------------------------------------------तुमोड़ो----------------------------तुमुड़ 

तप्त -----------------------------------------------तातो -------------------------------तातो

तिथि ------------------------------------------------तीथ -------------------------------तिथि

तृषा --------------------------------------------------तीश --------------------------------तीस

दर्भ --------------------------------------------------दाबो
 
देहली ----------------------------------------------देलि --------------------------------देळि 

नतहिं---------------------------------------------नंतर

पक्ष -----------------------------------------------पाखो ---------------------------------पाखो

मुद्गरी -------------------------------------------मुंगोरो--------------------------------मुंगुर 

नाल --------------------------------------------------नलौ-----------------------------नळौ   

लिक्षा ---------------------------------------------लिखा -----------------------------लिखल

वलिवर्द-------------------------------------------बल्द ----------------------------------बल्द

     

 

 सन्दर्भ-
1- अबंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)
 
२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)
 
३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)
 
४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)
 
५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)
 
६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali hindi Dictionary )
 
७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत
 
८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत
 
९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ
 
१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)
 
११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)
 
१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९
 
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                                     कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -55



                                                              सम्पादन : भीष्म कुकरेती

                                              Edited by Bhishm Kukreti

 



                                             कुमाउंनी और गढ़वाळी शब्दों में समानता और वैशिष्ठ्य -भाग- 16


                                                        कुमाउंनी व गढ़वाली में कारक भेद

कारक ----------------------------------गढ़वाली ---------------------कुमाउंनी -----------------------हिंदी

कर्ता -------------------------------- न, ल-----------------------------ले -------------------------------ने

कर्म------------------------------  सणि, कु, को, कुणि ---------------कणि,कन, कैं , श -------------को

करण ------------------------------तै, न , से  ,   ----------------------ले, पिति, कयल, कयां---------से, द्वारा

 सम्प्रदान ----------------------खुण, कुण, सणि, कू -----------हीं, हिन, हूँ , हुणि, खीं , खिन, लिज्या -------------के लिए

अपादान --------------------------ते, बिटेन , बटि----------------------हैं,बटि , बटे, बै ------------------ से

सम्बन्ध -------------------------को, क, का, कि------------------------को, का, कि -------------------का, के, की

अधिकरण -------------------------मां , पर, तलक ----------------------में, माझ ----------------------में, पर   

सन्दर्भ-


1- अबंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)

२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)

३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)

४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)

५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)

६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali hindi Dictionary )

७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत

८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत

९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ

१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)

११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)

१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९

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