Go through this news.
पूर्व सीएम तिवारी का पैतृक गांव खतरे की जद में
पदमपुरी में सोमवारी बाबा आश्रम मार्ग व पुल को भी खतरा
हल्द्वानी: पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी का पैतृक आवास दैवीय आपदा की चपेट में है। कलशा नदी के रौद्र रूप व सड़क निर्माण की खामियों के चलते मकानों एवं कृषि भूमि मलबे की चपेट है। साथ ही सोमवारी बाबा आश्रम मार्ग व पुल भी खतरे की जद में है। ऐसे में अब ग्रामीण बारिश की आहट भर से भयभीत हैं।
पूर्व सीएम एनडी तिवारी का पदमपुरी में पैतृक आवास है। श्री तिवारी के बड़े भाई दुर्गादत्त तिवारी का कहना है कि वर्ष 2005-06 में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत गांव से होकर सड़क बनी, लेकिन इस मार्ग के स्कपर जगह-जगह खेती योग्य भूमि में छोड़ दिए गए, जिससे मामूली बरसात में भी सड़क का पानी इन स्कपरों के जरिए खेतों को मलबे से पाट रहा है। साथ ही यहां बहने वाली कलशा नदी ने भी सितंबर 2010 की भीषण बारिश में रौद्र रूप धर लिया था। जिससे खेतों की मेढ़ व दीवारें बह गई। साथ ही सोबन सिंह का मकान टूट गया था, जिसमें दो जानें भी गई थी। यही स्थिति पिछले माह हुई बरसात में दिखी। जिससे पूर्व सीएम का आवास भी खतरे की जद में आ गया है। श्री दुर्गादत्त का कहना है कि तराई सिंचाई खंड लोनिवि दफ्तर में भी स्कपरों को बंद करने की शिकायत की गई है। साथ ही शासन-प्रशासन को भी लिखा गया है, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है। उनका कहना है कि कलशा नदी की बाढ़ से सोमवारी बाबा आश्रम मार्ग तथा पुल को भी खतरा उत्पन्न हो गया है। ऐसे में शासन-प्रशासन की नींद जल्द न टूटी तो हालात कभी भी बिगड़ सकते हैं।
http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttranchal/4_5_8176328.html