Uttarakhand > Music of Uttarakhand - उत्तराखण्ड का लोक संगीत
Tribute To Gopal Babu Goswami - गोपाल बाबू गोस्वामी(महान गायक) की यादे
पंकज सिंह महर:
हाई तेरी रुमालाऽऽऽऽऽऽऽ
हाई तेरी रुमाला, गुलाबी मुखड़ी,
के भली छाजी रै, नाखे की नथुली,
हाई तेरी रुमालाऽऽऽऽऽऽऽ
गावै गलोबन्द, हाथे की धागुली,
चम-चम चमकी रै, कपायी बिन्दुली,
हाई तेरी रुमालाऽऽऽऽऽऽऽ
सनीलै घाघरी, मखमली आंगड़ी,
कि भली छाजी रै, रंगीली पिछौड़ी,
हाई तेरी रुमालाऽऽऽऽऽऽऽ
तेरी गाव जंजीरा, हाथु की पौंचियां,
छन-छन छनकी रे, कलाई चूडि़यां,
हाई तेरी रुमालाऽऽऽऽऽऽऽ
Risky Pathak:
बखता तेरी ब्ले ल्ह्यून
दूध हरायो, घ्यू हरायो, छा हराई नोणी
दूध हरायो, घ्यू हरायो, छा हराई नोणी
दै हरायो, पराई हारई, भदयाओ पुरानी
गौर भैसी कसाई ल्ही जाछा, हौ बै काणि बल्दा
गौर भैसिन को शराप लाग गो यो पहाड़ मे जा
सोयाबीन पोडर दूध चली गो पहाड़ा
बाँझ है गई भैसिनक थाना , गोरु का गोठ्येरा
कि हैरो आजकल सुनो
ओ घर घर आज है ग्ये चहा चूसा चूस
ओ घर घर आज है ग्ये चहा चूसा चूस
डोकुआ पुसुली ब्ये रे, ठ्येकी भानी मूस
डोकुआ पुसुली ब्ये रे, ठ्येकी भानी मूस
हे घर घर आज देखो चहा चूसा चूस
हे घर घर आज देखो चहा चूसा चूस
हे होसिया, चहा की घुटुक मारी, दुर्गा रुक कसी
चहा की घुटुक मारी, दुर्गा रुक कसी
चहा का दगर लगे गुडा की कटुकी
आँख बुझे बुड मारू चहा की सुडुकी
आँख बुझे बुड मारू चहा की सुडुकी
जूठ चहा आपुन बुन की डूबी रे छे बुडी
अरे दूध हरायो नान्तिना लिजी
ओ चहा चूसा चूस
ऐ सुखी रे मुखडी देखो चहा चूसा चूस
ओ आजकल घर है ग्ये चहा चूसा चूस
डोकुआ पुसुली ब्ये रे, ठ्येकी भानी मूस
डोकुआ बिराई ब्ये रे, ठ्येकी भानी मूस
घर घर आज देखो चहा चूसा चूस
घर घर आज देखो चहा चूसा चूस
हे नान्तिना बीच, घर घर देखो आज चहा चूसा चूस
डोकुआ बिराई ब्ये रे, ठ्येकी भानी मूस
दस पाँच पड़ी च्येल ब्वारी कूनी हम ज़िम्दारी ने कूना
च्येली च्येला पगली रई नोकरी पछिला
फैशनु व्यसनु माजा आजकल जोरा
बिगदन लागी आजकल लौंडा
टीवी ऐ गे पहाड़ मे, अब गोनु कोनु माजा
टीवी का सामणि बैठी, तानि रूनी आँखा
टीवी का सामणि बैठी, तानि रूनी आँखा
रे घर घर आज देखो चहा चूसा चूस
रे घर घर आज देखो चहा चूसा चूस
ऐ डोकुआ लाछुली ब्ये रे, ठ्येकी भानी मूस
ऐ डोकुआ पुसुली ब्ये रे, ठ्येकी भानी मूस
ऐ बखता तू कस देखो रे, देख्नु जानी कसे
ऐ बखता तू कस देखो रे, देख्नु जानी कसे
ऐ डोकुआ लछुली ब्ये रे, ठ्येकी भानी मूस
ऐ डोकुआ लछुली ब्ये रे, ठ्येकी भानी मूस
ऐ डोकुआ लछुली ब्ये रे, ठ्येकी भानी मूस
ऐ डोकुआ बिरायी ब्ये रे, ठ्येकी भानी मूस
यो ठ्येकी भानी मूस
यो ठ्येकी भानी मूस
यो ठ्येकी भानी मूस
यो ठ्येकी भानी मूस
यो ठ्येकी भानी मूस
यो ठ्येकी भानी मूस
यो ठ्येकी भानी मूस
यो ठ्येकी भानी मूस
Risky Pathak:
ॐ सर्व मंगल मंगल, शिव सर्वार्ध सादिके, शरणे अम्बिके गौरी, नारायणी नमुस्तते
देवी वराही मेरी सेवा लिहा वर देणे होया
देवी वराही मेरी सेवा लिहा हो....
देवी वराही मेरी सेवा लिहा वर देणे होया
अक्षत चंदन फूल पाति
अक्षत चंदन फूल पाति
दियो न बाति
दियो न बाती मेरी सेवा लिहा हे
देवी वराही मेरी सेवा लिहा वर देणे होया
देवी वराही मेरी सेवा लिहा हो....
तुमेरी शरण आयू...
भेट ओ की क्या लायु
शाल हरिया
शाल हरिया मेरी सेवा लिहा हे......
देवी वराही मेरी सेवा लिहा वर देणे होया
देवी वराही मेरी सेवा लिहा हो....
हम मागनी भया
जनम मागन रया
तुम दानी होया
तुम दानी होया मेरी सेवा लिहा हे.......
देवी वराही मेरी सेवा लिहा वर देणे होया
देवी वराही मेरी सेवा लिहा हो....
तुमेरी सरन आयू
पांच देव म्येरा
किरपा करिया
किरपा करिया मेरी सेवा लिहा हे.......
देवी वराही मेरी सेवा लिहा वर देणे होया
देवी वराही मेरी सेवा लिहा हो....
पंकज सिंह महर:
रुपसा रमोती घुंघुर नि बाजा छम....
छुमा जागी जा, माठु-माठु जौलां, किलै जांछी छुम...
छमा रुपसा रमोती, घुंघुर नी बाजा छम्मऽऽऽऽ।
हेऽऽ रुपसाऽऽऽऽऽऽ
निगाव की मानी, तू सेव की जसी डाणीऽऽऽ,
निकर-निकर भागी, तू मेरी नी खानी, नी खालीऽऽऽऽ मैं के टोकली,
झंवर नी बाजा छम्म, छमा रुक जा माठु-माठु जौंला
किले जांछी, छमा,
ओ रुपसा रमोती घुंघुर नी बजा छमऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽ।
हे परुलीऽऽऽऽऽऽ
जौलजीबे म्यावा नि जा, इकेली रुपसाऽऽऽऽ।
तु कैं सटका ली झालो क्वै गोरखिया-भोटिया, जागी जा,
फरकी बे नि चा, घुंघुर नी बजा छम्म....
रुक जा माठु-माठु जौला, किलै जांछी छम्म,
रुपसा रमोती घुंघुर नि बाजा छम....
छुमा जागी जा, माठु-माठु जौलां, किलै जांछी छुम...
छमा रुपसा रमोती, घुंघुर नी बाजा छम्मऽऽऽऽ।
हुक्का बू:
धन शाबास......!
धन शाबास रे नान्तिनो, भौते भल काम करनोछा तुम लोग, लागी रओ पोथियो,
जी रया, जारी रया।
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