सात फेरे या सात का फेर (Saat Fere ya saat kaa fer)
सूर्य के सात रथ, प्रकाश के सात रंग, सुर मैं सात सुर, सा, रे, गा, मा, पा, धा, नी यानी षड़ज, ऋषभ, गंधार, मध्यम, पंचम, धैवत तथा निषाद; सात लोक - भु, भुव:,स्व; मह:, जन, तप और सत्य. सात पाताल - अतल, वितल, सुतल, तलातल, महातल, रसातल और पाताल. सात द्वीप, सात समुंद्र; सात पदार्थ - गोरोचन, चन्दन, स्वर्ण, शंख, मृदंग, दर्पण और मणि; सात क्रियाएँ - शोच, मुखसुद्धि,स्नान, ध्यान, भोजन, भजन, तथा निद्रा. सात जनों - ईश्वर माता, पिता, गुरु, सूर्य, अग्नि, तथा अतिथि का सम्मान के साथ-साथ विकारों - ईर्ष्या, क्रो़ध, मोह, द्वेष, लोभ, घ्रणा कुविचार; सात प्रकार के स्नान - मंत्र स्नान, भौम स्नान, अग्नि स्नान, वापव्य स्नान, दिव्य स्नान, करुणा स्नान और मानसिक स्नान; सात फेरे, सात वचन. सात फेरे लेकर वर वधु कामना करते हैं कि हमें हमेशा सात ऋषियों - मरीची, अंगिरा, अत्री, पुलह, केतु, पौलस्त्य और वशिस्ठ इनका आशीर्वाद मिलता रहे
दुनिया की २१ धरोहरों मैं सात अजूबों का सरताज ताज महल को शीर्ष स्थान मैं पाकर दुनिया मैं भारतवासियों का सर गर्व से ऊँचा हुवा है दिनांक ७-७-७ को दुनियोँ के इतिहास मैं हमेशा याद रखा जाएगा वैसे भी भारतीय कलेंडर के मुताबिक ७ तारीख को सप्तमी तिथि थी तथा सप्ताह का सातवां दिन शनिवार था सात के अंक की महत्ता है कि सात हवन सामग्री अग्निदेव को समर्पित कर अग्नि के सात फेरे लेकर , सात बचनों की प्रतिज्ञा कर युगल जोड़ी सात जन्मों के लिए पति-पत्नी के रूप मैं एक हो जाती है सात सितारे, सप्तरिशी, सात महासमुद्र, सात महाद्वीप, सात आसमान, सात महापर्वत, सात पवित्र नदियाँ, सूर्य भगवान के सात अस्व, सात महाग्रंथ, सात प्रहार, सात दिन का सप्ताह, ज्योतिष के सात ग्रह, सतरंगी इन्द्रधनुष, सात सुर, सात रंग, सात पुश्त, सात की महत्ता एवं गरिमा को प्रदर्शित करते हैं. वैसे सात का फेर भी होता है लकी सेवन सात का अंक भारतावंशियोँ के लिए शौभाग्यशाली रहा, इसमें संदेह नहीं (D.N.Barola)