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Idioms Of Uttarakhand - उत्तराखण्डी (कुमाऊँनी एवं गढ़वाली) मुहावरे

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एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:

Rajesh JI,

Sahi kaha aap ne. I have also heard this Muhawra..


--- Quote from: rajesh.joshee on October 29, 2007, 03:03:25 PM ---एक और मुहावरा याद आ रहा ही 
मुसे की गाव गाव बिराऊ का खेल
अर्थात किसी दूसरे के दुःख में किसी को आनंद मिलता है.

--- End quote ---

राजेश जोशी/rajesh.joshee:
Mehta ji
एक और मुहावरा है
सिसौण क जस पात उल्ट लै लागूं सुल्ट लै
अर्थात दुगल्ला पना करना

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
राजेश जी.

एक मुहावरा एक देखिये ..
" माघ महीना बाकर हरायो, चैत महीना में हक हाक !!"

इसका मतलब है भी घटना के घटने के बहुत देर मे react करना !

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:

एक प्रसिद्ध उत्तराखंड का मुहावरा  ..

 "जैली  थाई, वैली पाई "

इसका मतलब है .. जिसने धीरज रखा या कष्ट को सहा उसने विजय पाई .

एम.एस. मेहता /M S Mehta 9910532720:
एक और उत्तराखंडी मुहबरा ..

"सौ घात चोर की , एक घात गुसाई क".

इसका मतलब चोर कितना भी शातिर क्यो न हो, एक बार को फस जाता है.   

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