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House Wood carving Art /Ornamentation Uttarakhand ; उत्तराखंड में भवन काष्ठ कल

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Bhishma Kukreti:
 

कांडी  ( पौड़ी गढ़वाल ) के एक भवन में काष्ठ कला

    Tibari, Traditional  House Wood Art in House of Kandi   , Pauri Garhwal       

गढ़वाल, के  भवनों  (तिबारी,निमदारी,जंगलेदार मकान,,,खोली ,मोरी,कोटिबनाल ) में  गढवाली  शैली   की  काष्ठ कला अलंकरण,  उत्कीर्णन , अंकन -५८३

 

 संकलन - भीष्म कुकरेती   

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कांडी  (पौड़ी गढ़वाल ) का प्रस्तुत भवन संभवतया होम स्टे है।  भवन दूपुर -दुखंड है।  भवन के तल मंजिल में काष्ठ कला सामन्य ही है।  कांडी  (पौड़ी गढ़वाल ) भवन के  पहले मंजिल में बालकोनी पर जंगला बंधा है।  जंगला शानदार है व चौदह से अधिक स्तम्भ जंगले  में हैं।  प्रत्येक स्तम्भ सपाट कटान हैं और आधार में दोनों ओर पतले तख्तियां चिपकाये हैं व ऐसा लगता है कि स्तम्भ आधार में मोटे  हैं।  आधार पर रेलिंग हैं व रेलिंग के मध्य लघु सपाट उप स्तम्भ लगे हैं। 

भवन जंगले व स्तम्भ हिसाब से शानदार है।  भवन की काष्ठ कला में ज्यामितीय कला ही दृष्टिगोचर हो रही है जैसे आम गढ़वाली जंगलों में मिलता है। 

सूचना व फोटो आभार: ग्रीन पीपल

यह लेख  भवन  कला संबंधित  है . भौगोलिक स्थिति व  मालिकाना   जानकारी  श्रुति से मिलती है अत: यथास्थिति में अंतर हो सकता है जिसके लिए  सूचना  दाता व  संकलन कर्ता  उत्तरदायी  नही हैं .

Copyright @ Bhishma Kukreti, 2021

गढ़वाल,  कुमाऊँ , उत्तराखंड , हिमालय की भवन  (तिबारी, निमदारी , जंगलादार  मकान ,बाखली ,  बाखई, कोटि बनाल  ) काष्ठ  कला अंकन नक्काशी श्रृंखला  जारी रहेगी   -

Bhishma Kukreti:
      ललथु (चंद्रवदनी,  टिहरी )  के   भवन में पारम्परिक गढवाली शैली की काष्ठ  कला, अलकंरण, उत्कीर्णन, अंकन

Traditional House Wood Carving Art of, Lalthu  Tehri   
गढ़वाल, कुमाऊँ,  भवनों (तिबारी, जंगलेदार निमदारी, बाखली, खोली, मोरी, कोटिबनाल ) में  गढवाली शैली की काष्ठ  कला, अलकंरण, उत्कीर्णन, अंकन- 584 

संकलन - भीष्म कुकरेती 
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ललथु  (चनद्रवदनी , टिहरी )  का  प्रस्तुत भवन की तिबारी वास्तव में गढ़वाली भवन तिबारियों की प्रतिनिधि तिबारी है। 
ललथु  (चनद्रवदनी , टिहरी )  का  प्रस्तुत भवन दुपुर व दुखंड है। छायाचित्र में पहले तल में तिबारी ही दृष्टिगोचर हो रही है।  ललथु  (चनद्रवदनी , टिहरी )  का  प्रस्तुत भवन की तिबारी चार सिंगाड़ों (स्तम्भों ) की तिबारी है।  सभी सिंगाड़ (स्तम्भ ) एक जैसे हैं। 
आधार में स्तम्भ में अधोगामी पद्म पुष्प दल से निर्मित कुम्भी  , ऊपर ड्यूल व ऊपर उर्घ्वगामी पद्म पुष्प दल से निर्मित कुम्भी है।  यहां से स्तम्भ लौकी आकर ले ऊपर बढ़ता है।  जब आकार सबसे कम मोटा होता है तभी फिर कमल दल से निर्मित कुम्भियाँ अलग रुप में अवतरित होते दीखते हैं।  यहां से स्तम्भ थांत (क्रिकेट बात जैसा आकार ) ले ऊपर मुरिन्ड /मथिण्ड /header से मिलता है।  यहीं से तोरणम भी शुरू होता है।  तोरणम के स्कन्धों में सूरजमुखी पुष्प, बेलबूटे  व  आध्यात्मिक जानवर (?) जैसे कुछ आकृतियां दृष्टिगोचर होते हैं। 
ललथु  (चनद्रवदनी , टिहरी )  का  प्रस्तुत भवन  की तिबारी के शीर्ष के ऊपर छत आधार से दीवालगीर लटके दीख रहे हैं।  दीवालगीर आध्यात्मिक छवि वाले हैं। 
निष्कर्ष निकलता है कि ललथु  (चनद्रवदनी , टिहरी )  का  प्रस्तुत भवन में ज्यामितीय , प्राकृतिक व मानवीय अलंकरण कृत अंकन हुआ है।  कला उत्कृष्ट है। 

  सूचना व फोटो आभार: जगमोहन जयाड़ा     
यह आलेख कला संबंधित है , मिलकियत संबंधी नही है I   भौगोलिक स्तिथि और व भागीदारों  के नामों में त्रुटि   संभव है I 
Copyright @ Bhishma Kukreti, 2021
गढ़वाल, कुमाऊं , देहरादून , हरिद्वार ,  उत्तराखंड  , हिमालय की पारम्परिक भवन  (तिबारी, जंगलेदार निमदारी  , बाखली , खोली , मोरी कोटि बनाल ) काष्ठ  कला  , अलकंरण , अंकन लोक कला  घनसाली तहसील  टिहरी गढवाल  में   पारम्परिक भवन काष्ठ कला  ;  टिहरी तहसील  टिहरी गढवाल  में  भवन काष्ठ कला , ;   धनौल्टी,   टिहरी गढवाल  में  पारम्परिक  भवन काष्ठ कला, लकड़ी नक्काशी ;   जाखणी  तहसील  टिहरी गढवाल  में  भवन काष्ठ कला;   प्रताप  नगर तहसील  टिहरी गढवाल  में  भवन काष्ठ कला, नक्काशी ;   देव प्रयाग    तहसील  टिहरी गढवाल  में  भवन काष्ठ कला, ; Traditional House Wood carving Art from  Tehri

Bhishma Kukreti:
उखीमठ ( रुद्रप्रायग ) में एक भवन में काष्ठ कला अलंकरण उत्कीर्णन  अंकन

Traditional House wood Carving Art of Rudraprayag         : 

गढ़वाल, कुमाऊँ के भवन (तिबारी, निमदारी, बाखली,जंगलेदार  मकान, खोलियों ) में  काष्ठ कला अलंकरण उत्कीर्णन  अंकन,- 585 

 

 गढवाली शैली की

 

 संकलन - भीष्म कुकरेती

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 रुद्रप्रयाग से अच्छी संख्या में  काष्ठ युक्त भवनों की सुचना मिलती रही है। 

प्रस्तुत उखीमठ का  भवन  दो तिबारी युक्त भवन है जो विशेष समय में यह भवन यादगार भवनों में गिना जाता था। 

भवन दुपुर व दुखंड है।  तल मंजिल में काष्ठ कला दृष्टि से  सपाट कटान के अतिरिक्त कोई विशेष कला नहीं दिखती।  भवन के पहले मंजिल में दो आम गढ़वाली तिबारियां एक दुसरे से सटी हैं और भवन को विशेष बना देती हैं।  दोनों तिबारियां चार चार सिंगाड़ों (स्तम्भों ) से निर्मित हुयी हैं। 

भवन की एक तबारी में  स्तम्भ चौखट हैं व बहुत सी जगह ऐसी तिबारी निमदारी कहलायी जाती है।  दूसरी तिबारी के स्तम्भ गढ़वाली तिबारी का प्रतिनिधित्व करती है अर्थात स्तम्भ आधार में अधोगामी कमल दल , ड्यूल व ऊपर उर्घ्वगामी पद्म पुष्प से कुम्भी बनी है।  व इसके ऊपर भी यही दोहराव दृष्टिगोचर होता है। 

निष्कर्ष निकलता है कि प्रस्तुत भवन एक उत्कृष्ट भवन की कक्षा में आता है जिसमें ज्यामितीय व

सूचना व फोटो आभार:  कांता प्रसाद शुक्ला

  * यह आलेख भवन कला संबंधी है न कि मिल्कियत संबंधी, भौगोलिक स्तिथि संबंधी।  भौगोलिक व मिलकियत की सूचना श्रुति से मिली है अत: अंतर  के लिए सूचना दाता व  संकलन  कर्ता उत्तरदायी नही हैं . 

  Copyright @ Bhishma Kukreti, 2021   

  रुद्रप्रयाग , गढवाल   तिबारियों , निमदारियों , डंड्यळियों, बाखलीयों   ,खोली, कोटि बनाल )   में काष्ठ उत्कीर्णन कला /अलंकरण ,

 

Traditional House Wood Carving Art (Tibari) of Garhwal , Uttarakhand , Himalaya ; Traditional House wood Carving Art of  Rudraprayag  Tehsil, Rudraprayag    Garhwal   Traditional House wood Carving Art of  Ukhimath Rudraprayag.   Garhwal;  Traditional House wood Carving Art of  Jakholi, Rudraprayag  , Garhwal, नक्काशी, जखोली , रुद्रप्रयाग में भवन काष्ठ कला,   ; उखीमठ , रुद्रप्रयाग  में भवन काष्ठ कला अंकन,  उत्कीर्णन  , खिड़कियों में नक्काशी , रुद्रप्रयाग में दरवाज़ों में उत्कीर्णन  , रुद्रप्रयाग में द्वारों में  उत्कीर्णन  श्रृंखला आगे निरंतर चलती रहेंगी

Bhishma Kukreti:
कुणजेठी (कालीमठ , रुद्रप्रयाग ) में सेमवाल परिवार भवन में काष्ठ कला अलंकरण उत्कीर्णन  अंकन

Traditional House wood Carving Art of Kunjethi , Kalimath  Rudraprayag         : 

गढ़वाल, कुमाऊँ के भवन (तिबारी, निमदारी, बाखली,जंगलेदार  मकान, खोलियों ) में पारम्परिक गढवाली शैली की काष्ठ कला अलंकरण उत्कीर्णन  अंकन,-586 

 

 

 संकलन - भीष्म कुकरेती

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सचिदा नंद सेमवाल से कई क्षेत्रों के  भवनों की सुचना इस लेखक को मिलीं हैं। 

प्रस्तुत कुणजेठी (कालीमठ , रुद्रप्रयाग ) में सेमवाल परिवार भवन दुपुर व दुखंड भवन है।  प्रस्तुत कुणजेठी (कालीमठ , रुद्रप्रयाग ) में सेमवाल परिवार भवन के तल मंजिल में सपाट ज्यामितीय कला के दर्शन होते हैं।  प्रस्तुत कुणजेठी (कालीमठ , रुद्रप्रयाग ) में सेमवाल परिवार भवन में काष्ठ कला प्रथम तल के जंगले में दृष्टिगोचर होते हैं।  जंगले में दस से अधिक स्तम्भ (सिंगाड़ या खांम ) हैं। जंगला दो तरफ है।   प्रत्येक स्तम्भ आधार में थांत (क्रिकेट बैट ब्लेड जैसा ) की आकृति वाले हैं व ऊपर भी थांत आकृति के  स्तम्भ हैं।  स्तम्भ के मध्य में दो स्थलों में चूड़ियां कटी हैं जैसे गंजेळा (मूसल )  में होती हैं। 

प्रस्तुत कुणजेठी (कालीमठ , रुद्रप्रयाग ) में सेमवाल परिवार भवन के जंगले के आधार से डेढ़ फुट ऊपर रेलिंग हैं जिसके व आधार की छड़ी/कड़ी  मध्य  एक उप जंगल है जिसमे XX  आकृति की कला दृष्टिगोचर होती है। 

प्रस्तुत कुणजेठी (कालीमठ , रुद्रप्रयाग ) में सेमवाल परिवार भवन अपने युवा काल में प्रसिद्ध भवन था व क्षेत्र में प्रसिद्ध भवनों में एक भवन था। 

प्रस्तुत कुणजेठी (कालीमठ , रुद्रप्रयाग ) में सेमवाल परिवार भवन में ज्यामितीय कटान की ही काष्ठ कला मिलती है। 

सूचना व फोटो आभार:  सचिदा नंद सेमवाल

 

  * यह आलेख भवन कला संबंधी है न कि मिल्कियत संबंधी, भौगोलिक स्तिथि संबंधी।  भौगोलिक व मिलकियत की सूचना श्रुति से मिली है अत: अंतर  के लिए सूचना दाता व  संकलन  कर्ता उत्तरदायी नही हैं . 

  Copyright @ Bhishma Kukreti, 2021   

  रुद्रप्रयाग , गढवाल   तिबारियों , निमदारियों , डंड्यळियों, बाखलीयों   ,खोली, कोटि बनाल )   में काष्ठ उत्कीर्णन कला /अलंकरण ,

 

Traditional House Wood Carving Art (Tibari) of Garhwal , Uttarakhand , Himalaya ; Traditional House wood Carving Art of  Rudraprayag  Tehsil, Rudraprayag    Garhwal   Traditional House wood Carving Art of  Ukhimath Rudraprayag.   Garhwal;  Traditional House wood Carving Art of  Jakholi, Rudraprayag  , Garhwal, नक्काशी, जखोली , रुद्रप्रयाग में भवन काष्ठ कला,   ; उखीमठ , रुद्रप्रयाग  में भवन काष्ठ कला अंकन,  उत्कीर्णन  , खिड़कियों में नक्काशी , रुद्रप्रयाग में दरवाज़ों में उत्कीर्णन  , रुद्रप्रयाग में द्वारों में  उत्कीर्णन  श्रृंखला आगे निरंतर चलती रहेंगी

Bhishma Kukreti:
बरदूगाँव (पुडेर गाँव पौड़ी गढ़वाल ) में रौतेला परिवार की तिबारी में काष्ठ कला अलंकरण,  उत्कीर्णन , अंकन

    Tibari, Traditional  House Wood Art in House of  Bardu ganv  Puder  Ganv   , Pauri Garhwal       
गढ़वाल, के  भवनों  (तिबारी,निमदारी,जंगलेदार मकान,,,खोली ,मोरी,कोटिबनाल ) में  गढवाली  शैली   की  काष्ठ कला अलंकरण,  उत्कीर्णन , अंकन -587

 संकलन - भीष्म कुकरेती   
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प्रस्तुत भवन बरदूगाँव (पुडेर गाँव पौड़ी गढ़वाल ) में रौतेला परिवार का भवन दुपुर व दुखंड व भव्य तिबारी युक्त है।   बरदूगाँव (पुडेर गाँव पौड़ी गढ़वाल ) में रौतेला परिवार का भवन के छज्जे में तिबारी  व तिबारी नुमा जंगला है। 
तिबारी व जंगले  के स्तम्भ भव्य हैं।  स्तम्भ वास्तव में हैं तो ज्यामितीय कटान की किन्तु ऊपर तोरणम (मेहराब , arch ) ने 9  से अधिक स्तम्भों को भव्य बना दिया है।  तोरणम के स्कंध भी ज्यामितीय कटान से सपाट ही निर्मित हैं। 
 बरदूगाँव (पुडेर गाँव पौड़ी गढ़वाल ) में रौतेला परिवार का भवन के अन्य भागों में ज्यामितीय कटान की काष्ठ कला ही दृष्टिगोचर हो रही है। 
निष्कर्ष निकलता है कि  बरदूगाँव (पुडेर गाँव पौड़ी गढ़वाल ) में रौतेला परिवार का भवन काष्ठ कला में भव्य है किन्तु केवल ज्यामितीय कटान ही दीखता है। 
सूचना व फोटो आभार: ब्रिज मोहन शर्मा
यह लेख  भवन  कला संबंधित  है . भौगोलिक स्थिति व  मालिकाना   जानकारी  श्रुति से मिलती है अत: यथास्थिति में अंतर हो सकता है जिसके लिए  सूचना  दाता व  संकलन कर्ता  उत्तरदायी  नही हैं .
Copyright @ Bhishma Kukreti, 2021
गढ़वाल,  कुमाऊँ , उत्तराखंड , हिमालय की भवन  (तिबारी, निमदारी , जंगलादार  मकान ,बाखली ,  बाखई, कोटि बनाल  ) काष्ठ  कला अंकन नक्काशी श्रृंखला  जारी रहेगी   - 

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