सिस्टम पर करारी चोट कर गया बुढ़देवा
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लोकनाट्य बुढ़देवा माघ मेला मंच से जिले की तस्वीर को बखूबी पेश कर गया। सिस्टम पर करारी चोट करते बुढ़देवा के विदूषक चरित्र के व्यंगबाणों से जिले का कोई भी 'जिम्मेदार' नहीं बच सका।
चमोली जनपद की अलकनंदा घाटी में प्रचलित इस लोकनाट्य को केंद्र के पूर्व निदेशक डॉ.डीआर पुरोहित की कोशिशों से बाकी दुनिया के सामने आ सकी है। इस अनूठी शैली की खासियत यह है कि जहां इसे प्रस्तुत किया जाता है वहीं के मुद्दों पर बुढ़देवा का चरित्र अपनी बेबाक राय देने के साथ ही सवालों के जवाब भी देता है। अजीत पंवार के निर्देशन में बुढ़देवा के चरित्र में पंकज नैथानी का अभिनय सराहा गया। नाटक के दौरान लोकगीतों व मुखौटा शैली के नृत्यों की भी प्रस्तुति होती है। लोकगायन में संजय पांडे के साथ ही नवीन जोशी, गणेश बलूनी, दीपक बिष्ट, अरविंद पच्छिमी, मनीष, गणेश, यतेंद्र बहुगुणा, राजीव तलवाड़, मुकेश पैन्यूली, प्रमोद पैन्यूली, जयप्रकाश राणा ने भी अपनी भूमिकाओं में सराहना बटोरी।
चार घंटे तक चक्रव्यूह में बंधे रहे दर्शक
उत्तरकाशी : उत्तराखंड कला मंच पुजार गांव धनारी की कलाकारों ने अभिमन्यु के रूप में पंकज उनियाल व अर्जुन के पात्र के रूप में राजारामभट्ट का अभिनय भाव विभोर करने वाला रहा। चक्रव्यूह का शुभारंभ पं.सुरेश शास्त्री ने मंत्रोच्चार से किया। इसके बाद गढ़वाली और हिंदी संवादों के जरिये यह प्रस्तुति परवान चढ़ती गई। अन्य कलाकारों में रोशन, शोभा, कुलदीप उनियाल शामिल थे। प्रस्तुति का निर्देशन दिनेश चंद्र नौटियाल ने किया।
माघ मेले में चुनावी छौंका
उत्तरकाशी : जनता इकट्ठी हो तो राजनीति करने वाले कहां बाज आ सकते हैं। अगले साल आने वाले विधानसभा चुनावों के लिये भी मेला मंच का उपयोग होता नजर आया। सिर्फ माइक पर गला साफ करना ही नहीं बल्कि नेताओं के महिमामंडन के गीत भी मंच से गवा दिये गये। क्षेत्रीय विधायक, ब्लाक प्रमुख भटवाड़ी, जिला पंचायत उपाध्यक्ष के नाम के गीत बाकायदा कार्यक्रमों को रुकवा कर गाए गए। हालांकि इन गीतों का सुर ताल और शब्द विन्यास से कोई लेना देना नहीं था।
माघ मेला 2011 का समापन
उत्तरकाशी : माघ मेला 2011 का औपचारिक समापन हो गया। शुक्रवार को जिला पंचायत उपाध्यक्ष चंद्ररेखा पंवार ने मेले के समापन की घोषणा की। इस बार मौसम की बेरुखी और विवादों की छाया पूरे माघ मेले पर पड़ी रही। यही वजह है कि मेला समापन पर जिला पंचायत के अधिकारियों व कर्मचारियों ने राहत की सांस ली। समापन समारोह सादे ढंग से ही निपटा दिया गया।
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