दोस्तों,
बचपन के वो दिन आपको याद होंगे जब पहाडों मे आप ने बुजुर्गो की कई गालियां सुनी होंगी, जो कि वे प्यार से दिया करते थे और सुनने वाला भी उनका कभी बुरा नही मानता था! हालांकि इन गालियों का वास्तविक अर्थ सुनने मे ग़लत लगता हो लेकिन गाली के पीछे मंशा कभी गलत नही होती थी !
यहां पर हम कुछ ऎसी ही गालियों के बारे मे चर्चा करेंगे।
एम् एस मेहता